Isaiah - यशायाह 19 | View All

1. मि के विषय में भारी भविष्यवाणी। देखो, यहोवा शीघ्र उड़नेवाले बादल पर सवार होकर मि में आ रहा है;
प्रकाशितवाक्य 1:7

1. The burden of Egypt. Behold, the LORD rides on a swift cloud, and shall come into Egypt: and the idols of Egypt shall be moved at his presence, and the heart of Egypt shall melt in the middle of it.

2. और मि की मूरतें उसके आने से थरथरा उठेंगी, और मिस्त्रियों का हृदय पानी- पानी हो जाएगा। और मैं मिस्त्रियों को एक दूसरे के विरूद्ध उभारूंगा, और वे आपस में लड़ेंगे, प्रत्येक अपने भाई से और हर एक अपने पड़ोसी से लड़ेगा, नगर नगर में और राज्य राज्य में युद्ध छिड़ेंगा;
मत्ती 24:7, मरकुस 13:8, लूका 21:10

2. And I will set the Egyptians against the Egyptians: and they shall fight every one against his brother, and every one against his neighbor; city against city, and kingdom against kingdom.

3. और मिस्त्रियों की बुद्धि मारी जाएगी और मैं उनकी युक्तियों को व्यर्थ कर दूंगा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझेां और फुसफुसानेवाले टोन्हों के पास जा जाकर उन से पूछेंगे;

3. And the spirit of Egypt shall fail in the middle thereof; and I will destroy the counsel thereof: and they shall seek to the idols, and to the charmers, and to them that have familiar spirits, and to the wizards.

4. परन्तु मैं मिस्त्रियों को एक कठोर स्वामी के हाथ में कर दूंगा; और एक क्रूर राजा उन पर प्रभुता करेगा, प्रभु सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।।

4. And the Egyptians will I give over into the hand of a cruel lord; and a fierce king shall rule over them, said the Lord, the LORD of hosts.

5. और समुद्र का जल सूख जाएगा, और महानदी सूख कर खाली हो जाएगी;

5. And the waters shall fail from the sea, and the river shall be wasted and dried up.

6. और नाले बसाने लगेंगे, और मि की नहरें भी सूख जाएंगी, और नरकट और हूगले कुम्हला जाएंगे।

6. And they shall turn the rivers far away; and the brooks of defense shall be emptied and dried up: the reeds and flags shall wither.

7. नील नदी के तीर पर के कछार की घास, और जो कुछ नील नदी के पास बोया जाएगा वह सूखकर नष्ट हो जाएगा, और उसका पता तक न लगेगा।

7. The paper reeds by the brooks, by the mouth of the brooks, and every thing sown by the brooks, shall wither, be driven away, and be no more.

8. सब मछुवे जितने नील नदी में बंसी डालते हैं विलाप करेंगे और लम्बी लम्बी सासें लेंगे, और जो जल के ऊपर जाल फेंकते हैं वे निर्बल हो जाएंगे।

8. The fishers also shall mourn, and all they that cast angle into the brooks shall lament, and they that spread nets on the waters shall languish.

9. फिर जो लोग धुने हुए सन से काम करते हैं और जो सूत से बुनते हैं उनकी आशा टूट जाएगी।

9. Moreover they that work in fine flax, and they that weave networks, shall be confounded.

10. मि के रईस तो निराश और उसके सब मजदूर उदास हो जाएंगे।।

10. And they shall be broken in the purposes thereof, all that make sluices and ponds for fish.

11. निश्चय सोअन के सब हाकिम मूर्ख हैं; और फिरौन के बुद्धिमान मन्त्रियों की युक्ति पशु की सी ठहरी। फिर तुम फिरौन से कैसे कह सकते हो कि मैं बुद्धिमानों का पुत्रा और प्राचीन राजाओं की सन्तान हूं?

11. Surely the princes of Zoan are fools, the counsel of the wise counsellors of Pharaoh is become brutish: how say you to Pharaoh, I am the son of the wise, the son of ancient kings?

12. अब तेरे बुद्धिमान कहां है? सेनाओं के यहोवा ने मि के विषय जो युक्ति की है, उसको यदि वे जानते हों तो तुझे बताएं।
1 कुरिन्थियों 1:20

12. Where are they? where are your wise men? and let them tell you now, and let them know what the LORD of hosts has purposed on Egypt.

13. सोअन के हाकिम मूढ़ बन गए हैं, नोप के हाकिमों ने धोखा खाया है; और जिन पर मि के गोत्रों के प्रधान लोगों का भरोसा था उन्हों ने मि को भरमा दिया है।

13. The princes of Zoan are become fools, the princes of Noph are deceived; they have also seduced Egypt, even they that are the stay of the tribes thereof.

