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1. यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा, उठकर कुम्हार के घर जा,
1. যিরমিয়ের কাছে সদাপ্রভুর নিকট হইতে এই বাক্য উপস্থিত হইল,
2. और वहां मैं तुझे अपने वचन सुनवाऊंगा।
2. তুমি উঠিয়া কুম্ভকারের বাটীতে নামিয়া যাও, সেখানে আমি তোমাকে আমার বাক্য শুনাইব।
3. सो मैं कुम्हार के घर गया और क्या देखा कि वह चाक पर कुछ बना रहा है !
3. তখন আমি কুম্ভকারের বাটীতে নামিয়া গেলাম, আর দেখ, সে কুলালচক্রে কর্ম্ম করিতেছিল।
4. और जो मिट्टी का बासन वह बना रहा था वह बिगड़ गया, तब उस ने उसी का दूसरा बासन अपनी समझ के अनुसार बना दिया।
4. আর সে মৃত্তিকা দিয়া যে পাত্র নির্ম্মাণ করিতেছিল, তাহা যখন কুম্ভকারের হস্তে নষ্ট হইয়া গেল, তখন সে তাহা লইয়া আর এক পাত্র নির্ম্মাণ করিল, কুম্ভকারের দৃষ্টিতে যাহা ভাল, তদনুসারেই করিল।
5. तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, हे इस्राएल के घराने,
5. পরে সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হইল;
6. यहोवा की यह वाणी है कि इस कुम्हार की नाई तुम्हारे साथ क्या मैं भी काम नहीं कर सकता? देख, जैसा मिट्टी कुम्हार के हाथ में रहती है, वैसा ही हे इस्राएल के घराने, तुम भी मेरे हाथ में हो।रोमियों 9:21
6. সদাপ্রভু কহেন, হে ইস্রায়েল-কুল, তোমাদের সহিত আমি কি এই কুম্ভকারের ন্যায় ব্যবহার করিতে পারি না? হে ইস্রায়েল-কুল, দেখ, যেমন কুম্ভকারের হস্তে মৃত্তিকা, তেমনি আমার হস্তে তোমরা।
7. जब मैं किसी जाति वा राज्य के विषय कहूं कि उसे उखाड़ूंगा वा ढा दूंगा अथवा नाश करूंगा,
7. যখন আমি কোন জাতির কিম্বা রাজ্যের বিষয়ে উন্মূলনের, উৎপাটনের ও বিনাশের কথা বলি,
8. तब यदि उस जाति के लोग जिसके विषय मैं ने कह बात कही हो अपनी बुराई से फिरें, तो मैं उस विपत्ति के विषय जो मैं ने उन पर डालने को ठाना हो पछताऊंगा।
8. তখন আমি যে জাতির বিষয়ে কথা বলিয়াছি, তাহারা যদি আপন দুষ্টতা হইতে ফিরে, তবে তাহাদের যে অমঙ্গল করিতে আমার মনস্থ ছিল, তাহা হইতে আমি ক্ষান্ত হইব।
9. और जब मैं किसी जाति वा राज्य के विषय कहूं कि मैं उसे बनाऊंगा और रोपूंगा;
9. আর যখন আমি কোন জাতির কিম্বা রাজ্যের বিষয়ে গাঁথিয়া তুলিবার ও রোপন করিবার কথা বলি,
10. तब यदि वे उस काम को करें जो मेरी दृष्टि में बुरा है और मेरी बात न मानें, तो मैं उस भलाई के विष्य जिसे मैं ने उनके लिये करने को कहा हो, पछताऊंगा।
10. তখন তাহারা যদি আমার রব না মানিয়া আমার সাক্ষাতে কদাচরণ করে, তবে তাহাদের যে মঙ্গল করিতে আমার কথা ছিল, তাহা হইতে আমি ক্ষান্ত হইব।
