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Wycliffe Bible (1395)
Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. झूठी बात न फैलाना। अन्यायी साक्षी होकर दुष्ट का साथ न देना।
1. Thou shalt not admit a false rumour; put not thine hand with the wicked to be a false witness.
2. बुराई करने के लिये न तो बहुतों के पीछे हो लेना; और न उनके पीछे फिरके मुक में में न्याय बिगाड़ने को साक्षी देना;
2. Thou shalt not follow a multitude to [do] evil; neither shalt thou speak in a cause hiding behind many to wrest [judgment];
3. और कंगाल के मुक में में उसका भी पक्ष न करना।।
3. neither shalt thou honour a poor man in his cause.
4. यदि तेरे शत्रु का बैल वा गदहा भटकता हुआ तुझे मिले, तो उसे उसके पास अवश्य फेर ले आना।मत्ती 5:44
4. If thou should encounter thine enemy's ox or his ass astray, thou shalt surely bring it back to him again.
5. फिर यदि तू अपने बैरी के गदहे को बोझ के मारे दबा हुआ देखे, तो चाहे उसको उसके स्वामी के लिये छुड़ाने के लिये तेरा मन न चाहे, तौभी अवश्य स्वामी का साथ देकर उसे छुड़ा लेना।।मत्ती 5:44
5. If thou see the ass of him that hates thee lying under his burden, will thou forbear to help him? Thou shalt surely help him to raise it up.
6. तेरे लोगों में से जो दरिद्र हों उसके मुक मे में न्याय न बिगाड़ना।
6. Thou shalt not pervert the rights of thy poor in his cause.
7. झूठे मुक मे से दूर रहना, और निर्दोष और धर्मी को घात न करना, क्योंकि मैं दुष्ट को निर्दोष न ठहराऊंगा।
7. Keep thee far from a false matter; and slay thou not the innocent and righteous; for I will not justify the wicked.
8. घूस न लेना, क्योंकि घूस देखने वालों को भी अन्धा कर देता, और धर्मियों की बातें पलट देता है।
8. And thou shalt take no bribe; for the bribe blinds the wise and perverts the words of the righteous.
9. परदेशी पर अन्धेर न करना; तुम तो परदेशी के मन की बातें जानते हो, क्योंकि तुम भी मि देश में परदेशी थे।।
9. Also thou shalt not oppress a stranger, for ye know the [state of the] soul of a stranger, seeing ye were strangers in the land of Egypt.
10. छ: वर्ष तो अपनी भूमि में बोना और उसकी उपज इकट्ठी करना;
10. And six years thou shalt sow thy land and shalt gather in its increase,
11. परन्तु सातवें वर्ष में उसको पड़ती रहने देना और वैसा ही छोड़ देना, तो तेरे भाई बन्धुओं में के दरिद्र लोग उस से खाने पाएं, और जो कुछ उन से भी बचे वह बनैले पशुओं के खाने के काम में आए। और अपनी दाख और जलपाई की बारियों को भी ऐसे ही करना।
11. but the seventh [year] thou shalt leave it [free] and release it, that the poor of thy people may eat, and what they leave the beasts of the field shall eat. In like manner thou shalt deal with thy vineyard [and] with thy oliveyard.
12. छ: दिन तक तो अपना काम काज करना, और सातवें दिन विश्राम करना; कि तेरे बैल और गदहे सुस्ताएं, और तेरी दासियों के बेटे और परदेशी भी अपना जी ठंडा कर सकें।
12. Six days thou shalt do thy work, and on the seventh day thou shalt rest, that thine ox and thine ass may rest, and the son of thy handmaid and the stranger may be refreshed.
13. और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है उस में सावधान रहना; और दूसरे देवताओं के नाम की चर्चा न करना, वरन वे तुम्हारे मुंह से सुनाई भी न दें।
13. And in all [things] that I have said unto you, be circumspect and make no mention of the name of other gods, neither let it be heard out of thy mouth.
14. प्रति वर्ष तीन बार मेरे लिये पर्ब्ब मानना।
14. Three times thou shalt celebrate a feast unto me in the year:
15. अखमीरी रोटी का पर्ब्ब मानना; उस में मेरी आज्ञा के अनुसार अबीब महीने के नियत समय पर सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, क्योंकि उसी महीने में तुम मि से निकल आए। और मुझ को कोई छूछे हाथ अपना मुंह न दिखाए।
15. Thou shalt keep the feast of unleavened bread (thou shalt eat unleavened bread seven days as I commanded thee, in the time appointed of the month Abib, for in it thou didst come out from Egypt; and none shall appear before me empty),
16. और जब तेरी बोई हुई खेती की पहिली उपज तैयार हो, तब कटनी का पर्ब्ब मानना। और वर्ष के अन्त में जब तू परिश्रम के फल बटोर के ढेर लगाए, तब बटोरन का पर्ब्ब मानना।
16. And the feast of the harvest of the firstfruits of thy labours, which thou hast sown in the field, and the feast of ingathering, [which is] in the end of the year, when thou hast gathered in thy labours out of the field.
17. प्रति वर्ष तीनों बार तेरे सब पुरूष प्रभु यहोवा को अपना मुंह दिखाएं।।
17. Three times in the year all thy males shall appear before the Lord GOD.
18. मेरे बलिपशु का लोहू खमीरी रोटी के संग न चढ़ाना, और न मेरे पर्ब्ब के उत्तम बलिदान में से कुछ बिहान तक रहने देना।
18. Thou shalt not offer the blood of my sacrifice with leavened bread; neither shall the fat of my lamb remain until the morning.