14. यहोवा ने उस में भ्रमता उत्पन्न की है; उन्हों ने मि को उसके सारे कामों में वमन करते हुए मतवाले की नाई डगमगा दिया है।

14. The LORD has mingled a perverse spirit in the middle thereof: and they have caused Egypt to err in every work thereof, as a drunken man staggers in his vomit.

15. और मि के लिये कोई ऐसा काम न रहेगा जो सिर वा पूंछ से अथवा प्रधान वा साधारण से हो सके।।

15. Neither shall there be any work for Egypt, which the head or tail, branch or rush, may do.

16. उस समय मिद्दी, स्त्रियों के समान हो जाएंगे, और सेनाओं का यहोवा जो अपना हाथ उन पर बढ़ाएगा उसके डर के मारे वे थरथराएंगे और कांप उठेंगे।

16. In that day shall Egypt be like to women: and it shall be afraid and fear because of the shaking of the hand of the LORD of hosts, which he shakes over it.

17. ओर यहूदा का देश मि के लिये यहां तक भय का कारण होगा कि जो कोई उसकी चर्चा सुनेगा वह थरथरा उठेगा; सेनाओं के यहोवा की उस युक्ति का यही फल होगा जो वह मि के विरूद्ध करता है।।

17. And the land of Judah shall be a terror to Egypt, every one that makes mention thereof shall be afraid in himself, because of the counsel of the LORD of hosts, which he has determined against it.

18. उस समय मि देश में पांच नगर होंगे जिनके लोग कनान की भाषा बोलेंगे और यहोवा की शपथ खायेंगे। उन में से एक का नाम नाशनगर रखा जाएगा।।

18. In that day shall five cities in the land of Egypt speak the language of Canaan, and swear to the LORD of hosts; one shall be called, The city of destruction.

19. उस समय मि देश के बीच में यहोवा के लिये एक वेदी होगी, और उसके सिवाने के पास यहोवा के लिये एक खंभा खड़ा होगा।

19. In that day shall there be an altar to the LORD in the middle of the land of Egypt, and a pillar at the border thereof to the LORD.

20. वह मि देश में सेनाओं के यहोवा के लिये चिन्ह और साक्षी ठहरेगा; और जब वे अंधेर करनेवाले के कारण यहोवा की दोहाई देंगे, तब वह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजेगा, और उन्हें मुक्त करेगा।

20. And it shall be for a sign and for a witness to the LORD of hosts in the land of Egypt: for they shall cry to the LORD because of the oppressors, and he shall send them a savior, and a great one, and he shall deliver them.

21. तब यहोवा अपने आप को मिस्त्रियों पर प्रगट करेगा; और मिद्दी उस समय यहोवा को पहिचानेंगे और मेलबलि और अन्नबलि चढ़ाकर उसकी उपासना करेंगे, और यहोवा के लिये मन्नत मानकर पूरी भी करेंगे।

21. And the LORD shall be known to Egypt, and the Egyptians shall know the LORD in that day, and shall do sacrifice and oblation; yes, they shall vow a vow to the LORD, and perform it.

22. और यहोवा मिस्त्रियों को मारेगा, और मारेगा और चंगा भी करेगा, और वे यहोवा की ओर फिरेंगे और वह उनकी बिनती सुनकर उनको चंगा करेगा।।

22. And the LORD shall smite Egypt: he shall smite and heal it: and they shall return even to the LORD, and he shall be entreated of them, and shall heal them.

23. उस समय मि से अश्शूर जाने का एक राजमार्ग होगा, और अश्शूरी मि में आएंगे और मिद्दी लोग अश्शूर को जाएंगे, और मिद्दी अश्शूरियों के संग मिलकर आराधना करेंगे।।

23. In that day shall there be a highway out of Egypt to Assyria, and the Assyrian shall come into Egypt, and the Egyptian into Assyria, and the Egyptians shall serve with the Assyrians.

24. उस समय इस्राएल, मि और अश्शूर तीनों मिलकर पृथ्वी के लिये आशीष का कारण होंगे।

24. In that day shall Israel be the third with Egypt and with Assyria, even a blessing in the middle of the land:

25. क्योंकि सेनाओं का यहोवा उन तीनों को यह कहकर आशीष देगा, धन्य हो मेरी प्रजा मि , और मेरा रख हुआ अश्शूर, और मेरा निज भाग इस्राएल।।

25. Whom the LORD of hosts shall bless, saying, Blessed be Egypt my people, and Assyria the work of my hands, and Israel my inheritance.



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