11. इसलिये अब तू यहूदा और यरूशलेम के निचसियोें से यह कह, यहोवा यों कहता है, देखो, मैं तुम्हारी हानि की युक्ति और तुम्हारे विरूद्ध प्रबन्ध कर रहा हूँ। इसलिये तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिरो और अपना अपना चालचलन और काम सुधारो।
11. অতএব এখন তুমি গিয়া যিহূদার লোকদিগকে ও যিরূশালেম-নিবাসিগণকে বল, সদাপ্রভু এই কথা কহেন, দেখ, আমি তোমাদের বিরুদ্ধে অমঙ্গল প্রস্তুত করিতেছি, তোমাদের বিরুদ্ধে সঙ্কল্প করিতেছি; তোমরা প্রত্যেক জন আপন আপন কুপথ হইতে ফির, আপন আপন পথ ও আপন আপন ক্রিয়া ভাল কর।
12. परन्तु वे कहते हैं, ऐसा नहीं होने का, हम तो अपनी ही कल्पनाओं के अनुसार चलेंगे और अपने बुरे मन के हठ पर बने रहेंगे।
12. কিন্তু তাহারা বলে, আশা নাই, কেননা আমরা আপনাদেরই সঙ্কল্পানুসারে চলিব, প্রত্যেকে আপন আপন দুষ্ট হৃদয়ের কঠিনতা অনুসারে কর্ম্ম করিব।
13. इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, अन्यजातियों से पूछ कि ऐसी बातें क्या कभी किसी के सुनने में आई है? इस्राएल की कुमारी ने जो काम किया है उसके सुनने से रोम रोम खड़े हो जाते हैं।
13. এই জন্য সদাপ্রভু এই কথা কহেন, তোমরা এখন জাতিগণের মধ্যে জিজ্ঞাসা কর, এরূপ কথা কে শুনিয়াছে? ইস্রায়েল-কুমারী নিতান্ত রোমাঞ্চজনক কর্ম্ম করিয়াছে।
14. क्या लबानोन का हिम जो चट्टान पर से मैदान में बहता है बन्द हो सकता है? क्या वह ठण्डा जल जो दूर से बहता है कभी सूख सकता है?
14. লিবানোনের হিম কি ক্ষেত্রস্থ শৈলকে ত্যাগ করে? কিম্বা দূর হইতে আগত সুশীতল জলস্রোত কি লুপ্ত হয়?
15. परन्तु मेरी प्रजा मुझे भूल गई है; वे निकम्मी वस्तुओं के लिये धूप जलाते हैं; उन्हों ने अपने प्राचीनकाल के माग में ठोकर खाई है, और पगडण्डियों और बेहड़ माग में भटक गए हैं।
15. বাস্তবিক আমার প্রজাগণ আমাকে ভুলিয়া গিয়াছে, তাহারা অলীক বস্তুর উদ্দেশে ধূপ জ্বালাইতেছে, এবং ইহারা তাহাদের পথে, চিরন্তর মার্গে, তাহাদের বিঘ্ন ঘটাইয়াছে, তাহারা বিপথের, অপ্রস্তুত মার্গের, পথিক হইয়াছে।
16. इस से उनका देश ऐसा उजाड़ हो गया है कि लोग उस पर सदा ताली बजाते रहेंगे; और जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा और सिर हिलाएगा।
16. ইহাতে তাহারা আপন দেশকে বিস্ময়ের ও নিত্য শিশ শব্দের বিষয় করে; যে কেহ তাহার নিকট দিয়া গমন করিবে, সে বিস্ময়াপন্ন হইয়া মাথা নাড়িবে।
17. मैं उनको पुरवाई से उड़ाकर शत्रु के साम्हने से तितर- बितर कर दूंगा। उनकी विपत्ति के दिन मैं उनको मुंह नहीं परन्तु पीठ दिखाऊंगा।
17. যেমন পূর্ব্বীয় বায়ু করে, তেমনি আমি শত্রুদের সম্মুখে তাহাদিগকে ছিন্নভিন্ন করিব; তাহাদের বিপদের সময়ে তাহাদিগকে পৃষ্ঠ দেখাইব, মুখ নয়।
