Ezekiel - यहेजकेल 22 | View All

1. और यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. আর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইল,

2. हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उस हत्यारे नगर का न्याय न करेगा? क्या तू उसका न्याय न करेगा? उसको उसके सब घिनौने काम जता दे,

2. হে মনুষ্য-সন্তান, তুমি কি বিচার করিবে? সেই রক্তলিপ্তা নগরীর বিচার করিবে? তবে তাহার সমস্ত ঘৃণার্হ ক্রিয়া তাহাকে জ্ঞাত কর।

3. और कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, हे नगर तू अपने बीच में हत्या करता है जिस से तेरा समय आए, और अपनी ही हानि करने और अशुद्ध होने के लिये मूरतें बनाता है।

3. তুমি বলিবে, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, এ সেই নগরী, যে আপনার মধ্যে রক্তপাত করিয়া থাকে, যেন তাহার কাল উপস্থিত হয়; সে আপনার জন্য পুত্তলিগণকে নির্ম্মাণ করিয়া থাকে, যেন সে অশুচি হয়।

4. जो हत्या तू ने की है, उस से तू दोषी ठहरी, और जो मूरतें तू ने बनाई है, उनके कारण तू अशुद्ध हो गई है; तू ने अपने अन्त के दिन को समीप कर लिया, और अपने पिछले वषा तक पहुंच गई है। इस कारण मैं ने तुझे जाति जाति के लोगों की ओर से नामधराई का और सब देशों के ठट्ठे का कारण कर दिया है।

4. তুমি যে রক্তপাত করিয়াছ, তদ্দ্বারা তুমি দণ্ডনীয়া হইয়াছ, ও তুমি যে যে পুত্তলি নির্ম্মাণ করিয়াছ, তদ্দ্বারা অশুচি হইয়াছ; এবং তুমি আপনার দিন সন্নিকট করিয়াছ, ও আপন আয়ুর অন্তে উপস্থিত হইয়াছ; এইজন্য আমি তোমাকে জাতিগণের ও সকল দেশের কাছে বিদ্রূপের পাত্র করিলাম।

5. हे बदनाम, हे हुल्लड़ से भरे हुए नगर, जो निकट और जो दूर है, वे सब तुझे ठट्ठों में उड़ाएंगे।

5. তোমার নিকটস্থ ও দূরস্থ সকলে তোমাকে বিদ্রূপ করিবে, তুমি ত অশুচিনামিকা ও কলহপূর্ণা।

6. देख, इस्राएल के प्रधान लोग अपने अपने बल के अनुसार तुझ में हत्या करनेवाले हुए हैं।

6. দেখ, ইস্রায়েলের অধ্যক্ষগণ, প্রত্যেকে আপন আপন ক্ষমতা অনুসারে, তোমার মধ্যে রক্তপাত করিবার জন্য থাকিয়া আসিয়াছে।

7. तुझ में माता- पिता तुच्छ जाने गए हैं; तेरे बीच परदेशी पर अन्धेर किया गया; और अनाथ और विधवा तुझ में पीसी गई हैं।

7. তোমার মধ্যে পিতামাতাকে তুচ্ছ করা হইয়াছে; তোমার মধ্যে বিদেশীর প্রতি উপদ্রব করা হইয়াছে; তোমার মধ্যে পিতৃহীনের ও বিধবার প্রতি দৌরাত্ম্য করা হইয়াছে।

8. तू ने मेरी पवित्रा वस्तुओं को तुच्छ जाना, और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्रा किया है।

8. তুমি আমার পবিত্র বস্তু সকল অবজ্ঞা করিয়াছ, ও আমার বিশ্রামদিন সকল অপবিত্র করিয়াছ।

9. तुझ में लुच्चे लोग हत्या करने का तत्पर हुए, और तेरे लोगों ने पहाड़ों पर भोजन किया है; तेरे बीच महापाप किया गया है।

