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1. फिर यहोवा ने मि देश में मूसा और हारून से कहा,मत्ती 26:2
1. আর মিসর দেশে সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে কহিলেন,
2. कि यह महीना तुम लोगों के लिये आरम्भ का ठहरे; अर्थात् वर्ष का पहिला महीना यही ठहरे।
2. এই মাস তোমাদের আদি মাস হইবে; বৎসরের সকল মাসের মধ্যে প্রথম হইবে।
3. इस्राएल की सारी मण्डली से इस प्रकार कहो, कि इसी महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार, घराने पीछे एक एक मेम्ना ले रखो।1 कुरिन्थियों 5:8
3. সমস্ত ইস্রায়েল-মণ্ডলীকে এই কথা বল, তোমরা এই মাসের দশম দিনে তোমাদের পিতৃকুলানুসারে প্রত্যেক গৃহস্থ এক এক বাটীর জন্য এক একটী মেষশাবক লইবে।
4. और यदि किसी के घराने में एक मेम्ने के खाने के लिये मनुष्य कम हों, तो वह अपने सब से निकट रहनेवाले पड़ोसी के साथ प्राणियों की गिनती के अनुसार एक मेम्ना ले रखे; और तुम हर एक के खाने के अनुसार मेम्ने का हिसाब करना।
4. আর মেষশাবক ভোজন করিতে যদি কাহারও পরিজন অল্প হয়, তবে সে ও তাহার গৃহের নিকটবর্ত্তী প্রতিবাসী প্রাণিগণের সংখ্যানুসারে একটী মেষশাবক লইবে। তোমরা এক এক জনের ভোজনশক্তি অনুসারে মেষশাবকের জন্য গণনা করিবে।
5. तुम्हारा मेम्ना निर्दौष और पहिले वर्ष का नर हो, और उसे चाहे भेड़ों में से लेना चाहे बकरियों में से।
5. তোমাদের সেই শাবকটী নির্দ্দোষ ও প্রথম বৎসরের পুংশাবক হইবে; তোমরা মেষপালের কিম্বা ছাগপালের মধ্য হইতে তাহা লইবে;
6. और इस महीने के चौदहवें दिन तक उसे रख छोड़ना, और उस दिन गोधूलि के समय इस्राएल की सारी मण्डली के लोग उसे बलि करें।मरकुस 14:12, लूका 22:7
6. আর এই মাসের চতুর্দ্দশ দিন পর্য্যন্ত রাখিবে; পরে ইস্রায়েল-মণ্ডলীর সমস্ত সমাজ সন্ধ্যাকালে সেই শাবকটী হনন করিবে।
7. तब वे उसके लोहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएंगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएं।
7. আর তাহারা তাহার কিঞ্চিৎ রক্ত লইবে, এবং যে যে গৃহমধ্যে মেষশাবক ভোজন করিবে, সেই সেই গৃহের দ্বারের দুই বাজুতে ও কপালীতে তাহা লেপিয়া দিবে।
8. और वे उसके मांस को उसी रात आग में भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं।लूका 22:8
8. পরে সেই রাত্রিতে তাহার মাংস ভোজন করিবে; অগ্নিতে দগ্ধ করিয়া তাড়ীশূন্য রুটী ও তিক্ত শাকের সহিত তাহা ভোজন করিবে।
9. उसको सिर, पैर, और अतड़ियों समेत आग में भूंजकर खाना, कच्चा वा जल में कुछ भी पकाकर न खाना।
9. তোমরা তাহার মাংস কাঁচা কিম্বা জলে সিদ্ধ করিয়া খাইও না, কিন্তু অগ্নিতে দগ্ধ করিও; তাহার মুণ্ড, জঙ্ঘা ও অন্তরস্থ ভাগ।
10. और उस में से कुछ बिहान तक न रहने देना, और यदि कुछ बिहान तक रह भी जाए, तो उसे आग में जला देना।
10. আর প্রাতঃকাল পর্য্যন্ত তাহার কিছুই রাখিও না; কিন্তু প্রাতঃকাল পর্য্যন্ত যাহা অবশিষ্ট থাকে, তাহা অগ্নিতে পোড়াইয়া ফেলিও।
