3. इसलिये हे मेरे पुत्रा, एक काम कर, अर्थात् तू जो अपने पड़ोसी के हाथ में पड़ चुका है, तो जा, उसको साष्टांग प्रणाम करके मना ले।
3. এখন, বৎস, তুমি এই কার্য্য কর; আপনাকে উদ্ধার কর; যখন তুমি আপন বন্ধুর হস্তগত হইয়াছ, তখন যাও, বিনত হও, বন্ধুর সাধ্যসাধনা কর;