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1. फिर यहोवा ने मि देश में मूसा और हारून से कहा,मत्ती 26:2
1. The LORD said to Moses and Aaron in the land of Egypt,
2. कि यह महीना तुम लोगों के लिये आरम्भ का ठहरे; अर्थात् वर्ष का पहिला महीना यही ठहरे।
2. 'This month shall be for you the beginning of months; it shall be the first month of the year for you.
3. इस्राएल की सारी मण्डली से इस प्रकार कहो, कि इसी महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार, घराने पीछे एक एक मेम्ना ले रखो।1 कुरिन्थियों 5:8
3. Tell all the congregation of Israel that on the tenth day of this month they shall take every man a lamb according to their fathers' houses, a lamb for a household;
4. और यदि किसी के घराने में एक मेम्ने के खाने के लिये मनुष्य कम हों, तो वह अपने सब से निकट रहनेवाले पड़ोसी के साथ प्राणियों की गिनती के अनुसार एक मेम्ना ले रखे; और तुम हर एक के खाने के अनुसार मेम्ने का हिसाब करना।
4. and if the household is too small for a lamb, then a man and his neighbor next to his house shall take according to the number of persons; according to what each can eat you shall make your count for the lamb.
5. तुम्हारा मेम्ना निर्दौष और पहिले वर्ष का नर हो, और उसे चाहे भेड़ों में से लेना चाहे बकरियों में से।
5. Your lamb shall be without blemish, a male a year old; you shall take it from the sheep or from the goats;
6. और इस महीने के चौदहवें दिन तक उसे रख छोड़ना, और उस दिन गोधूलि के समय इस्राएल की सारी मण्डली के लोग उसे बलि करें।मरकुस 14:12, लूका 22:7
6. and you shall keep it until the fourteenth day of this month, when the whole assembly of the congregation of Israel shall kill their lambs in the evening.
7. तब वे उसके लोहू में से कुछ लेकर जिन घरों में मेम्ने को खाएंगे उनके द्वार के दोनों अलंगों और चौखट के सिरे पर लगाएं।
7. Then they shall take some of the blood, and put it on the two doorposts and the lintel of the houses in which they eat them.
8. और वे उसके मांस को उसी रात आग में भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं।लूका 22:8
8. They shall eat the flesh that night, roasted; with unleavened bread and bitter herbs they shall eat it.
9. उसको सिर, पैर, और अतड़ियों समेत आग में भूंजकर खाना, कच्चा वा जल में कुछ भी पकाकर न खाना।
9. Do not eat any of it raw or boiled with water, but roasted, its head with its legs and its inner parts.
10. और उस में से कुछ बिहान तक न रहने देना, और यदि कुछ बिहान तक रह भी जाए, तो उसे आग में जला देना।
10. And you shall let none of it remain until the morning, anything that remains until the morning you shall burn.
11. और उसके खाने की यह विधि है; कि कमर बान्धे, पांव में जूती पहिने, और हाथ में लाठी लिए हुए उसे फुर्ती से खाना; वह तो यहोवा का पर्ब्ब होगा।लूका 12:35
11. In this manner you shall eat it: your loins girded, your sandals on your feet, and your staff in your hand; and you shall eat it in haste. It is the LORD's passover.
12. क्योंकि उस रात को मैं मि देश के बीच में से होकर जाऊंगा, और मि देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मि के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं तो यहोवा हूं।
12. For I will pass through the land of Egypt that night, and I will smite all the first-born in the land of Egypt, both man and beast; and on all the gods of Egypt I will execute judgments: I am the LORD.
13. और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लोहू तुम्हारे निमित्त चिन्ह ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लोहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मि देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नाश न होगे।
13. The blood shall be a sign for you, upon the houses where you are; and when I see the blood, I will pass over you, and no plague shall fall upon you to destroy you, when I smite the land of Egypt.
