3. हे यहोवा, मैं बिनती करता हूं, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूं और जो तेरी दृष्टि में उचित था वही करता आया हूं। और हिजकिरयाह बिलक बिलककर रोने लगा।
3. And said, Remember [earnestly] now, O Lord, I beseech You, how I have walked before You in faithfulness and in truth, with a whole heart [absolutely devoted to You], and have done what is good in Your sight. And Hezekiah wept bitterly.