11. और उसके खाने की यह विधि है; कि कमर बान्धे, पांव में जूती पहिने, और हाथ में लाठी लिए हुए उसे फुर्ती से खाना; वह तो यहोवा का पर्ब्ब होगा।लूका 12:35
11. আর তোমরা এইরূপে তাহা ভোজন করিবে; কটিবন্ধন করিবে, চরণে পাদুকা দিবে, হস্তে যষ্টি লইবে ও ত্বরান্বিত হইয়া তাহা ভোজন করিবে; ইহা সদাপ্রভুর নিস্তারপর্ব্ব।
12. क्योंकि उस रात को मैं मि देश के बीच में से होकर जाऊंगा, और मि देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मि के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं तो यहोवा हूं।
12. কেননা সেই রাত্রিতে আমি মিসর দেশের মধ্য দিয়া যাইব, এবং মিসর দেশস্থ মনুষ্যের ও পশুর যাবতীয় প্রথমজাতকে আঘাত করিব, এবং মিসরের যাবতীয় দেবের বিচার করিয়া দণ্ড দিব; আমিই সদাপ্রভু।
13. और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लोहू तुम्हारे निमित्त चिन्ह ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लोहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मि देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नाश न होगे।
13. অতএব তোমরা যে যে গৃহে থাক, তোমাদের পক্ষে ঐ রক্ত চিহ্নস্বরূপে সেই সেই গৃহের উপরে থাকিবে; তাহাতে আমি যখন মিসর দেশকে আঘাত করিব, তখন সেই রক্ত দেখিলে তোমাদিগকে ছাড়িয়া অগ্রে যাইব, সংহারের আঘাত তোমাদের উপরে পড়িবে না।
14. और वह दिन तुम को स्मरण दिलानेवाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्ब्ब करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर पर्ब्ब माना जाए।लूका 22:7, मत्ती 26:17
14. আর এই দিন তোমাদের স্মরণীয় হইবে, এবং তোমরা এই দিনকে সদাপ্রভুর উৎসব বলিয়া পালন করিবে; পুরুষানুক্রমে চিরস্থায়ী বিধিমতে এই উৎসব পালন করিবে।
15. सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, उन में से पहिले ही दिन अपने अपने घर में से खमीर उठा डालना, वरन जो पहिले दिन से लेकर सातवें दिन तक कोई खमीरी वस्तु खाए, वह प्राणी इस्राएलियों में से नाश किया जाए।मरकुस 14:12, लूका 22:7
15. তোমরা সাত দিন তাড়ীশূন্য রুটী খাইবে; প্রথম দিনেই আপন আপন গৃহ হইতে তাড়ী দূর করিবে, কেননা যে কেহ প্রথম দিন হইতে সপ্তম দিন পর্য্যন্ত তাড়ীযুক্ত ভক্ষ্য খাইবে, সেই প্রাণী ইস্রায়েল হইতে উচ্ছিন্ন হইবে।
16. और पहिले दिन एक पवित्रा सभा, और सातवें दिन भी एक पवित्रा सभा करना; उन दोनों दिनों मे कोई काम न किया जाए; केवल जिस प्राणी का जो खाना हो उसके काम करने की आज्ञा है।लूका 23:56
16. আর প্রথম দিনে তোমাদের পবিত্র সভা হইবে, এবং সপ্তম দিনেও তোমাদের পবিত্র সভা হইবে; সেই দুই দিন প্রত্যেক প্রাণীর খাদ্য আয়োজন ব্যতিরেকে অন্য কোন কর্ম্ম করিবে না, কেবল সেই কর্ম্ম করিতে পারিবে।
17. इसलिये तुम बिना खमीर की रोटी का पर्ब्ब मानना, क्योंकि उसी दिन मानो मैं ने तुम को दल दल करके मि देश से निकाला है; इस कारण वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर माना जाए।