14. और वह दिन तुम को स्मरण दिलानेवाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्ब्ब करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर पर्ब्ब माना जाए।लूका 22:7, मत्ती 26:17
14. 'This day shall be for you a memorial day, and you shall keep it as a feast to the LORD; throughout your generations you shall observe it as an ordinance for ever.
15. सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, उन में से पहिले ही दिन अपने अपने घर में से खमीर उठा डालना, वरन जो पहिले दिन से लेकर सातवें दिन तक कोई खमीरी वस्तु खाए, वह प्राणी इस्राएलियों में से नाश किया जाए।मरकुस 14:12, लूका 22:7
15. Seven days you shall eat unleavened bread; on the first day you shall put away leaven out of your houses, for if any one eats what is leavened, from the first day until the seventh day, that person shall be cut off from Israel.
16. और पहिले दिन एक पवित्रा सभा, और सातवें दिन भी एक पवित्रा सभा करना; उन दोनों दिनों मे कोई काम न किया जाए; केवल जिस प्राणी का जो खाना हो उसके काम करने की आज्ञा है।लूका 23:56
16. On the first day you shall hold a holy assembly, and on the seventh day a holy assembly; no work shall be done on those days; but what every one must eat, that only may be prepared by you.
17. इसलिये तुम बिना खमीर की रोटी का पर्ब्ब मानना, क्योंकि उसी दिन मानो मैं ने तुम को दल दल करके मि देश से निकाला है; इस कारण वह दिन तुम्हारी पीढ़ियों में सदा की विधि जानकर माना जाए।
17. And you shall observe the feast of unleavened bread, for on this very day I brought your hosts out of the land of Egypt: therefore you shall observe this day, throughout your generations, as an ordinance for ever.
18. पहिले महीने के चौदहवें दिन की सांझ से लेकर इक्कीसवें दिन की सांझ तक तुम अखमीरी रोटी खाया करना।
18. In the first month, on the fourteenth day of the month at evening, you shall eat unleavened bread, and so until the twenty-first day of the month at evening.
19. सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी खमीर न रहे, वरन जो कोई किसी खमीरी वस्तु को खाए, चाहे वह देशी हो चाहे परदेशी, वह प्राणी इस्राएलियों की मण्डली से नाश किया जाए।
19. For seven days no leaven shall be found in your houses; for if any one eats what is leavened, that person shall be cut off from the congregation of Israel, whether he is a sojourner or a native of the land.
20. कोई खमीरी वस्तु न खाना; अपने सब घरों में बिना खमीर की रोटी खाया करना।।
20. You shall eat nothing leavened; in all your dwellings you shall eat unleavened bread.'
21. तब मूसा ने इस्राएल के सब पुरनियों को बुलाकर कहा, तुम अपने अपने कुल के अनुसार एक एक मेम्ना अलग कर रखो, और फसह का पशु बलि करना।1 कुरिन्थियों 5:7, इब्रानियों 11:28
21. Then Moses called all the elders of Israel, and said to them, 'Select lambs for yourselves according to your families, and kill the passover lamb.
22. और उसका लोहू जो तसले में होगा उस में जूफा का एक गुच्छा डुबाकर उसी तसले में के लोहू से द्वार के चौखट के सिरे और दोनों अलंगों पर कुछ लगाना; और भोर तक तुम में से कोई घर से बाहर न निकले।
22. Take a bunch of hyssop and dip it in the blood which is in the basin, and touch the lintel and the two doorposts with the blood which is in the basin; and none of you shall go out of the door of his house until the morning.
23. क्योंकि यहोवा देश के बीच होकर मिस्त्रियों को मारता जाएगा; इसलिये जहां जहां वह चौखट के सिरे, और दोनों अलंगों पर उस लोहू को देखेगा, वहां वहां वह उस द्वार को छोड़ जाएगा, और नाश करनेवाले को तुम्हारे घरों में मारने के लिये न जाने देगा।
23. For the LORD will pass through to slay the Egyptians; and when he sees the blood on the lintel and on the two doorposts, the LORD will pass over the door, and will not allow the destroyer to enter your houses to slay you.
24. फिर तुम इस विधि को अपने और अपने वंश के लिये सदा की विधि जानकर माना करो।लूका 2:41
24. You shall observe this rite as an ordinance for you and for your sons for ever.
25. जब तुम उस देश में जिसे यहोवा अपने कहने के अनुसार तुम को देगा प्रवेश करो, तब वह काम किया करना।
25. And when you come to the land which the LORD will give you, as he has promised, you shall keep this service.
26. और जब तुम्हारे लड़केबाले तुम से पूछें, कि इस काम से तुम्हारा क्या मतलब है ?
26. And when your children say to you, `What do you mean by this service?'
27. तब तुम उनको यह उत्तर देना, कि यहोवा ने जो मिस्त्रियों के मारने के समय मि में रहने वाले हम इस्राएलियों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह का यह बलिदान किया जाता है। तब लोगों ने सिर झुकाकर दण्डवत् की।
27. you shall say, `It is the sacrifice of the LORD's passover, for he passed over the houses of the people of Israel in Egypt, when he slew the Egyptians but spared our houses.'' And the people bowed their heads and worshiped.
28. और इस्राएलियों ने जाकर, जो आज्ञा यहोवा ने मूसा और हारून को दी थी, उसी के अनुसार किया।।
28. Then the people of Israel went and did so; as the LORD had commanded Moses and Aaron, so they did.
29. और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मि देश में सिंहासन पर विराजनेवाले फिरौन से लेकर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला।
29. At midnight the LORD smote all the first-born in the land of Egypt, from the first-born of Pharaoh who sat on his throne to the first-born of the captive who was in the dungeon, and all the first-born of the cattle.
30. और फिरौन रात ही को उठ बैठा, और उसके सब कर्मचारी, वरन सारे मिद्दी उठे; और मि में बड़ा हाहाकार मचा, क्योंकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई मरा न हो।
30. And Pharaoh rose up in the night, he, and all his servants, and all the Egyptians; and there was a great cry in Egypt, for there was not a house where one was not dead.
31. तब फिरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जाकर यहोवा की उपासना करो।
31. And he summoned Moses and Aaron by night, and said, 'Rise up, go forth from among my people, both you and the people of Israel; and go, serve the LORD, as you have said.
32. अपने कहने के अनुसार अपनी भेड़- बकरियों और गाय- बैलों को साथ ले जाओ; और मुझे आशीर्वाद दे जाओ।
32. Take your flocks and your herds, as you have said, and be gone; and bless me also!'
33. और मिद्दी जो कहते थे, कि हम तो सब मर मिटे हैं, उन्हों ने इस्राएली लोगों पर दबाव डालकर कहा, कि देश से झटपट निकल जाओ।
33. And the Egyptians were urgent with the people, to send them out of the land in haste; for they said, 'We are all dead men.'
34. तब उन्हों ने अपने गून्धे गुन्धाए आटे को बिना खमीर दिए ही कठौतियों समेत कपड़ों में बान्धके अपने अपने कन्धे पर डाल लिया।
34. So the people took their dough before it was leavened, their kneading bowls being bound up in their mantles on their shoulders.
35. और इस्राएलियों ने मूसा के कहने के अनुसार मिस्त्रियों से सोने चांदी के गहने और वस्त्रा मांग लिये।
35. The people of Israel had also done as Moses told them, for they had asked of the Egyptians jewelry of silver and of gold, and clothing;
36. और यहोवा ने मिस्त्रियों को अपनी प्रजा के लोगों पर ऐसा दयालु किया, कि उन्हों ने जो जो मांगा वह सब उनको दिया। इस प्रकार इस्राएलियों ने मिस्त्रियों को लूट लिया।।
36. and the LORD had given the people favor in the sight of the Egyptians, so that they let them have what they asked. Thus they despoiled the Egyptians.
37. तब इस्राएली रामसेस से कूच करके सुक्कोत को चले, और बालबच्चों को छोड़ वे कोई छ: लाख पुरूष प्यादे थे।
37. And the people of Israel journeyed from Rameses to Succoth, about six hundred thousand men on foot, besides women and children.
38. और उनके साथ मिली जुली हुई एक भीड़ गई, और भेड़- बकरी, गाय- बैल, बहुत से पशु भी साथ गए।
38. A mixed multitude also went up with them, and very many cattle, both flocks and herds.
39. और जो गून्धा आटा वे मि से साथ ले गए उसकी उन्हों ने बिना खमीर दिए रोटियां बनाई; क्योंकि वे मि से ऐसे बरबस निकाले गए, कि उन्हें अवसर भी न मिला की मार्ग में खाने के लिये कुछ पका सकें, इसी कारण वह गून्धा हुआ आटा बिना खमीर का था।
39. And they baked unleavened cakes of the dough which they had brought out of Egypt, for it was not leavened, because they were thrust out of Egypt and could not tarry, neither had they prepared for themselves any provisions.
40. मि में बसे हुए इस्राएलियों को चार सौ तीस वर्ष बीत गए थे।गलातियों 3:17
40. The time that the people of Israel dwelt in Egypt was four hundred and thirty years.
41. और उन चार सौ तीस वर्षों के बीतने पर, ठीक उसी दिन, यहोवा की सारी सेना मि देश से निकल गई।
41. And at the end of four hundred and thirty years, on that very day, all the hosts of the LORD went out from the land of Egypt.
42. यहोवा इस्राएलियों को मि देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के अति योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अति अवश्य है।।
42. It was a night of watching by the LORD, to bring them out of the land of Egypt; so this same night is a night of watching kept to the LORD by all the people of Israel throughout their generations.
43. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, पर्ब्ब की विधि यह है; कि कोई परदेशी उस में से न खाए;
43. And the LORD said to Moses and Aaron, 'This is the ordinance of the passover: no foreigner shall eat of it;
44. पर जो किसी का मोल लिया हुआ दास हो, और तुम लोगों ने उसका खतना किया हो, वह तो उस में से खा सकेगा।
44. but every slave that is bought for money may eat of it after you have circumcised him.
45. पर परदेशी और मजदूर उस में से न खाएं।
45. No sojourner or hired servant may eat of it.
46. उसका खाना एक ही घर में हो; अर्थात् तुम उसके मांस में से कुछ घर से बाहर न ले जाना; और बलिपशु की कोई हड्डी न तोड़ना।यूहन्ना 19:36
46. In one house shall it be eaten; you shall not carry forth any of the flesh outside the house; and you shall not break a bone of it.
47. पर्ब्ब को मानना इस्राएल की सारी मण्डली का कर्तव्य कर्म है।
47. All the congregation of Israel shall keep it.
48. और यदि कोई परदेशी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के लिये पर्ब्ब को मानना चाहे, तो वह अपने यहां के सब पुरूषों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और वह देशी मनुष्य के तुल्य ठहरेगा। पर कोई खतनारहित पुरूष उस में से न खाने पाए।
48. And when a stranger shall sojourn with you and would keep the passover to the LORD, let all his males be circumcised, then he may come near and keep it; he shall be as a native of the land. But no uncircumcised person shall eat of it.
49. उसकी व्यवस्था देशी और तुम्हारे बीच में रहनेवाले परदेशी दोनों के लिये एक ही हो।
49. There shall be one law for the native and for the stranger who sojourns among you.'
50. यह आज्ञा जो यहोवा ने मूसा और हारून को दी उसके अनुसार सारे इस्राएलियों ने किया।
50. Thus did all the people of Israel; as the LORD commanded Moses and Aaron, so they did.
51. और ठीक उसी दिन यहोवा इस्राएलियों को मि देश से दल दल करके निकाल ले गया।।प्रेरितों के काम 13:17, इब्रानियों 11:27, यहूदा 1:5
51. And on that very day the LORD brought the people of Israel out of the land of Egypt by their hosts.