Ezra - एज्रा 10 | View All

1. जब एज्रा परमेश्वर के भवन के साम्हने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरूषों, स्त्रियों और लड़केवालों की एक बहुत बड़ी मणडली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलक बिलक कर रो रहे थे।

1. While Ezra prayed and acknowledged their guilt, weeping and prostrate before the house of God, a very large assembly of Israelites gathered about him, men, women, and children; and the people wept profusely.

2. तब यहीएल का पुत्रा शकन्याह जो एलाम के वुश में का था, एज्रा से कहने लगा, हम लोगों ने इस देश के लोगों में से अन्यजाति स्त्रियां ब्याह कर अपने परमेश्वर का विश्वासघात तो किया है, परन्तु इस दशा में भी इस्राएल के लिये आश है।

2. Then Shecaniah, the son of Jehiel, one of the sons of Elam, made this appeal to Ezra: 'We have indeed betrayed our God by taking as wives foreign women of the peoples of the land. Yet even now there remains a hope for Israel.

3. अब हम अपने परमेश्वर से यह वाचा बान्धें, कि हम अपने प्रभुकी सम्मति और अपने परमेश्वर की आज्ञा सुनकर थरथरानेवालों की सम्मति के अनुसार ऐसी सब स्त्रियों को और उनके लड़केवालों को दूर करें; और व्यवस्था के अनुसार काम किया जाए।

3. Let us therefore enter into a covenant before our God to dismiss all our foreign wives and the children born of them, in keeping with what you, my lord, advise, and those who fear the commandments of our God. Let the law be observed!

4. तू उठ, क्योंकि यह काम तेरा ही है, और हम तेरे साथ है; इसलिये हियाव बान्धकर इस काम में लग जा।

4. Rise, then, for this is your duty! We will stand by you, so have courage and take action!'

5. तब एज्रा उठा, और याजकों, लेवियों और सब इस्राएलियों के प्रधानों को यह शपथ खिलाई कि हम इसी वचन के अनुसार करेंगे; और उन्हों ने वैसी ही शपथ खाई।

5. Ezra rose to his feet and demanded an oath from the chiefs of the priests, from the Levites and from all Israel that they would do as had been proposed; and they swore it.

6. तब बज्रा परमेश्वर के भवन के साम्हने से उठा, और एल्याशीब के पुत्रा योहानान की कोठरी में गया, और वहां पहुंचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बन्धुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा।

6. Then Ezra retired from his place before the house of God and entered the chamber of Johanan, son of Eliashib, where he spent the night neither eating food nor drinking water, for he was in mourning over the betrayal by the exiles.

7. तब उन्हों ने यहूदा और यरूशलेम में रहनेवाले बन्धुआई में से आए हुए सब लोगों में यह प्रचार कराया, कि तुम यरूशलेम में इट्ठे हो;

7. A proclamation was made throughout Judah and Jerusalem that all the exiles should gather together in Jerusalem,

8. और जो कोई हाकिमों और पुरनियों की सम्मति न मानेगा और तीन दिन के भीतर न आए तो उसकी समस्त धन- सम्पत्ति नष्ट की जाएगी और वह आप बन्धुआई से आए हुओं की सभा से अलग किया जाएगा।

8. and that whoever failed to appear within three days would, according to the judgment of the leaders and elders, suffer the confiscation of all his possessions, and himself be excluded from the assembly of the exiles.

9. तब यहूदा और बिन्यामीन के सब मनुष्य तीन दिन के भीतर यरूशलेम में इकट्ठे हुए; यह नौवें महीने के बीसवें दिन में हुआ; और सब लोग परमेश्वर के भवन के चौक में उस विषय के कारण और झड़ी के मारे कांपते हुए बैठे रहे।

9. All the men of Judah and Benjamin gathered together in Jerusalem within the three-day period: it was in the ninth month, on the twentieth day of the month. All the people, standing in the open place before the house of God, were trembling both over the matter at hand and because it was raining.

10. तब एज्रा याजक खड़ा होकर उन से कहने लगा, तुम लोगों ने विश्वासघात करके अन्यजाति- स्त्रियां ब्याह लीं, और इस से इस्राएल का दोष बढ़ गया है।

10. Then Ezra, the priest, stood up and said to them: 'Your unfaithfulness in taking foreign women as wives has added to Israel's guilt.

