26. उसके याजकों ने मेरी व्यवस्था का अर्थ खींचखांचकर लगाया है, और मेरी पवित्रा वस्तुओं को अपवित्रा किया है; उन्हों ने पवित्रान्अपवित्रा का कुछ भेद नहीं माना, और न औरों को शुद्ध- अशुद्ध का भेद सिखाया है, और वे मेरे विश्रामदिनों के विषय में निश्चिन्त रहते हैं, जिस से मैं उनके बीच अपवित्रा ठहरता हूँ।
26. Israel's priests do cruel things to my teachings and do not honor my holy things. They make no difference between holy and unholy things, and they teach there is no difference between clean and unclean things. They do not remember my Sabbaths, so I am dishonored by them.