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1. मेरे दास को देखो जिसे मैं संभाले हूं, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है; मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह अन्यजातियों के लिये न्याय प्रगट करेगा।मत्ती 3:17, मत्ती 17:5, मरकुस 1:11, लूका 3:22, लूका 9:35, 2 पतरस 1:17, मत्ती 12:18-21
1. Behold My Servant, whom I uphold; My Elect, in whom My soul delights. I have put My Spirit upon Him; He shall bring forth justice to the nations.
2. न वह चिल्लाएगा और न ऊंचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनायेगा।
2. He shall not cry out, nor lift up, nor cause His voice to be heard in the street.
3. कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा।
3. A bruised reed He shall not break, and a smoking wick He shall not quench; He shall bring forth justice unto truth.
4. वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जाहेंगे।।
4. He shall not fail nor be discouraged, until He has established justice on the earth; and the islands shall wait for His Law.
5. ईश्वर जो आकाश का सृजने और ताननेवाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलानेवाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलनेवालों को आत्मा देनेवाला यहावेा है, वह यों कहता है:प्रेरितों के काम 17:24-25
5. Thus says Jehovah the Mighty God, He who created the heavens and stretched them out, spreading out the earth and its offspring; Who gives breath to the people on it and spirit to those who walk on it.
6. मुझ यहोवा ने तुझ को धर्म से बुला लिया है; मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूंगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊंगा; कि तू अन्धों की आंखें खोले,लूका 2:32, प्रेरितों के काम 26:23
6. I, Jehovah, have called You in righteousness, and will hold Your hand, and will keep You, and give You as a covenant to the people, as a Light to the nations;
7. बंधुओं को बन्दीगृह से निकाले और जो अन्धियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले।प्रेरितों के काम 26:18
7. to open the blind eyes, to bring out the prisoners from the prison, those who sit in darkness out of the prison house.
8. मैं यहोवा हूं, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूंगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूंगा।
8. I am Jehovah; that is My name; and My glory I will not give to another, nor My praise to graven images.
9. देखो, पहिली बातें तो हो चुकी हैें, अब मैं नई बातें बताता हूं; उनके होने से पहिले मैं तुम को सुनाता हूं।।
9. Behold, the former things have come to pass, and new things I declare; before they spring forth, I proclaim them to you.
10. हे समुद्र पर चलनेवालो, हे समुद्र के सब रहनेवालो, हे द्वीपो, तुम सब अपने रहनेवालो समेत यहोवा के लिये नया गीत गाओ और पृथ्वी की छोर से उसकी स्तुति करो।प्रकाशितवाक्य 5:9, प्रकाशितवाक्य 14:3
10. Sing to Jehovah a new song; His praise from the ends of the earth, you who go down to the sea, and all that is in it; the coastlands and its inhabitants.
11. जंगल और उस में की बस्तियां और केदार के बसे हुए गांव जयजयकार करें; सेला के रहनेवाले जयजयकार करें, वे पहाड़ों की चोटियों पर से ऊंचे शब्द से ललकारें।
11. Let the wilderness and its cities lift up their voice, the villages where Kedar dwells. Let the inhabitants of the rock sing, let them shout from the mountain tops.
12. वे यहोवा की महिमा प्रगट करें और द्वीपों में उसका गुणानुवाद करें।1 पतरस 2:9
12. Give glory to Jehovah and declare His praise in the coastlands.
13. यहोवा वीर की नाईं निकलेगा और योद्धा के समान अपनी जलन भड़काएगा, वह ऊंचे शब्द से ललकारेगा और अपने शत्रुओं पर जयवन्त होगा।।
13. Jehovah goes forth as a mighty man, He stirs up zeal like a man of war; He shouts, yea, roars; He shows Himself mighty against His enemies.
14. बहुत काल से तो मैं चुप रहा और मौन साधे अपने को रोकता रहा; परन्तु अब जच्चा की नाईं चिल्लाऊंगा मैं हांफ हांफकर सांस भरूंगा।
14. I have continually kept silent; I have been still and refrained Myself. Now I will cry like a woman in labor; I will pant and gasp at once.