9. রক্তপাত করণার্থে তোমার মধ্যে কর্ণেজপ লোক থাকিয়া আসিয়াছে; এবং তোমার মধ্যে লোকে পর্ব্বতের উপরে ভোজন করিয়াছে; তোমার মধ্যে লোকে কুকর্ম্ম করিয়াছে;

10. तुझ में पिता की देश उधारी गई; तुझ में ऋतुमती स्त्री से भी भोग किया गया है।

10. তোমার মধ্যে লোকে পিতার উলঙ্গতা অনাবৃত করিয়াছে; তোমার মধ্যে লোকে ঋতুমতী অশুচি স্ত্রীকে বলাৎকার করিয়াছে;

11. किसी ने तुझ में पड़ोसी की स्त्री के साथ घिनौना काम किया; और किसी ने अपनी बहू को बिगाड़कर महापाप किया है, और किसी ने अपनी बहिन अर्थात् अपने पिता की बेटी को भ्रष्ट किया है।

11. তোমার মধ্যে কেহ আপন প্রতিবাসীর স্ত্রীর সহিত ঘৃণার্হ কার্য্য করিয়াছে; কেহ বা আপন পুত্রবধূকে কুকর্ম্মে অশুচি করিয়াছে; আর কেহ বা তোমার মধ্যে আপনার ভগিনীকে, আপন পিতার কন্যাকে, বলাৎকার করিয়াছে।

12. तुझ में हत्या करने के लिये उन्हों ने घूस ली है, तू ने ब्याज और सूद लिया और अपने पड़ोसियों को पीस पीसकर अन्याय से लाभ उठाया; और मुझ को तू ने झुला दिया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।

12. রক্তপাত করণার্থে তোমার মধ্যে লোকে উৎকোচ গ্রহণ করিয়াছে; তুমি সুদ ও বৃদ্ধি লইয়াছ, উপদ্রব করিয়া লোভে প্রতিবাসীদের কাছে লাভ করিয়াছ, এবং আমাকেই ভুলিয়া গিয়াছ, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।

13. सो देख, जो लाभ तू ने अन्याय से उठाया और अपने बीच हत्या की है, उस से मैं ने हाथ पर हाथ दे मारा है।

13. অতএব দেখ, তুমি যে অন্যায় লাভ করিয়াছ, ও তোমার মধ্যে যে রক্তপাত হইয়াছে, তন্নিমিত্ত আমি করে করাঘাত করিয়াছি।

14. सो जिन दिनों में तेरा न्याय करूंगा, क्या उन में तेरा हृदय दृढ़ यौर तेरे हाथ स्थिर रह सकेंगे? मुझ यहोवा ने यह कहा है, और ऐसा ही करूंगा।

14. আমি যে সময় তোমার কাছে নিকাশ লইব, সেই সময়ে তোমার অন্তঃকরণ কি সুস্থির থাকিবে? তোমার হস্ত কি সবল থাকিবে? আমি সদাপ্রভু ইহা বলিলাম, আর ইহা সিদ্ধ করিব।

15. मैं तेरे लोगों को जाति जाति में तितर- बितर करूंगा, और देश देश में छितरा दूंगा, और तेरी अशुद्धता को तुझ में से नाश करूंगा।

15. আমি তোমাকে জাতিগণের মধ্যে ছিন্নভিন্ন ও নানাদেশে বিকীর্ণ করিব, এবং তোমার মধ্য হইতে তোমার অশুচিতা দূর করিব।

16. और तू जाति जाति के देखते हुए अपनी ही दृष्टि में अपवित्रा ठहरेगी; तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ।

16. তুমি জাতিগণের সাক্ষাতে আপনার দোষে অপবিত্রীকৃত হইবে; তাহাতে তুমি জানিবে যে, আমিই সদাপ্রভু।

17. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

17. আর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইল,

18. हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल का घराना मेरी दृष्टि में धातु का मैल हो गया है; वे सब के सब भट्टी के बीच के पीतल और रांगे और लोहे और शीशे के समान बन गए; वे चान्दी के मैल के समान हो गए हैं।