11. सो अब अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के साम्हने अपना पाप मान लो, और उसकी इच्छा पूरी करो, और इस देश के लोगों से और अन्यजातिस्त्रियों से न्यारे हो जाओ।

11. But now, give praise to the LORD, the God of your fathers, and do his will: separate yourselves from the peoples of the land and from these foreign women.'

12. तब पूरी मणडली के लोगों ने ऊंचे शब्द से कहा, जैसा तू ने कहा है, वैसा ही हमें करना उचित है।

12. In answer, the whole assembly cried out with a loud voice: 'Yes, it is our duty to do as you say!

13. परन्तु लोग बहुत हैं, और झड़ी का समय है, और हम बाहर खड़े नहीं रह सकते, और यह दो एक दिन का काम नहीं है, क्योंकि हम ने इस बात में बड़ा अपराध किया है।

13. But the people are numerous and it is the rainy season, so that we cannot remain out-of-doors; besides, this is not a task that can be performed in a single day or even two, for those of us who have sinned in this regard are many.

14. समस्त मणडली की ओर से हमारे हाकिम नियुक्त किए जाएं; और जब तक हमारे परमेश्वर का भड़का हुआ कोप हम से दूर न हो, और यह काम निपट न जाए, तब तक हमारे नगरों के जितने निवासियों ने अन्यजाति- स्त्रियां ब्याह ली हों, वे नियत समयों पर आया करें, और उनके संग एक नगर के पुरनिये और न्यायी आएं।

14. Let our leaders represent the whole assembly; then let all those in our cities who have taken foreign women for wives appear at appointed times, accompanied by the elders and magistrates of each city in question, till we have turned away from us our God's burning anger over this affair.'

15. इसके विरूद्ध केवल असाहेल के पुत्रा योनातान और तिकवा के पुत्रा यहजयाह खड़े हुए, और मशुल्लाम और शब्बतै लेवियों ने उनकी सहायता की।

15. Only Jonathan, son of Asahel, and Jahzeiah, son of Tikvah, were against this proposal, with Meshullam and Shabbethai the Levite supporting them.

16. परन्तु बन्धुआई से आए हुए लोगों ने वैसा ही किया। तब एज्रा याजक और पितरों के घरानों के कितने मुख्य पुरूष अपने अपने पितरों के घराने के अनुसार अपने सब नाम लिखाकर अलग किए गए, और दसवें महीने के पहिले दिन को इस बात की तहकीकात के लिये बैठे।

16. The exiles did as agreed. Ezra appointed as his assistants men who were family heads, one for each family, all of them designated by name. They held sessions to examine the matter, beginning with the first day of the tenth month.

17. और पहिले महीने के पहिले दिन तक उन्हों ने उन सब पुरूषों की बात निपटा दी, जिन्हों ने अन्यजाति- स्त्रियों को ब्याह लिया था।

17. By the first day of the first month they had passed judgment on all the men who had taken foreign women for wives.

18. और याजकों की सन्तान में से; ये जन पाए गए जिन्हों ने अन्यजाति- स्त्रियों को ब्याह लिया था, अर्थात् येशू के पुत्रा, योसादाक के पुत्रा, और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह।

18. Among the priests, the following were found to have taken foreign women for wives: Of the sons of Jeshua, son of Jozadak, and his brethren: Maaseiah, Eliezer, Jarib, and Gedaliah.

19. इन्हों ने हाथ मारकर वचन दिया, कि हम अपनी स्त्रियों को निकाल देंगे, और उन्हों ने दोषी ठहरकर, अपने अपने दोष के कारण एक एक मेढ़ा बलि किया।

19. They pledged themselves to dismiss their wives, and as a guilt-offering for their guilt they gave a ram from the flock.

20. और इम्मेर की सन्तान में से; हनानी और जबद्याह,

20. Of the sons of Immer: Hanani and Zebadiah;

21. और हारीम की सन्तान में से; मासेयाह, एलीयाह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह।

21. of the sons of Harim: Maaseiah, Elijah, Shemaiah, Jehiel, and Uzziah;

22. और पशहूर की सन्तान में से; उल्योएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा।

22. of the sons of Pashhur: Elioenai, Maaseiah, Ishmael, Nethanel, Jozabad, and Elasah.

