Isaiah - यशायाह 42 | View All

1. मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा।
मत्ती 3:17, मत्ती 17:5, मरकुस 1:11, लूका 3:22, लूका 9:35, 2 पतरस 1:17, मत्ती 12:18-21

1. ঐ দেখ, আমার দাস, আমি তাঁহাকে ধারণ করি; তিনি আমার মনোনীত, আমার প্রাণ তাঁহাতে প্রীত; আমি তাঁহার উপরে আপন আত্মাকে স্থাপন করিলাম; তিনি জাতিগণের কাছে ন্যায়বিচার উপস্থিত করিবেন।

2. न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा।

2. তিনি চিৎকার করিবেন না, উচ্চশব্দ করিবেন না, পথে আপন রব শুনাইবেন না।

3. कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा।

3. তিনি থেৎলা নল ভাঙ্গিবেন না; সধূম শলিতা নির্ব্বাণ করিবেন না; সত্যে তিনি ন্যায়বিচার প্রচলিত করিবেন।

4. वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जाहेंगे।।

4. তিনি নিস্তেজ হইবেন না, নিরুৎসাহ হইবেন না, যে পর্য্যন্ত না পৃথিবীতে ন্যায়বিচার স্থাপন করেন; আর উপকূলসমূহ তাঁহার ব্যবস্থার অপেক্ষায় থাকিবে।

5. ईश्वर जो आकाश का सृजने और ताननेवाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलानेवाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलनेवालों को आत्मा देनेवाला यहावेा है, वह यों कहता है:
प्रेरितों के काम 17:24-25

5. সদাপ্রভু ঈশ্বর, যিনি আকাশমণ্ডল সৃষ্টি করিয়াছেন ও তাহা বিস্তার করিয়াছেন, যিনি ভূতল ও তদুৎপন্ন সমস্তই বিছাইয়াছেন, যিনি তন্নিবাসী সকলকে নিঃশ্বাস দেন, ও তথাকার সমস্ত জঙ্গমকে জীবাত্মা দেন, তিনি এই কথা কহেন,

6. मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले,
लूका 2:32, प्रेरितों के काम 26:23

6. আমি সদাপ্রভু ধর্ম্মশীলতায় তোমাকে আহ্বান করিয়াছি, আর আমি তোমার হস্ত ধরিব, তোমাকে রক্ষা করিব; এবং তোমাকে প্রজাগণের নিয়মস্বরূপ ও জাতিগণের দীপ্তিস্বরূপ করিয়া নিযুক্ত করিব;

7. बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले।
प्रेरितों के काम 26:18

7. তুমি অন্ধদিগকে চক্ষু দিবে, তুমি কারাকূপ হইতে বন্দিদিগকে ও কারাগার হইতে অন্ধকারবাসিগণকে বাহির করিয়া আনিবে।

8. मैं यहोवा हूं, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूंगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूंगा।

8. আমি সদাপ্রভু, ইহাই আমার নাম; আমি আপন গৌরব অন্যকে, কিম্বা আপন প্রশংসা ক্ষোদিত প্রতিমাগণকে দিব না।

9. देखो, पहिली बातें तो हो चुकी हैें, अब मैं नई बातें बताता हूं; उनके होने से पहिले मैं तुम को सुनाता हूं।।

9. দেখ, পূর্ব্বকার বিষয় সকল সিদ্ধ হইল; আর আমি নূতন নূতন ঘটনা জ্ঞাত করি, অঙ্কুরিত হইবার পূর্ব্বে তোমাদিগকে তাহা জানাই।

10. हे समुद्र पर चलनेवालो, हे समुद्र के सब रहनेवालो, हे द्वीपो, तुम सब अपने रहनेवालो समेत यहोवा के लिये नया गीत गाओ और पृथ्वी की छोर से उसकी स्तुति करो।
प्रकाशितवाक्य 5:9, प्रकाशितवाक्य 14:3