18. तब वे कहने लगे, चलो, यिर्मयाह के विरूद्ध युक्ति करें, क्योंकि न याजक से व्यवस्था, न ज्ञानी से सम्मति, न भविष्यद्वक्ता से वचन दूर होंगे। आओ, हम उसकी कोई बात पकड़कर उसको नाश कराएं और फिर उसकी किसी बात पर ध्यान न दें।
18. তখন তাহারা কহিল, চল, আমরা যিরমিয়ের বিরুদ্ধে পরামর্শ করি, কেননা যাজকের নিকট হইতে ব্যবস্থা, জ্ঞানবানের নিকট হইতে মন্ত্রণা ও ভাববাদীর নিকট হইতে বাক্য লুপ্ত হইবে না; চল, আমরা জিহ্বা দ্বারা উহাকে প্রহার করি, উহার কোন কথায় মনোযোগ না করি।
19. हे यहोवा, मेरी ओर ध्यान दे, और जो लोग मेरे साथ झगड़ते हैं उनकी बातें सुन।
19. হে সদাপ্রভু, আমার প্রতি মনোযোগ কর, যাহারা আমার সঙ্গে বিবাদ করে, তাহাদের রব শুন।
20. क्या भलाई के बदले में बुराई का व्यवहार किया जाए? तू इस बात का स्मरण कर कि मैं उनकी भलाई के लिये तेरे साम्हने प्रार्थना करने को खड़ा हुआ जिस से तेरी जलजलाहट उन पर से उतर जाए, और अब उन्हों ने मेरे प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।
20. উপকারের পরিশোধে কি অপকার করা হইবে? তাহারা ত আমার প্রাণের জন্য গর্ত্ত খনন করিয়াছে। স্মরণ কর, তাহাদের হইতে তোমার ক্রোধ ফিরাইবার চেষ্টায় আমি তাহাদের পক্ষে হিতবাক্য বলিবার জন্য তোমার সম্মুখে দাঁড়াইতাম।
21. इसलिये उनके लड़केबालों को भूख से मरने दे, वे तलवार से कट मरें, और उनकी स्त्रियां निर्वश और विधवा हो जाएं। उनके पुरूष मरी से मरें, और उनके जवान लड़ाई में तलवार से मारे जाएं।
21. অতএব তুমি তাহাদের সন্তানগণকে দুর্ভিক্ষে সমর্পণ কর, তাহাদিগকে খড়্গের হস্তগত কর, আর তাহাদের স্ত্রীগণ পুত্রহীনা ও বিধবা হউক, তাহাদের পুরুষেরা মারীতে বিনষ্ট ও তাহাদের যুবকগণ সংগ্রামে খড়্গহত হউক।
22. जब तू उन पर अचानक शत्रुदल चढ़ाए, तब उनके घरों से चिल्लाहट सुनाई दे ! क्योंकि उन्हों ने मेरे लिये गड़हा खोदा और मेरे फंसाने को फन्दे लगाए हैं।
22. তুমি তাহাদের প্রতি অকস্মাৎ সৈন্যদল উপস্থিত করিলে তাহাদের গৃহ সকল হইতে ক্রন্দনের রব শুনা যাউক; কেননা তাহারা আমাকে ধরিবার জন্য গর্ত্ত খনন করিয়াছে, ও আমার পায়ের জন্য গোপনে ফাঁদ পাতিয়াছে।
23. हे यहोवा, तू उनकी सब युक्तियां जानता है जो वे मेरी मृत्यु के लिये करते हैं। इस कारण तू उनके इस अधर्म को न ढांप, न उनके पाप को अपने साम्हने से मिटा। वे तेरे देखते ही ठोकर खाकर गिर जाएं, अपने क्रोध में आकर उन से इसी प्रकार का व्यवहार कर।
23. আর হে সদাপ্রভু, প্রাণনাশার্থে আমার বিরুদ্ধে তাহাদের কৃত সমস্ত মন্ত্রণা তুমিই জ্ঞাত আছ; তুমি তাহাদের অপরাধ ক্ষমা করিও না, তাহাদের পাপ তোমার সম্মুখ হইতে মুছিয়া ফেলিও না; তাহারা তোমার সম্মুখে নিপাতিত হউক; তুমি আপন ক্রোধের সময়ে তাহাদের প্রতি কার্য্য কর।