17. এইরূপে তোমরা তাড়ীশূন্য রুটীর পর্ব্ব পালন করিবে, কেননা এই দিনে আমি তোমাদের বাহিনীদিগকে মিসর দেশ হইতে বাহির করিয়া আনিলাম; অতএব তোমরা পুরুষানুক্রমে চিরস্থায়ী বিধিমতে এই দিন পালন করিবে।
18. पहिले महीने के चौदहवें दिन की सांझ से लेकर इक्कीसवें दिन की सांझ तक तुम अखमीरी रोटी खाया करना।
18. তোমরা প্রথম মাসের চতুর্দ্দশ দিনের সন্ধ্যাকাল হইতে একবিংশ দিনের সন্ধ্যাকাল পর্য্যন্ত তাড়ীশূন্য রুটী ভোজন করিও।
19. सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी खमीर न रहे, वरन जो कोई किसी खमीरी वस्तु को खाए, चाहे वह देशी हो चाहे परदेशी, वह प्राणी इस्राएलियों की मण्डली से नाश किया जाए।
19. সাত দিন তোমাদের গৃহে যেন তাড়ীর লেশ না থাকে; কেননা কি প্রবাসী কি দেশজাত, যে কোন প্রাণী তাড়ীমিশ্রিত দ্রব্য খাইবে, সে ইস্রায়েল-মণ্ডলী হইতে উচ্ছিন্ন হইবে।
20. कोई खमीरी वस्तु न खाना; अपने सब घरों में बिना खमीर की रोटी खाया करना।।
20. তোমরা তাড়ীযুক্ত কোন দ্রব্য খাইও না; তোমরা আপনাদের সমস্ত বাসস্থানে তাড়ীশূন্য রুটী খাইও।
21. तब मूसा ने इस्राएल के सब पुरनियों को बुलाकर कहा, तुम अपने अपने कुल के अनुसार एक एक मेम्ना अलग कर रखो, और फसह का पशु बलि करना।1 कुरिन्थियों 5:7, इब्रानियों 11:28
21. তখন মোশি ইস্রায়েলের সমস্ত প্রাচীনবর্গকে ডাকাইয়া কহিলেন, তোমরা আপন আপন গোষ্ঠী অনুসারে এক একটী মেষশাবক বাহির করিয়া লও, নিস্তারপর্ব্বীয় বলি হনন কর।
22. और उसका लोहू जो तसले में होगा उस में जूफा का एक गुच्छा डुबाकर उसी तसले में के लोहू से द्वार के चौखट के सिरे और दोनों अलंगों पर कुछ लगाना; और भोर तक तुम में से कोई घर से बाहर न निकले।
22. আর এক আটি এসোব লইয়া ডাবরে স্থিত রক্তে ডুবাইয়া দ্বারের কপালীতে ও দুই বাজুতে ডাবরে স্থিত রক্তের কিঞ্চিৎ লাগাইয়া দিবে, এবং প্রভাত পর্য্যন্ত তোমরা কেহই গৃহদ্বারের বাহিরে যাইবে না।
23. क्योंकि यहोवा देश के बीच होकर मिस्त्रियों को मारता जाएगा; इसलिये जहां जहां वह चौखट के सिरे, और दोनों अलंगों पर उस लोहू को देखेगा, वहां वहां वह उस द्वार को छोड़ जाएगा, और नाश करनेवाले को तुम्हारे घरों में मारने के लिये न जाने देगा।
23. কেননা সদাপ্রভু মিস্রীয়দিগকে আঘাত করিবার জন্য তোমাদের নিকট দিয়া গমন করিবেন, তাহাতে দ্বারের কপালীতে ও দুই বাজুতে সেই রক্ত দেখিলে সদাপ্রভু সেই দ্বার ছাড়িয়া অগ্রে যাইবেন, তোমাদের গৃহে সংহারকর্ত্তাকে প্রবেশ করিয়া আঘাত করিতে দিবেন না।
24. फिर तुम इस विधि को अपने और अपने वंश के लिये सदा की विधि जानकर माना करो।लूका 2:41
24. আর তোমরা ও যুগানুক্রমে তোমাদের সন্তানেরা বিধি বলিয়া এই রীতি পালন করিবে।
25. जब तुम उस देश में जिसे यहोवा अपने कहने के अनुसार तुम को देगा प्रवेश करो, तब वह काम किया करना।
25. আর সদাপ্রভু আপন প্রতিজ্ঞানুসারে তোমাদিগকে যে দেশ দিবেন, সেই দেশে যখন প্রবিষ্ট হইবে, তখনও এই সেবার অনুষ্ঠান করিবে।
26. और जब तुम्हारे लड़केबाले तुम से पूछें, कि इस काम से तुम्हारा क्या मतलब है ?
