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1. सुलैमान के नीतिवचन ये भी हैं; जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिरयाह के जनों ने नकल की थी।।
1. নিম্নলিখিত হিতোপদেশগুলিও শলোমনের; যিহূদা-রাজ হিষ্কিয়ের লোকেরা এগুলি লিখিয়া লন।
2. परमेश्वर की महिमा, गुप्त रखने में है परन्तु राजाओं की महिमा गुप्त बात के पता लगाने से होती है।
2. বিষয় গোপন করা ঈশ্বরের গৌরব, বিষয়ের অনুসন্ধান করা রাজগণের গৌরব।
3. स्वर्ग की ऊंचाई और पृथ्वी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अन्त नहीं मिलता।
3. যেমন উচ্চতার সম্বন্ধে স্বর্গ ও গভীরতার সম্বন্ধে পৃথিবী, তদ্রূপ রাজগণের হৃদয় অনুসন্ধান করা যায় না।
4. चान्दी में से मैल दूर करने पर सुनार के लिये एक पात्रा हो जाता है।
4. রৌপ্য হইতে খাদ বাহির করিয়া ফেল, স্বর্ণকারের যোগ্য এক পাত্র বাহির হইবে;
5. राजा के साम्हने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी।
5. রাজার সম্মুখ হইতে দুষ্টকে বাহির করিয়া দেও, তাঁহার সিংহাসন ধার্ম্মিকতায় স্থিরীকৃত হইবে।
6. राजा के साम्हने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना;
6. রাজার সম্মুখে আত্মগৌরব করিও না, মহৎ লোকদের স্থানে দাঁড়াইও না;
7. क्योंकि जिस प्रधान का तू ने दर्शन किया हो उसके साम्हने तेरा अपमान न हो, वरन तुझ से यह कहा जाए, आगे बढ़कर विराज।।लूका 14:10
7. কেননা বরং ইহা ভাল যে, তোমাকে বলা যাইবে, ‘এখানে উঠিয়া এস’; কিন্তু তোমাক চক্ষু যাঁহাকে দর্শন করিয়াছে, সেই অধিপতির সাক্ষাতে নীচীকৃত হওয়া তোমার পক্ষে ভাল নয়।
8. झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुंह काला करे तब तू क्या कर सकेगा?
8. তাড়াতাড়ি বিবাদ করিতে যাইও না; বিবাদের শেষে তুমি কি করিবে, যখন তোমার প্রতিবাসী তোমাকে লজ্জায় ফেলিবে?
9. अपने पडोसी के साथ वादविवाद एकान्त में करना और पराये का भेद न खोलना;
9. প্রতিবাসীর সহিত তোমার বিবাদ মিটাইয়া ফেল, কিন্তু পরের গুপ্ত কথা প্রকাশ করিও না;
10. ऐसा न हो कि सुननेवाला तेरी भी निन्दा करे, और तेरा अपवाद बना रहे।।
10. পাছে শ্রোতা তোমাকে তিরস্কার করে, আর তোমার অখ্যাতি না ঘুচে।
11. जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है।
11. উপযুক্ত সময়ে কথিত বাক্য রৌপ্যের ডালিতে সুবর্ণ নাগরঙ্গ ফলের তুল্য।
12. जैसे सोने का नत्थ और कुन्दन का जेवन अच्छा लगता है, वैसे ही माननेवाले के कान में बुद्धिमान की डांट भी अच्छी लगती है।
12. যেমন সুবর্ণের নথ ও কাঞ্চনের আভরণ, তেমনি শ্রবণশীল কর্ণের পক্ষে জ্ঞানবান ভর্ৎসনাকারী।
13. जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसे ही विश्वासयोग्य दूत से भी, भेजनेवालों का जी ठण्डा होता है।
13. শস্য কাটিবার সময়ে যেমন হিমের স্নিগ্ধতা, তেমনি প্রেরণকর্ত্তাদের পক্ষে বিশ্বস্ত দূত; কারণ যে আপন কর্ত্তার প্রাণ জুড়ায়।
14. जैसे बादल और पवन बिना दृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ- मूठ दान देनेवाले का बड़ाई मारना होता है।।
14. যে দান বিষয়ে মিথ্যা দর্পকথা কহে, সে বৃষ্টিহীন মেঘ ও বায়ুর তুল্য।
