3. मिद्दी लोग ईश्वर नहीं, मनुष्य ही हैं; और उनके घोड़े आत्मा नहीं, मांस ही हैं। जब यहोवा हाथ बढ़ाएगा, तब सहायता करनेवाले और सहायतक चाहनेवाले दोनों ठोकर खाकर गिरेंगे, और वे सब के सब एक संग नष्ट हो जाएंगे।
3. Now, the Egyptians, are, men, and not, GOD, And their horses, flesh, and not, spirit; When, Yahweh, shall stretch out his hand, Then I he that is giving help, shall stumble And I he that is receiving help shall fall, And together, shall all of them vanish!