26. আর তোমাদের সন্তানগণ যখন তোমাদিগকে বলিবে, তোমাদের এই সেবার তাৎপর্য্য কি?
27. तब तुम उनको यह उत्तर देना, कि यहोवा ने जो मिस्त्रियों के मारने के समय मि में रहने वाले हम इस्राएलियों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह का यह बलिदान किया जाता है। तब लोगों ने सिर झुकाकर दण्डवत् की।
27. তোমরা কহিবে, ইহা সদাপ্রভুর উদ্দেশে নিস্তারপর্ব্বীয় যজ্ঞ, মিস্রীয়দিগকে আঘাত করিবার সময়ে তিনি মিসরে ইস্রায়েল-সন্তানদের গৃহ সকল ছাড়িয়া অগ্রে গিয়াছিলেন, আমাদের গৃহ রক্ষা করিয়াছিলেন। তখন লোকেরা মস্তক নমনপূর্ব্বক প্রণিপাত করিল।
28. और इस्राएलियों ने जाकर, जो आज्ञा यहोवा ने मूसा और हारून को दी थी, उसी के अनुसार किया।।
28. পরে ইস্রায়েল-সন্তানেরা গিয়া, সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে যেরূপ আজ্ঞা করিয়াছিলেন, সেইরূপ করিল।
29. और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मि देश में सिंहासन पर विराजनेवाले फिरौन से लेकर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला।
29. পরে অর্দ্ধরাত্রে এই ঘটনা হইল, সদাপ্রভু সিংহাসনে উপবিষ্ট ফরৌণের প্রথমজাত সন্তান অবধি কারাকূপস্থ বন্দির প্রথমজাত সন্তান পর্য্যন্ত মিসর দেশস্থ সমস্ত প্রথমজাত সন্তানকে ও পশুদের প্রথমজাত শাবকগণকে নিহনন করিলেন।
30. और फिरौन रात ही को उठ बैठा, और उसके सब कर्मचारी, वरन सारे मिद्दी उठे; और मि में बड़ा हाहाकार मचा, क्योंकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई मरा न हो।
30. তাহাতে ফরৌণ ও তাঁহার দাসগণ এবং সমস্ত মিস্রীয় লোক রাত্রিতে উঠিল, এবং মিসরে মহাক্রন্দন হইল; কেননা যে ঘরে কেহ মরে নাই, এমন ঘরই ছিল না।
31. तब फिरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जाकर यहोवा की उपासना करो।
31. তখন রাত্রিকালেই ফরৌণ মোশি ও হারোণকে ডাকাইয়া কহিলেন, তোমরা উঠ, ইস্রায়েল-সন্তানদিগকে লইয়া আমার প্রজাদের মধ্য হইতে বাহির হও, তোমরা যাও, তোমাদের কথানুসারে সদাপ্রভুর সেবা কর গিয়া।
32. अपने कहने के अनुसार अपनी भेड़- बकरियों और गाय- बैलों को साथ ले जाओ; और मुझे आशीर्वाद दे जाओ।
32. তোমাদের কথানুসারে মেষপাল ও গোপাল সকল সঙ্গে লইয়া চলিয়া যাও, এবং আমাকেও আশীর্ব্বাদ কর।
33. और मिद्दी जो कहते थे, कि हम तो सब मर मिटे हैं, उन्हों ने इस्राएली लोगों पर दबाव डालकर कहा, कि देश से झटपट निकल जाओ।
33. তখন লোকদিগকে শীঘ্র দেশ হইতে বিদায় করণার্থে মিস্রীয়েরা ব্যগ্র হইল; কেননা তাহারা কহিল, আমরা সকলে মারা পড়িলাম।
