1. मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्हों ने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।रोमियों 3:10-12 जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजनेवाला नहीं।सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करनेवाला नहीं, एक भी नहीं।