Isaiah - यशायाह 20 | View All

1. जिस वर्ष में अश्शूर के राजा सर्गोन की आज्ञा से तर्तान ने अशदोद आकर उस से युद्ध किया और उसको ले भी लिया,

1. যে বৎসর অশূর-রাজ সর্গোনের প্রেরিত তর্ত্তন [সেনাপতি] অস্‌দোদে আইসেন, আর অস্‌দোদের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করিয়া তাহা হস্তগত করেন,

2. उसी वर्ष यहोवा ने आमोस के पुत्रा यशायाह से कहा, जाकर अपनी कमर का टाट खोल और अपनी जूतियां उतार; सो उस ने वैसा ही किया, और वह नंगा और नंगे पांव घूमता फिरता था।

2. তৎকালে সদাপ্রভু আমোসের পুত্র যিশাইয় দ্বারা এই কথা কহিলেন, তুমি গিয়া আপন কটিদেশ হইতে চট মুক্ত কর, ও পদ হইতে পাদুকা খুল। তাহাতে তিনি তাহা করিলেন, বিবস্ত্র ও শূন্যপদ হইয়া ভ্রমণ করিতে লাগিলেন।

3. और यहोवा ने कहा, जिस प्रकार मेरा दास यशायाह तीन वर्ष से उघाड़ा और नंगे पांव चलता आया है, कि मि और कूश के लिये चिन्ह और चमत्कार हो,

3. তখন সদাপ্রভু কহিলেন, আমার দাস যিশাইয় যেমন মিসর ও কূশ দেশের বিষয়ে তিন বৎসরের চিহ্ন ও অদ্ভুত লক্ষণের জন্য বিবস্ত্র ও শূন্যপদ হইয়া ভ্রমণ করিয়াছে,

4. उसी प्रकार अश्शूर का राजा मिद्दी और कूश के लोगों को बंधुआ करके देश- निकाल करेगा, क्या लड़के क्या बूढे,़ सभों को बंधुए करके उघाड़े और नंगे पांव और नितम्ब खुले ले जाएगा, जिस से मि लज्जित हो।

4. সেইরূপ অশূর-রাজ মিসরের লজ্জার জন্য আবালবৃদ্ধ মিস্রীয়-বন্দি ও কূশীয় নির্ব্বাসিত লোকদিগকে বিবস্ত্র, শূন্যপদ ও অনাবৃত-নিতম্ব করিয়া চালাইবে।

5. तब वे कूश के कारण जिस पर उनकी आशा थी, और मि के हेतु जिस पर वे फूलते थे व्याकुल और लज्जित हो जाएंगे।

5. তাহাতে তাহারা আপনাদের বিশ্বাসভূমি কূশ ও আপনাদের গৌরবাস্পদ মিসরের বিষয়ে ক্ষুব্ধ ও লজ্জিত হইবে।

6. और समुद्र के इस पार के बसनेवाले उस समय यह कहेंगे, देखो, जिन पर हम आशा रखते थे ओर जिनके पास हम अश्शूर के राजा से बचने के लिये भागने को थे उनकी ऐसी दशा हो गई है। तो फिर हम लोग कैसे बचेंगे?

6. সেই দিন এই উপকূল-নিবাসীরা বলিবে, অশূর-রাজ হইতে উদ্ধার পাইবার জন্য আমরা যাহার কাছে সাহায্য লাভার্থে পলায়ন করিয়াছিলাম, দেখ, এই আমাদের সেই বিশ্বাসভূমি; তবে আমরাই কি প্রকারে বাঁচিব?



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