34. तब उन्हों ने अपने गून्धे गुन्धाए आटे को बिना खमीर दिए ही कठौतियों समेत कपड़ों में बान्धके अपने अपने कन्धे पर डाल लिया।
34. তাহাতে ময়দার তালে তাড়ী মিশাইবার পূর্ব্বে লোকেরা তাহা লইয়া কাঠুয়া সকল আপন আপন বস্ত্রে বাঁধিয়া স্কন্ধে করিল।
35. और इस्राएलियों ने मूसा के कहने के अनुसार मिस्त्रियों से सोने चांदी के गहने और वस्त्रा मांग लिये।
35. আর ইস্রায়েল-সন্তানেরা মোশির বাক্যানুসারে কার্য্য করিল; ফলে তাহারা মিস্রীয়দের কাছে রৌপ্যালঙ্কার, স্বর্ণালঙ্কার ও বস্ত্র চাহিল;
36. और यहोवा ने मिस्त्रियों को अपनी प्रजा के लोगों पर ऐसा दयालु किया, कि उन्हों ने जो जो मांगा वह सब उनको दिया। इस प्रकार इस्राएलियों ने मिस्त्रियों को लूट लिया।।
36. আর সদাপ্রভু মিস্রীয়দের দৃষ্টিতে তাহাদিগকে অনুগ্রহপাত্র করিলেন, তাই তাহারা যাহা চাহিল, মিস্রীয়েরা তাহাদিগকে তাহাই দিল। এইরূপে তাহারা মিস্রীয়দের ধন হরণ করিল।
37. तब इस्राएली रामसेस से कूच करके सुक्कोत को चले, और बालबच्चों को छोड़ वे कोई छ: लाख पुरूष प्यादे थे।
37. তখন ইস্রায়েল-সন্তানেরা বালক ছাড়া কমবেশ ছয় লক্ষ পদাতিক পুরুষ রামিষেষ হইতে সুক্কোতে যাত্রা করিল।
38. और उनके साथ मिली जुली हुई एक भीड़ गई, और भेड़- बकरी, गाय- बैल, बहुत से पशु भी साथ गए।
38. আর তাহাদের সহিত মিশ্রিত লোকদের মহাজনতা এবং মেষ ও গো, অতি বিস্তর পশু প্রস্থান করিল।
39. और जो गून्धा आटा वे मि से साथ ले गए उसकी उन्हों ने बिना खमीर दिए रोटियां बनाई; क्योंकि वे मि से ऐसे बरबस निकाले गए, कि उन्हें अवसर भी न मिला की मार्ग में खाने के लिये कुछ पका सकें, इसी कारण वह गून्धा हुआ आटा बिना खमीर का था।
39. পরে তাহারা মিসর হইতে আনীত ছানা ময়দার তাল দিয়া তাড়ীশূন্য পিষ্টক প্রস্তুত করিল, কেননা তাহাতে তাড়ী মিশান হয় নাই, কারণ তাহারা মিসর হইতে বহিষ্কৃত হইয়াছিল সুতরাং বিলম্ব করিতে না পারাতে আপনাদের জন্য খাদ্য দ্রব্য প্রস্তুত করে নাই।
40. मि में बसे हुए इस्राएलियों को चार सौ तीस वर्ष बीत गए थे।गलातियों 3:17
40. ইস্রায়েল-সন্তানেরা চারি শত ত্রিশ বৎসর কাল মিসরে প্রবাস করিয়াছিল সেই চারি শত ত্রিশ বৎসরের শেষে,
41. और उन चार सौ तीस वर्षों के बीतने पर, ठीक उसी दिन, यहोवा की सारी सेना मि देश से निकल गई।
41. ঐ দিনে, সদাপ্রভুর সমস্ত বাহিনী মিসর দেশ হইতে বাহির হইল।
42. यहोवा इस्राएलियों को मि देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के अति योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अति अवश्य है।।
