10. और मैं शमायाह के घर में गया, जो दलायाह का पुत्रा और महेतबेल का पोता था, वह तो बन्द घर में था; उस ने कहा, आ, हम परमेश्वर के भवन अर्थात् मन्दिर के भीतर आपस में भेंट करें, और मन्दिर के द्वार बन्द करें; क्योंकि वे लोग तुझे घात करने आएंगे, रात ही को वे तुझे घात करने आएंगे।
10. পরে মহেটবেলের সন্তান দলায়ের পুত্র যে শময়িয় রুদ্ধ ছিল, তাহার গৃহে আমি গেলাম; আর সে কহিল, আইস, আমরা ঈশ্বরের গৃহে, মন্দিরের ভিতরে, একত্র হই, ও মন্দিরের দ্বার সকল রুদ্ধ করি, কেননা লোকে তোমাকে বধ করিতে আসিবে, রাত্রিকালেই তোমাকে বধ করিতে আসিবে।