18. तब वे कहने लगे, चलो, यिर्मयाह के विरूद्ध युक्ति करें, क्योंकि न याजक से व्यवस्था, न ज्ञानी से सम्मति, न भविष्यद्वक्ता से वचन दूर होंगे। आओ, हम उसकी कोई बात पकड़कर उसको नाश कराएं और फिर उसकी किसी बात पर ध्यान न दें।
18. 'Come,' they said, 'let us contrive a plot against Jeremiah. It will not mean the loss of instruction from the priests, nor of counsel from the wise, nor of messages from the prophets. And so, let us destroy him by his own tongue; let us carefully note his every word.'