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Cross Reference Bible
1. कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करनेवालों के विषय डाह न कर!
1. By David. Do not fret because of evil doers, Be not envious against doers of iniquity,
2. क्योंकि वे घास की नाई झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाई मुर्झा जाएंगे।
2. For as grass speedily they are cut off, And as the greenness of the tender grass do fade.
3. यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
3. Trust in Jehovah, and do good, Dwell [in] the land, and enjoy faithfulness,
4. यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगामत्ती 6:33
4. And delight thyself on Jehovah, And He giveth to thee the petitions of thy heart.
5. अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
5. Roll on Jehovah thy way, And trust upon Him, and He worketh,
6. और वह तेरा धर्म ज्योति की नाई, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाई प्रगट करेगा।।
6. And hath brought out as light thy righteousness, And thy judgment as noon-day.
7. यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आस्त्रा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सुफल होते हैं, और वह कुरी युक्तियों को निकालता है!
7. Be silent for Jehovah, and stay thyself for Him, Do not fret because of him Who is making prosperous his way, Because of a man doing wicked devices.
8. क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
8. Desist from anger, and forsake fury, Fret not thyself only to do evil.
9. क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
9. For evil doers are cut off, As to those waiting on Jehovah, they possess the land.
10. थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
10. And yet a little, and the wicked is not, And thou hast considered his place, and it is not.
11. परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।मत्ती 5:5
11. And the humble do possess the land, And they have delighted themselves In the abundance of peace.
12. दुष्ट धर्मी के विरूद्ध बुरी युक्ति निकालता है, और उस पर दांत पीसता है;प्रेरितों के काम 7:54
12. The wicked is devising against the righteous, And gnashing against him his teeth.
13. परन्तु प्रभु उस पर हंसेगा, क्योंकि वह देखता है कि उसका दिन आनेवाला है।।
13. The Lord doth laugh at him, For He hath seen that his day cometh.
14. दुष्ट लोग तलवार खींचे और धनुष बढ़ाए हुए हैं, ताकि दीन दरिद्र को गिरा दें, और सीधी चाल चलनेवालों को वध करें।
14. A sword have the wicked opened, And they have trodden their bow, To cause to fall the poor and needy, To slaughter the upright of the way.
15. उनकी तलवारों से उन्हीं के हृदय छिदेंगे, और उनके धनुष तोड़े जाएंगे।।
15. Their sword doth enter into their own heart, And their bows are shivered.
16. धर्मी को थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है।
16. Better [is] the little of the righteous, Than the store of many wicked.
17. क्योंकि दुष्टों की भुजाएं तो तोड़ी जाएंगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।।
17. For the arms of the wicked are shivered, And Jehovah is sustaining the righteous.
18. यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
18. Jehovah knoweth the days of the perfect, And their inheritance is -- to the age.
19. विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।।
19. They are not ashamed in a time of evil, And in days of famine they are satisfied.
20. दुष्ट लोग नाश हो जाएंगे; और यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास की नाई नाश होंगे, वे धूएं की नाई बिलाय जाएंगे।।
20. But the wicked perish, and the enemies of Jehovah, As the preciousness of lambs, Have been consumed, In smoke they have been consumed.
21. दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परनतु धर्मीं अनुग्रह करके दान देता है;
21. The wicked is borrowing and repayeth not, And the righteous is gracious and giving.
22. क्योंकि जो उस से आशीष पाते हैं वे तो पृथ्वी के अधिकारी होंगे, परन्तु जो उस से शापित होते हैं, वे नाश को जाएंगे।।
22. For His blessed ones do possess the land, And His reviled ones are cut off.
23. मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
23. From Jehovah [are] the steps of a man, They have been prepared, And his way he desireth.
24. चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थांभे रहता है।।
24. When he falleth, he is not cast down, For Jehovah is sustaining his hand.
25. मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।
25. Young I have been, I have also become old, And I have not seen the righteous forsaken, And his seed seeking bread.
26. वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।।
26. All the day he is gracious and lending, And his seed [is] for a blessing.
27. बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा।
27. Turn aside from evil, and do good, and dwell to the age.
28. क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा।
28. For Jehovah is loving judgment, And He doth not forsake His saintly ones, To the age they have been kept, And the seed of the wicked is cut off.
29. धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।।
29. The righteous possess the land, And they dwell for ever on it.
30. धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।
30. The mouth of the righteous uttereth wisdom, And his tongue speaketh judgment.
31. उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।।
31. The law of his God [is] his heart, His steps do not slide.
32. दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
32. The wicked is watching for the righteous, And is seeking to put him to death.
33. यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।।
33. Jehovah doth not leave him in his hand, Nor condemn him in his being judged.
34. यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।।
34. Look unto Jehovah, and keep His way, And He doth exalt thee to possess the land, In the wicked being cut off -- thou seest!
35. मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
35. I have seen the wicked terrible, And spreading as a green native plant,
36. परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहां है ही नहीं; और मैं ने भी उसे ढूंढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।।
36. And he passeth away, and lo, he is not, And I seek him, and he is not found!
37. खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहनेवाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है।
37. Observe the perfect, and see the upright, For the latter end of each [is] peace.
38. परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।।
38. And transgressors were destroyed together, The latter end of the wicked was cut off.
39. धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।
39. And the salvation of the righteous [is] from Jehovah, Their strong place in a time of adversity.
40. और यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्वार करता है, इसलिये कि उन्हों ने उस में अपनी शरण ली है।।
40. And Jehovah doth help them and deliver them, He delivereth them from the wicked, And saveth them, Because they trusted in Him!