10. হে সমুদ্রগামীরা, ও সাগরস্থ সকলে, হে উপকূলসমূহ ও তন্নিবাসীরা, তোমরা সদাপ্রভুর উদ্দেশে নূতন গীত গাহ, পৃথিবীর প্রান্ত হইতে তাঁহার প্রশংসা গাহ।

11. जंगल और उस में की बस्तियां और केदार के बसे हुए गांव जयजयकार करें; सेला के रहनेवाले जयजयकार करें, वे पहाड़ों की चोटियों पर से ऊंचे शब्द से ललकारें।

11. প্রান্তর ও তথাকার নগর সকল উচ্চৈঃস্বর করুক, কেদরের বসতি গ্রাম সকল তাহা করুক, শেলা-নিবাসীরা আনন্দ-রব করুক, পর্ব্বতগণের চূড়া হইতে মহানাদ করুক;

12. वे यहोवा की महिमा प्रगट करें और द्वीपों में उसका गुणानुवाद करें।
1 पतरस 2:9

12. তাহারা সদাপ্রভুর গৌরব স্বীকার করুক, উপকূল সমূহের মধ্যে তাঁহার প্রশংসা প্রচার করুক।

13. यहोवा वीर की नाईं निकलेगा और योद्धा के समान अपनी जलन भड़काएगा, वह ऊंचे शब्द से ललकारेगा और अपने शत्रुओं पर जयवन्त होगा।।

13. সদাপ্রভুর বীরের ন্যায় যাত্রা করিবেন, যোদ্ধার ন্যায় উদ্যোগ উত্তেজিত করিবেন; তিনি জয়ধ্বনি করিবেন, হাঁ, মহানাদ করিবেন; তিনি শত্রুদের বিপরীতে পরাক্রম দেখাইবেন;

14. बहुत काल से तो मैं चुप रहा और मौन साधे अपने को रोकता रहा; परन्तु अब जच्चा की नाईं चिल्लाऊंगा मैं हांफ हांफकर सांस भरूंगा।

14. আমি অনেক দিন চূপ করিয়া আছি, নীরব আছি, ক্ষান্ত রহিয়াছি; এখন প্রসবকারিণী স্ত্রীর ন্যায় কোঁকাইয়া উঠিব; আমি এককালে নিঃশ্বাস টানিয়া ফুৎকার করিব।

15. पहाड़ों और पहड़ियों को मैं सुखा डालूंगा और उनकी सब हरियाली झुलसा दूंगा; मैं नदियों को द्वीप कर दूंगा और तालों को सुखा डालूंगा।

15. আমি পর্ব্বত ও উপপর্ব্বতগণকে ধ্বংস করিব, তদুপরিস্থ সমস্ত তৃণ শুষ্ক করিব, এবং নদনদীকে উপকূল, ও জলাশয় সকল শুষ্ক করিব।

16. मैं अन्धों को एक मार्ग से ले चलूंगा जिसे वे नहीं जानते और उनको ऐसे पथों से चलाऊंगा जिन्हें वे नहीं जानते। उनके आगे मैं अन्धियारे को उजियाला करूंगा और टेढ़े मार्गों को सीधा कयंगा। मैं ऐसे ऐसे काम करूंगा और उनको न त्यागूंगा।
प्रेरितों के काम 26:18

16. আমি অন্ধদিগকে তাহাদের অবিদিত পথ দিয়া লইয়া যাইব; যে সকল মার্গ তাহারা জানে না, সেই সকল মার্গ দিয়া তাহাদিগকে চালাইব; আমি তাহাদের অগ্রে অন্ধকারকে আলোক, এ বক্রভূমিকে সরল করিব; এই সমস্ত আমি করিব, তাহাদিগকে পরিত্যাগ করিব না।

17. जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं कि तुम हमारे ईश्वर हो, उनको पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा।।

