7. हे मेरे प्राणप्रिय मुझे बता, तू अपनी भेड़- बकरियां कहां चराता है, दोपहर को तू उन्हें कहां बैठाता है; मैं क्यों तेरे संगियों की भेड़- बकरियों के पास घूंघट काढ़े हुए भटकती फिरूं?
7. Tell me, O thou whom my soul loves, where thou dost feed, where thou dost make [thy flock] to rest at noon; for why did I have to be as a wanderer after the flocks of thy companions?