7. राज्य के सारे अध्यक्षों ने, और हाकिमों, अधिपतियों, न्यायियों, और गवर्नरों ने भी आपास में सम्मति की है, कि राजा ऐसी आज्ञा दे और ऐसी कड़ी आज्ञा निकाले, कि तीस दिन तक जो कोई, हे राजा, तुझे छोड़ किसी और मनुष्य वा देवता से बिनती करे, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाए।
7. রাজ্যের অধ্যক্ষগণ, প্রতিনিধিগণ, ক্ষিতিপালগণ, মন্ত্রিগণ ও দেশাধ্যক্ষগণ সকলে মন্ত্রণা করিয়া এমন রাজাজ্ঞা স্থাপন ও দৃঢ় প্রতিষেধবিধি প্রচার করিতে বিহিত বুঝিয়াছেন যে, যদি কেহ ত্রিশ দিন পর্য্যন্ত মহারাজ ব্যতীত কোন দেবতার কিম্বা মানুষের কাছে প্রার্থনা করে, তবে হে রাজন্, সে সিংহদের খাতে নিক্ষিপ্ত হইবে।