7. हे प्रभु, तू धर्मी है, परन्तु हम लोगों को आज के दिन लज्जित होना पड़ता है, अर्थात् यरूशलेम के निवासी आदि सब यहूदी, क्या समीप क्या दूर के सब इस्राएली लोग जिन्हें तू ने उस विश्वासघात के कारण जो उन्होें ने तेरा किया था, देश देश में बरबस कर दिया है, उन सभों को लज्जित होना पड़ता है।
7. 'O Lord, righteousness [belongs] to You, but to us shame of face, as [it is] this day -- to the men of Judah, to the inhabitants of Jerusalem and all Israel, those near and those far off in all the countries to which You have driven them, because of the unfaithfulness which they have committed against You.