17. যাহারা ক্ষোদিত প্রতিমাদিগেতে নির্ভর করে, যাহারা ছাঁচে ঢালা প্রতিমাদিগকে বলে, তোমরা আমাদের দেবতা, তাহাদিগকে ফিরাইয়া দেওয়া যাইবে, তাহারা নিতান্ত লজ্জিত হইবে।

18. हे बहिरो, सुनो; हे अन्धो, आंख खोलो कि तुम देख सको!
मत्ती 11:5

18. হে বধিরগণ, শুন; হে অন্ধ সকল, দেখিবার জন্য চক্ষু মেল।

19. मेरे दास के सियाव कौन अन्धा है? और मेरे भेजे हुए दूत के तुल्य कौन बहिरा है? मेरे मित्रा के समान कौन अन्धा या यहोवा के दास के तुल्य अन्धा कौन है?

19. আমার দাস বই আর অন্ধ কে? আমার প্রেরিত দূতের ন্যায় বধির কে? [আমার] মিত্রের ন্যায় অন্ধ কে? সদাপ্রভুর দাসের ন্যায় অন্ধ কে?

20. तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है; कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है।।

20. তুমি অনেক বিষয় দেখিতেছ, কিন্তু মন দিতেছ না; তাহার কর্ণ খোলা রহিয়াছে, কিন্তু সে শুনে না।

21. यहोवा को अपनी धार्मिकता के निमित्त ही यह भाया है कि व्यवस्था की बड़ाई अधिक करे।
मत्ती 5:17-18, रोमियों 13:9-10

21. সদাপ্রভু আপন ধর্ম্মশীলতার অনুরোধে ব্যবস্থাকে মহৎ ও সমাদরণীয় করিতে প্রীত হইলেন।

22. परन्तु ये लोग लुट गए हैं, ये सब के सब गड़हियों में फंसे हुए और कालकोठरियों में बन्द किए हुए हैं; ये पकड़े गए और कोई इन्हें नहीं छुड़ाता; ये लुट गए और कोई आज्ञा नहीं देता कि फेर दो।

22. তথাপি তাহারা হৃতধন ও লুটিত জাতি; তাহারা সকলে গর্ত্তে পাশবদ্ধ ও কারাগারে লুক্কায়িত হইয়াছে; তাহারা হৃতধন হইয়াছে, উদ্ধারকর্ত্তা কেহ নাই; লুটিত হইয়াছে, কেহ বলে না, ফিরাইয়া দেও।

23. तुम में से कौन इस पर कान लगाएगा? कौन ध्यान धरके होनहार के लिये सुनेगा?

23. তোমাদের মধ্যে কে ইহাতে কর্ণপাত করিবে? কে অবধান করিয়া ভাবিকালের নিমিত্ত তাহা শুনিয়া রাখিবে?

24. किस ने याकूब को लुटवाया और इस्राएल को लुटेरों के वश में कर दिया? क्या यहोवा ने यह नहीं किया जिसके विरूद्ध हम ने पाप किया, जिसके मार्गों पर उन्हों ने चलना न चाहा और न उसकी व्यवस्था को माना?

24. কে যাকোবকে লুটিত হইতে দিয়াছে, ইস্রায়েলকে অপহারকদের হস্তে দিয়াছে? সেই সদাপ্রভু কি নয় যাঁহার বিরুদ্ধে আমরা পাপ করিয়াছি, যাঁহার পথে লোকেরা গমন করিতে অসম্মত ছিল, তাঁহার ব্যবস্থা মানিত না?

25. इस काण उस पर उस ने अपने क्रोध की आग भड़काई और युद्ध का बल चलाना; और यद्यिप आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा; वह जल भी गया, तौभी न चेता।।

25. তজ্জন্য তিনি তাহার উপরে আপন ক্রোধের তাপ ও যুদ্ধের প্রচণ্ডতা ঢালিয়া দিলেন; তাহাতে তাহার চারিদিকে অগ্নি জ্বলিয়া উঠিল, কিন্তু সে জানিল না; অগ্নি তাহার দাহ জন্মাইল, তথাপি সে মনোযোগ করিল না।



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