15. धीरज धरने से न्यायी मनाया जाता है, और कोमल वचन हड्डी को भी तोड़ डालता है।
15. দীর্ঘসহিষ্ণুতা দ্বারা শাসনকর্ত্তা প্ররোচিত হন, এবং কোমল জিহ্বা অস্থি ভগ্ন করে।
16. क्या तू ने मधु पाया? तो जितना तेरे लिये ठीक हो उतना ही खाना, ऐसा न हो कि अधिक खाकर उसे उगल दे।
16. তুমি কি মধু পাইয়াছ? যাহা তোমার পক্ষে যথেষ্ট, তাহাই খাও; পাছে অধিক খাইলে বমি কর।
17. अपने पड़ोसी के घर में बारम्बार जाने से अपने पांव हो रोक ऐसा न हो कि वह खिन्न होकर घृणा करने लगे।
17. প্রতিবাসীর গৃহে তোমার পদার্পণ বিরল কর; পাছে বিরক্ত হইয়া সে তোমাকে ঘৃণা করে।
18. जो किसी के विरूद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है।
18. যে ব্যক্তি প্রতিবাসীর বিরুদ্ধে মিথ্যাসাক্ষ্য দেয়, সে গদা, খড়্গ ও তীক্ষ্ণ বাণস্বরূপ।
19. विपत्ति के समय विश्वासघाती का भरोसा टूटे हुए दांत वा उखड़े पांव के समान है।
19. সঙ্কটের সময়ে বিশ্বাসঘাতকের উপর ভরসা ভগ্ন দন্ত ও বিকল চরণের তুল্য।
20. जैसा जाड़े के दिनों में किसी का वस्त्रा उतारना वा सज्जी पर सिरका डालना होता है, वैसा ही उदास मनवाले के साम्हने गीत गाना होता है।
20. যে বিষণ্ণচিত্তের নিকটে গীত গান করে, সে যেন শীতকালে বস্ত্র ছাড়ে, সোরার উপরে অম্লরস দেয়।
21. यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसको रोटी खिलाना; और यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिलाना;मत्ती 5:44, रोमियों 12:20
21. তোমার শত্রু যদি ক্ষুধিত হয়, তাহাকে অন্ন ভোজন করাও; যদি সে পিপাসিত হয়, তাহাকে জল পান করাও;
22. क्योंकि इस रीति तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा।मत्ती 5:44, रोमियों 12:20
22. কেননা তুমি তাহার মস্তকে জ্বলন্ত অঙ্গার রাশি করিয়া রাখিবে, আর সদাপ্রভু তোমাকে পুরস্কার দিবেন।
23. जैसे उत्तरीय वायु वर्षा को लाती है, वैसे ही चुगली करने से मुख पर क्रोध छा जाता है।
23. উত্তরীয় বায়ু বৃষ্টির উৎপাদক, তেমনি কর্ণেজপ জিহ্বা ক্রোধদৃষ্টির উৎপাদক।
24. लम्बे चौड़े घर में झगड़ालू पत्नी के संग रहने से छत के कोने पर रहना उत्तम है।
24. বরং ছাদের কোণে বাস করা ভাল; তবু বিবাদিনী স্ত্রীর সহিত প্রশস্ত বাটীতে বাস করা ভাল নয়।
25. जैसा थके मान्दे के प्राणों के लिये ठण्डा पानी होता है, वैसा ही दूर देश से आया हुआ शुभ समाचार भी होता है।
25. পিপাসার্ত্ত প্রাণের পক্ষে যেমন শীতল জল, দূরদেশ হইতে প্রাপ্ত মঙ্গল সংবাদ তদ্রূপ।
26. जो धर्मी दुष्ट के कहने में आता है, वह गंदले सोते और बिगड़े हुए कुण्ड के समान है।
26. ঘোলা জলের আকর ও মলিন উনুই যেরূপ, দুষ্টের সম্মুখে বিচলিত ধার্ম্মিক তদ্রূপ।
27. बहुत मधु खाना अच्छा नहीं, परन्तु कठिन बातों की पूछताछ महिमा का कारण होता है।
27. অধিক মধু খাওয়া ভাল নয়, ভারী ভারী বিষয় অনুসন্ধান করা ভারী কথা।
28. जिसकी आत्मा वश में नहीं वह ऐसे नगर के समान है जिसकी शहरपनाह नाका करके तोड़ दी गई हो।।
28. যে আপন আত্মা দমন না করে, সে এমন নগরের তুল্য, যাহা ভাঙ্গিয়া গিয়াছে, যাহার প্রাচীর নাই।