18. হে মনুষ্য-সন্তান, ইস্রায়েল-কুল আমার কাছে খাদস্বরূপ হইয়াছে; তাহারা সকলে হাপরের মধ্যে পিত্তল, দস্তা, লৌহ ও সীসস্বরূপ; তাহারা রৌপ্যের খাদস্বরূপ হইয়াছে।

19. इस कारण प्रभु यहोवा उन से यों कहता है, इसलिये कि तुम सब के सब धातु के मैल के समान बन गए हो, हो देखो, तैं तुम को यरूशलेम के भीतर इकट्ठा करने पर हूँ।

19. অতএব প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন, তোমরা সকলে খাদস্বরূপ হইয়াছ, এইজন্য দেখ, আমি তোমাদিগকে যিরূশালেমের মধ্যে একত্র করিব।

20. जैसे लोग चान्दी, पीतल, लोहा, शीशा, और रांगा इसलिये भट्ठी के भीतर बटोरकर रखते हैं कि उन्हे आग फूंककर पिघलाएं, वैसे ही मैं तुम को अपने कोप और जलजलाहट से इकट्ठा करके वहीं रखकर पिघला दूंगा।

20. যেমন লোকে অগ্নিতে ফুঁ দিয়া গলাইবার জন্য রৌপ্য, পিত্তল, লৌহ, সীস ও দস্তা হাপরের মধ্যে একত্র করে, তদ্রূপ আমি আপন ক্রোধে ও প্রচণ্ড কোপে তোমাদিগকে একত্র করিব, এবং তথায় রাখিয়া গলাইব।

21. मैं तुम को वहां बटोरकर अपने रोष की आग से फूंकूंगा, और तुम उसके बीच पिघलाए जाओगे।

21. হাঁ, আমি তোমাদিগকে সংগ্রহ করিয়া আমার ক্রোধাগ্নিতে ফুঁ দিব, তাহাতে তোমরা তাহার মধ্যে গলিয়া যাইবে।

22. जैसे चान्दी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिस ने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है।

22. যেমন হাপরের মধ্যে রৌপ্য গলান যায়, তেমনি তাহার মধ্যে তোমাদিগকে গলান যাইবে; তাহাতে তোমরা জানিবে যে, আমি সদাপ্রভু তোমাদের উপরে আপন কোপ ঢালিলাম।

23. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

23. আর সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইল,

24. हे मनुष्य के सन्तान, उस देश से कह, तू ऐसा देश है जो शुद्ध नहीं हुआ, और जलजलाहट के दिन में तुझ पर वर्षा नहीं हुइ्रर्;

24. হে মনুষ্য-সন্তান, তুমি দেশকে বল, তুমি এমন এক দেশ, যাহা পরিষ্কৃত হয় নাই ও ক্রোধের দিনে বৃষ্টিতে সিক্ত হয় নাই।

25. तेरे भविष्यद्वक्ताओं ने तुझ में राजद्रोह की गोष्ठी की, उन्हों ने गरजनेवाले सिंह की नाई अहेर पकड़ा और प्राणियों को खा डाला है; वे रखे हुए अनमोल धन को छीन लेते हैं, और तुझ में बहुत स्त्रियों को विधवा कर दिया हे।

25. তথাকার ভাববাদিগণ তথায় চক্রান্ত করে; তাহারা এমন গর্জ্জনকারী সিংহের ন্যায়, যে মৃগ বিদারণ করে; তাহারা প্রাণীদিগকে গ্রাস করিয়াছে; তাহারা ধন ও বহুমূল্য বস্তু হরণ করে; তাহারা তথায় অনেক স্ত্রীকে বিধবা করিয়াছে।

26. उसके याजकों ने मेरी व्यवस्था का अर्थ खींचखांचकर लगाया है, और मेरी पवित्रा वस्तुओं को अपवित्रा किया है; उन्हों ने पवित्रान्अपवित्रा का कुछ भेद नहीं माना, और न औरों को शुद्ध- अशुद्ध का भेद सिखाया है, और वे मेरे विश्रामदिनों के विषय में निश्चिन्त रहते हैं, जिस से मैं उनके बीच अपवित्रा ठहरता हूँ।

