8. हे एप्रैम, मैं तुझे क्योंकि छोड़ दूं? हे इस्राएल, मैं क्योंकर तुझे शत्रु के वश में कर दूं? मैं क्योंकर तुझे अदमा की नाई छोड़ दूं, और सबोयीम के समान कर दूं? मेरा हृदय तो उलट पुलट हो गया, मेरा मन स्नेह के मारे पिघल गया है।
8. How may I give you up, O Ephraim? how may I be your saviour, O Israel? how may I make you like Admah? how may I do to you as I did to Zeboim? My heart is turned in me, it is soft with pity.