42. মিসর দেশ হইতে তাহাদিগকে বাহির করিয়া আনা হেতু এ সদাপ্রভুর উদ্দেশে অতীব পালনীয় রাত্রি। সমস্ত ইস্রায়েল-সন্তানের পুরুষানুক্রমে এই রাত্রি সদাপ্রভুর উদ্দেশে অতীব পালনীয়।
43. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, पर्ब्ब की विधि यह है; कि कोई परदेशी उस में से न खाए;
43. আর সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে কহিলেন, নিস্তারপর্ব্বীয় বলির বিধি এই; অন্য জাতীয় কোন লোক তাহা ভোজন করিবে না।
44. पर जो किसी का मोल लिया हुआ दास हो, और तुम लोगों ने उसका खतना किया हो, वह तो उस में से खा सकेगा।
44. কিন্তু কোন ব্যক্তির যে দাস রৌপ্য দ্বারা ক্রীত হইয়াছে, সে যদি ছিন্নত্বক হয়, তবে খাইতে পাইবে।
45. पर परदेशी और मजदूर उस में से न खाएं।
45. প্রবাসী কিম্বা বেতনজীবী তাহা খাইতে পাইবে না।
46. उसका खाना एक ही घर में हो; अर्थात् तुम उसके मांस में से कुछ घर से बाहर न ले जाना; और बलिपशु की कोई हड्डी न तोड़ना।यूहन्ना 19:36
46. তোমরা এক গৃহমধ্যে তাহা ভোজন করিও; সেই মাংসের কিছুই গৃহের বাহিরে লইয়া যাইও না; এবং তাহার এক অস্থিও ভগ্ন করিও না।
47. पर्ब्ब को मानना इस्राएल की सारी मण्डली का कर्तव्य कर्म है।
47. সমস্ত ইস্রায়েল-মণ্ডলী ইহা পালন করিবে।
48. और यदि कोई परदेशी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के लिये पर्ब्ब को मानना चाहे, तो वह अपने यहां के सब पुरूषों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और वह देशी मनुष्य के तुल्य ठहरेगा। पर कोई खतनारहित पुरूष उस में से न खाने पाए।
48. আর তোমার সহিত প্রবাসী কোন বিদেশী লোক যদি সদাপ্রভুর উদ্দেশে নিস্তারপর্ব্ব পালন করিতে চাহে, তবে সে নিজ পুরুষ পরিবারের সহিত ছিন্নত্বক হইয়া ইহা পালনার্থে আগমন করুক, সে দেশজাত লোকের তুল্য হইবে; কিন্তু অচ্ছিন্নত্বক কোন লোক তাহা ভোজন করিবে না।
49. उसकी व्यवस्था देशी और तुम्हारे बीच में रहनेवाले परदेशी दोनों के लिये एक ही हो।
49. দেশজাত লোকের নিমিত্তে ও তোমাদের মধ্যে প্রবাসকারী বিদেশীয় লোকের নিমিত্তে একই বিধি হইবে।
50. यह आज्ञा जो यहोवा ने मूसा और हारून को दी उसके अनुसार सारे इस्राएलियों ने किया।
50. সমস্ত ইস্রায়েল-সন্তান সেইরূপ করিল, সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে যাহা আজ্ঞা করিয়াছিলেন, তদনুসারেই করিল।
51. और ठीक उसी दिन यहोवा इस्राएलियों को मि देश से दल दल करके निकाल ले गया।।प्रेरितों के काम 13:17, इब्रानियों 11:27, यहूदा 1:5
51. এইরূপে সদাপ্রভু সেই দিন বাহিনীক্রমে ইস্রায়েল-সন্তানদিগকে মিসর দেশ হইতে বাহির করিয়া আনিলেন।