6. दक्खिन देश के पशुओं के विषय भारी वचन। वे अपनी धन सम्पति को जवान गदहों की पीठ पर, और अपने खजानों को ऊंटों के कूबड़ों पर लादे हुए, संकट और सकेती के देश में होकर, जहां सिंह और सिंहनी, नाग और उड़नेवाले तेज विषधर सर्प रहते हैं, उन लोगों के पास जा रहे हैं जिन से उनको लाभ न होगा।
6. The burden of the beasts of the south: into the land of trouble and anguish, from whence [come] the young and old lion, the viper and fiery flying serpent; they will carry their riches upon the shoulders of young asses and their treasures upon the bunches of camels, to a people [that] shall not profit [them].