17. और वे तेरे विषय में विलाप का गीत बनाकर तुझ से कहेंगे, हाय ! मल्लाहों की बसाई हुई हाय ! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियों समेत सामथ रही और सब टिकनेवालों की डरानेवाली नगरी थी, तू कैसी नाश हुई है?
प्रकाशितवाक्य 18:10, प्रकाशितवाक्य 18:9
17. 'They will take up a lamentation over you and say to you, 'How you have perished, O inhabited one, From the seas, O renowned city, Which was mighty on the sea, She and her inhabitants, Who imposed her terror On all her inhabitants!