15. पहाड़ों और पहड़ियों को मैं सुखा डालूंगा और उनकी सब हरियाली झुलसा दूंगा; मैं नदियों को द्वीप कर दूंगा और तालों को सुखा डालूंगा।
15. I will make waste the mountains and hills, and dry up all their vegetation. And I will make the rivers coastlands, and I will dry up the pools.
16. मैं अन्धों को एक मार्ग से ले चलूंगा जिसे वे नहीं जानते और उनको ऐसे पथों से चलाऊंगा जिन्हें वे नहीं जानते। उनके आगे मैं अन्धियारे को उजियाला करूंगा और टेढ़े मार्गों को सीधा कयंगा। मैं ऐसे ऐसे काम करूंगा और उनको न त्यागूंगा।प्रेरितों के काम 26:18
16. And I will bring the blind by a way that they knew not; I will lead them in paths they have not known; I will make darkness into light before them, and crooked places straight. I will do these things for them, and not forsake them.
17. जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं कि तुम हमारे ईश्वर हो, उनको पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा।।
17. They have been turned back, they are greatly ashamed, those who trust in graven images and who say to the molten images, You are our gods.
18. हे बहिरो, सुनो; हे अन्धो, आंख खोलो कि तुम देख सको!मत्ती 11:5
18. Hear, you deaf; and look, you blind, that you may see.
19. मेरे दास के सियाव कौन अन्धा है? और मेरे भेजे हुए दूत के तुल्य कौन बहिरा है? मेरे मित्रा के समान कौन अन्धा या यहोवा के दास के तुल्य अन्धा कौन है?
19. Who is blind but My servant? Or deaf, as My messenger whom I sent? Who is blind as he who is perfect, and blind as Jehovah's servant?
20. तू बहुत सी बातों पर दृष्टि करता है परन्तु उन्हें देखता नहीं है; कान तो खुले हैं परन्तु सुनता नहीं है।।
20. You see many things, but do not observe; opening the ears, but no one hears.
21. यहोवा को अपनी धार्मिकता के निमित्त ही यह भाया है कि व्यवस्था की बड़ाई अधिक करे।मत्ती 5:17-18, रोमियों 13:9-10
21. Jehovah is well pleased for His righteousness' sake; He will magnify the Law and make it honorable.
22. परन्तु ये लोग लुट गए हैं, ये सब के सब गड़हियों में फंसे हुए और कालकोठरियों में बन्द किए हुए हैं; ये पकड़े गए और कोई इन्हें नहीं छुड़ाता; ये लुट गए और कोई आज्ञा नहीं देता कि फेर दो।
22. But this is a people robbed and plundered; all of them are snared in holes, and they are hidden in prison houses. They are as prey, and no one delivers them; spoils, and no one says, Give it back!
23. तुम में से कौन इस पर कान लगाएगा? कौन ध्यान धरके होनहार के लिये सुनेगा?
23. Who among you will give ear to this? Who will listen and hear for the time to come?
24. किस ने याकूब को लुटवाया और इस्राएल को लुटेरों के वश में कर दिया? क्या यहोवा ने यह नहीं किया जिसके विरूद्ध हम ने पाप किया, जिसके मार्गों पर उन्हों ने चलना न चाहा और न उसकी व्यवस्था को माना?
24. Who gave Jacob for a spoils, and Israel to robbers? Was it not Jehovah, against whom we have sinned? For they would not walk in His ways, nor did they obey His Law.
25. इस काण उस पर उस ने अपने क्रोध की आग भड़काई और युद्ध का बल चलाना; और यद्यिप आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा; वह जल भी गया, तौभी न चेता।।
25. Therefore He has poured upon him the fury of His anger, and the strength of battle. And it has set him on fire all around, yet he did not know; and it burned him, yet he did not lay it to heart.