19. अपनी भूमि की पहिली उपज का पहिला भाग अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में ले आना। बकरी का बच्चा उसकी माता के दूध में न पकाना।।
19. The first of the firstfruits of thy land thou shalt bring into the house of the LORD thy God. Thou shalt not boil a kid in his mother's milk.
20. सुन, मैं एक दूत तेरे आगे आगे भेजता हूं जो मार्ग में तेरी रक्षा करेगा, और जिस स्थान को मै ने तैयार किया है उस में तुझे पहुंचाएगा।मत्ती 11:10, मरकुस 1:2, लूका 7:27, यूहन्ना 14:11, प्रेरितों के काम 7:38-39, 1 कुरिन्थियों 10:9
20. Behold, I send the Angel before thee, to keep thee in the way and to bring thee into the place which I have prepared.
21. उसके साम्हने सावधान रहना, और उसकी मानना, उसका विरोध न करना, क्योंकि वह तुम्हारा अपराध क्षमा न करेगा; इसलिये कि उस में मेरा नाम रहता है।यूहन्ना 14:11, प्रेरितों के काम 7:38-39
21. Keep thyself before him and hear his voice, grieve him not; for he will not pardon your rebellion, for my name [is] in him.
22. और यदि तू सचमुच उसकी माने और जो कुछ मैं कहूं वह करे, तो मै तेरे शत्रुओं का शत्रु और तेरे द्रोहियों का द्रोही बनूंगा।1 पतरस 2:9
22. But if thou shalt indeed hear his voice and do all that I speak, then I will be an enemy unto thine enemies and an adversary unto those that afflict thee.
23. इस रीति मेरा दूत तेरे आगे आगे चलकर तुझे एमोरी, हित्ती, परज्जी, कनानी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के यहां पहुंचाएगा, और मैं उनको सत्यनाश कर डालूंगा।
23. For my Angel shall go before thee and bring thee in unto [the land of] the Amorite and the Hittite and the Perizzite and the Canaanite the Hivite and the Jebusite; and I will cut them off.
24. उनके देवताओं को दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना, और न उनके से काम करना, वरन उन मूरतों को पूरी रीति से सत्यानाश कर डालना, और उन लोगों की लाटों के टुकडे टुकडे कर देना।
24. Thou shalt not bow down to their gods, nor serve them, nor do after their works; but thou shalt utterly overthrow them and completely break down their images.
25. और तुम अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दूर करेगा।
25. But ye shall serve the LORD your God, and he shall bless thy bread and thy water; and I will take [all] sickness away from the midst of thee.
26. तेरे देश में न तो किसी का गर्भ गिरेगा और न कोई बांझ होगी; और तेरी आयु मैं पूरी करूंगा।
26. No women shall abort, nor be barren, in thy land; the number of thy days I will fulfil.
27. जितने लोगों के बीच तू जायेगा उन सभों के मन में मै अपना भय पहिले से ऐसा समवा दूंगा कि उनको व्याकुल कर दूंगा, और मैं तुझे सब शत्रुओं की पीठ दिखाऊंगा।
27. I will send my fear before thee and will trouble all the people to whom thou shalt come, and I will make all thine enemies turn their backs unto thee.
28. और मैं तुझ से पहिले बर्रों को भेजूंगा जो हिब्बी, कनानी, और हित्ती लोगों को तेरे साम्हने से भगा के दूर कर देंगी।
28. And I will send hornets before thee, which shall drive out the Hivite, the Canaanite, and the Hittite from before thee.
29. मैं उनको तेरे आगे से एक ही वर्ष में तो न निकाल दूंगा, ऐसा न हो कि देश उजाड़ हो जाए, और बनैले पशु बढ़कर तुझे दु:ख देने लगें।
29. I will not drive them out from before thee in one year lest the land become desolate and the beasts of the field multiply against thee.
30. जब तक तू फूल फलकर देश को अपने अधिकार में न कर ले तब तक मैं उन्हें तेरे आगे से थोड़ा थोड़ा करके निकालता रहूंगा।
30. Little by little I will drive them out from before thee until thou be multiplied and take the land by inheritance.
31. मैं लाल समुद्र से लेकर पलिश्तियों के समुद्र तक और जंगल से लेकर महानद तक के देश को तेरे वश में कर दूंगा; मैं उस देश के निवासियों को भी तेरे वश में कर दूंगा, और तू उन्हें अपने साम्हने से बरबस निकालेगा।
31. And I will set thy borders from the Red sea even unto the sea of the Philistines and from the desert unto the river; for I will deliver the inhabitants of the land into your hand, and [thou] shalt drive them out before thee.
32. तू न तो उन से वाचा बान्धना और न उनके देवताओं से।
32. Thou shalt make no covenant with them, nor with their gods.
33. वे तेरे देश में रहने न पाएं, ऐसा न हो कि वे तुझ से मेरे विरूद्ध पाप कराएं; क्योंकि यदि तू उनके देवताओं की उपासना करे, तो यह तेरे लिये फंदा बनेगा।।
33. They shall not dwell in thy land lest peradventure they make thee sin against me [by] serving their gods, for it will be a snare unto thee.: