Psalms - भजन संहिता 37 | View All

1. कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करनेवालों के विषय डाह न कर!

1. Fret not thyself because of evildoers, neither be thou envious against the workers of iniquity.

2. क्योंकि वे घास की नाई झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाई मुर्झा जाएंगे।

2. For they shall soon be cut down like the grass, and wither as the green herb.

3. यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।

3. Trust in the LORD, and do good; so shalt thou dwell in the land, and verily thou shalt be fed.

4. यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा
मत्ती 6:33

4. Delight thyself also in the LORD; and he shall give thee the desires of thine heart.

5. अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।

5. Commit thy way unto the LORD; trust also in him; and he shall bring it to pass.

6. और वह तेरा धर्म ज्योति की नाई, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाई प्रगट करेगा।।

6. And he shall bring forth thy righteousness as the light, and thy judgment as the noonday.

7. यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आस्त्रा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सुफल होते हैं, और वह कुरी युक्तियों को निकालता है!

7. Rest in the LORD, and wait patiently for him: fret not thyself because of him who prospereth in his way, because of the man who bringeth wicked devices to pass.

8. क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।

8. Cease from anger, and forsake wrath: fret not thyself in any wise to do evil.

9. क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।

9. For evildoers shall be cut off: but those that wait upon the LORD, they shall inherit the earth.

10. थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।

10. For yet a little while, and the wicked shall not be: yea, thou shalt diligently consider his place, and it shall not be.

11. परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।
मत्ती 5:5

11. But the meek shall inherit the earth; and shall delight themselves in the abundance of peace.

12. दुष्ट धर्मी के विरूद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दांत पीसता है;
प्रेरितों के काम 7:54

12. The wicked plotteth against the just, and gnasheth upon him with his teeth.

13. परन्तु प्रभु उस पर हंसेगा, क्योंकि वह देखता है कि उसका दिन आनेवाला है।।

13. The Lord shall laugh at him: for he seeth that his day is coming.

14. दुष्ट लोग तलवार खींचे और धनुष बढ़ाए हुए हैं, ताकि दीन दरिद्र को गिरा दें, और सीधी चाल चलनेवालों को वध करें।

14. The wicked have drawn out the sword, and have bent their bow, to cast down the poor and needy, and to slay such as be of upright conversation.

15. उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे, और उनके धनुष तोड़े जाएंगे।।

15. Their sword shall enter into their own heart, and their bows shall be broken.

16. धर्मी को थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।

16. A little that a righteous man hath is better than the riches of many wicked.

17. क्योंकि दुष्टों की भुजाएं तो तोड़ी जाएंगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।।

17. For the arms of the wicked shall be broken: but the LORD upholdeth the righteous.

18. यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा।

18. The LORD knoweth the days of the upright: and their inheritance shall be for ever.

19. विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।।

19. They shall not be ashamed in the evil time: and in the days of famine they shall be satisfied.

20. दुष्ट लोग नाश हो जाएंगे; और यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास की नाई नाश होंगे, वे धूएं की नाई बिलाय जाएंगे।।

20. But the wicked shall perish, and the enemies of the LORD shall be as the fat of lambs: they shall consume; into smoke shall they consume away.

21. दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परनतु धर्मीं अनुग्रह करके दान देता है;

21. The wicked borroweth, and payeth not again: but the righteous sheweth mercy, and giveth.

22. क्योंकि जो उस से आशीष पाते हैं वे तो पृथ्वी के अधिकारी होंगे, परन्तु जो उस से शापित होते हैं, वे नाश को जाएंगे।।

22. For such as be blessed of him shall inherit the earth; and they that be cursed of him shall be cut off.

23. मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;

23. The steps of a good man are ordered by the LORD: and he delighteth in his way.

24. चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थांभे रहता है।।

24. Though he fall, he shall not be utterly cast down: for the LORD upholdeth him with his hand.

25. मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।

25. I have been young, and now am old; yet have I not seen the righteous forsaken, nor his seed begging bread.

26. वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।।

26. He is ever merciful, and lendeth; and his seed is blessed.

27. बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा।

27. Depart from evil, and do good; and dwell for evermore.

28. क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा।

28. For the LORD loveth judgment, and forsaketh not his saints; they are preserved for ever: but the seed of the wicked shall be cut off.

29. धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।।

29. The righteous shall inherit the land, and dwell therein for ever.

30. धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।

30. The mouth of the righteous speaketh wisdom, and his tongue talketh of judgment.

31. उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।।

31. The law of his God is in his heart; none of his steps shall slide.

32. दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।

32. The wicked watcheth the righteous, and seeketh to slay him.

33. यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।।

33. The LORD will not leave him in his hand, nor condemn him when he is judged.

34. यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।।

34. Wait on the LORD, and keep his way, and he shall exalt thee to inherit the land: when the wicked are cut off, thou shalt see it.

35. मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।

35. I have seen the wicked in great power, and spreading himself like a green bay tree.

36. परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहां है ही नहीं; और मैं ने भी उसे ढूंढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।।

36. Yet he passed away, and, lo, he was not: yea, I sought him, but he could not be found.

37. खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहनेवाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है।

37. Mark the perfect man, and behold the upright: for the end of that man is peace.

38. परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।।

38. But the transgressors shall be destroyed together: the end of the wicked shall be cut off.

39. धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।

39. But the salvation of the righteous is of the LORD: he is their strength in the time of trouble.

40. और यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्वार करता है, इसलिये कि उन्हों ने उस में अपनी शरण ली है।।

40. And the LORD shall help them, and deliver them: he shall deliver them from the wicked, and save them, because they trust in him.



Shortcut Links
भजन संहिता - Psalms : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |