6. मुझे इसलिये न घूर कि मैं साँवली हूं, क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। मेरी माता के पुत्रा मुझ से अप्रसन्न थे, उन्हों ने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; परन्तु मैं ने अपनी निज दाख की बारी की रखवाली नहीं की!
6. তোমরা আমার প্রতি এরূপ ভাবে দৃষ্টি করিও না যে, আমি কৃষ্ণবর্ণা, যে সূর্য্যই আমাকে বিবর্ণা করিয়াছে। আমার মাতৃপুত্রগণ আমার প্রতি কুপিত হইল, আমাকে দ্রাক্ষাক্ষেত্র সকলের রক্ষিকা করিল, আমার নিজ দ্রাক্ষাক্ষেত্র আমি রক্ষা করি নাই।