26. তথাকার যাজকগণ আমার ব্যবস্থার প্রতি দৌরাত্ম্য করিয়াছে, ও আমার পবিত্র বস্তু সকল অপবিত্র করিয়াছে, পবিত্র ও সামান্যের কিছু বিশেষ রাখে নাই, শুচি অশুচির কোন প্রভেদ শিক্ষা দেয় নাই, ও আমার বিশ্রামদিন সকলের প্রতি চক্ষু মুদিয়াছে, আর আমি তাহাদের মধ্যে অপবিত্রীকৃত হইতেছি।

27. उसके प्रधान हुंड़ारों की नाई अहेर पकड़ते, और अन्याय से लाभ उठाने के लिये हत्या करते हैं और प्राण घात करने को तत्पर रहते हैं।
मत्ती 7:15

27. তথাকার অধ্যক্ষগণ তথায় এমন কেন্দুয়ার ন্যায়, যাহারা মৃগবিদারণ করে; তাহারা রক্তপাত করে, প্রাণ বিনাশ করে, যেন অন্যায় লাভ পাইতে পারে।

28. और उसके भविष्यद्वक्ता उनके लिये कच्ची लेसाई करते हैं, उनका दर्शन पाना मिध्या है; यहोवा के बिना कुछ कहे भी वे यह कहकर झूठी भावी बताते हैं कि 'प्रभु यहोवा यों कहता है'।

28. আর তথাকার ভাববাদিগণ তাহাদের জন্য কলি দিয়া [ভিত্তি] লেপন করিয়াছে, তাহারা অলীক দর্শন পায়, ও তাহাদের জন্য মিথ্যাকথারূপ মন্ত্র পড়ে; সদাপ্রভু কথা না কহিলেও তাহারা বলে, প্রভু সদাপ্রভু এই কথা কহেন।

29. देश के साधारण लोग भी अन्धेर करते और पराया धन छीनते हैं, वे दीन दरिद्र को पीसते और न्याय की चिन्ता छोड़कर परदेशी पर अन्धेेर करते हैं।

29. দেশের প্রজারা ভারী উপদ্রব করিয়াছে, পরের দ্রব্য বলপূর্ব্বক অপহরণ করিয়াছে, দুঃখী দরিদ্রের প্রতি দৌরাত্ম্য করিয়াছে, এবং বিদেশীর প্রতি অন্যায়পূর্ব্বক উপদ্রব করিয়াছে।

30. और मैं ने उन में ऐसा मनुष्य ढूंढ़ना चाहा जो बाड़े को सुधारे और देश के निमित्त नाके में मेरे साम्हने ऐसा खड़ा हो कि मुझे उसको नाश न करना पड़े, परन्तु ऐसा कोई न मिला।

30. আর আমি যেন দেশ বিনষ্ট না করি, এই জন্য তাহাদের মধ্যে এমন এক জন পুরুষকে অন্বেষণ করিলাম, যে তাহার প্রাচীর সারাইবে ও দেশের নিমিত্ত আমার সম্মুখে তাহার ফাটালে দাঁড়াইবে, কিন্তু পাইলাম না।

31. इस कारण मैं ने उन पर अपना रोष भड़काया और अपनी जलजलाहट की आग से उन्हें भस्म कर दिया है; मैं ने उनकी चाल उन्ही के सिर पर लौटा दी है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।।
प्रकाशितवाक्य 16:1

31. এই জন্য আমি তাহাদের উপরে আপন রোষ ঢালিলাম; আমি আপন কোপাগ্নি দ্বারা তাহাদিগকে সংহার করিলাম; তাহাদের কার্য্যের ফল তাহাদের মস্তকে দিলাম, ইহা প্রভু সদাপ্রভু বলেন।



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