2. वह अन्धकार और तिमिर का दिन है, वह बदली का दिन है और अन्धियारे का सा फैलता है। जैसे भोर का प्रकाश पहाड़ों पर फैलता है, वैसे ही एक बड़ी और सामर्थी जाति आएगी; प्राचीनकाल में वैसी कभी न हुई, और न उसके बाद भी फिर किसी पीढ़ी में होगी।।
मत्ती 24:21
2. A day of darkenesse, and of blacknesse, a day of cloudes, and obscuritie, as the morning spred vpon the mountaines, so is there a great people, and a mighty: there was none like it from the beginning, neither shalbe any more after it, vnto the yeeres of many generations.