23. फिर लेवियों में से; योजाबाद, शिमी, केलायाह जो कलीता कहलाता है, पतह्माह, यहूदा और एलीआज़र।

23. Of the Levites: Jozabad, Shimei, Kelaiah (also called Kelita), Pethahiah, Judah and Eliezer.

24. और गवैयों में से; एल्याशीव और द्वारपालों में से शल्लूम, तेलेम और ऊरी।

24. Of the singers: Eliashib and Zakkur; of the gatekeepers: Shallum, Telem, and Uri.

25. और इस्राएल में से; परोश की सन्तान में रम्याह, यिज्जियाह, मल्कियाह, मियामीन, एलीआज़र, मल्कियाह और बनायाह।

25. Among the other Israelites: Of the sons of Parosh: Ramiah, Izziah, Malchijah, Mijamin, Eleazar, Malchijah, and Benaiah;

26. और एलाम की सन्तान में से; मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल अब्दी, यरेमोत और एलियाह।

26. of the sons of Elam: Mattaniah, Zechariah, Jehiel, Abdi, Jeremoth, and Elijah;

27. और जतू की सन्तान में से; एल्योएनै, एल्याशीब, सत्तन्याह, यरेमोत, जाबाद और अजीजा।

27. of the sons of Zattu: Elioenai, Eliashib, Mattaniah, Jeremoth, Zabad, and Aziza;

28. और बेबै की सन्तान में से; यहोहानान, हनन्याह, जब्बै और अतलै।

28. of the sons of Bebai: Jehohanan, Hananiah, Zabbai, and Athlai;

29. और बानी की सन्तान में से; मशुल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत।

29. of the sons of Bani: Meshullam, Malluch, Adaiah, Jashub, Sheal, and Jeremoth;

30. और पहतमोआब की सन्तान में से; अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे।

30. of the sons of Pahath-moab: Adna, Chelal, Benaiah, Maaseiah, Mattaniah, Bezalel, Binnui, and Manasseh;

31. और हारीम की सन्तान में से; एलीआज़र, यिश्शियाह, मल्कियाह, शमायाह, शिमोन;

31. of the sons of Harim: Eliezer, Isshijah, Malchijah, Shemaiah, Shimeon,

32. बिन्यामीन, मल्लूक और शमर्याह।

32. Benjamin, Malluch, Shemariah;

33. और हाशूम की सन्तान में से; मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे और शिमी।

33. of the sons of Hashum: Mattenai, Mattattah, Zabad, Eliphelet, Jeremai, Manasseh, Shimei;

34. और बानी की सन्तान में से; मादै, अम्राम, ऊएल;

34. of the sons of Begui: Maadai, Amram, Uel,

35. बनायाह, बेदयाह, कलूही;

35. Benaiah, Bedeiah, Cheluhi,

36. बन्याह, मरेमोत, एल्याशीब;

36. Vaniah, Meremoth, Eliashib,

37. मत्तन्याह, मत्तनै, यासू;

37. Mattaniah, Mattenai, and Jaasu;

38. वानी, विन्नूई, शिमी;

38. of the sons of Binnui: Shimei,

39. शेलेम्याह, नातान, अदायाह;

39. Shelemiah, Nathan, and Adaiah;

40. मक्नदबै, शाशै, शारै;

40. of the sons of Zachai: Shashai, Sharai,

41. अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह;

41. Azarel, Shelemiah, Shemariah,

42. शल्लूम, अमर्याह और योसेफ।

42. Shallum, Amariah, Joseph;

43. और नबो की सन्तान में से; यीएल, मत्तिन्याह, जाबाद, जबीना, यद्दॊ, योएल और बनायाह।

43. of the sons of Nebo: Jeiel, Mattithiah, Zabad, Zebina, Jaddai, Joel, Benaiah.

44. इन सभों ने अन्यजाति- स्त्रियां ब्याह ली थीं, और कितनों की स्त्रियों से लड़के भी उत्पन्न हुए थे।

44. All these had taken foreign wives; but they sent them away, both the women and their children.



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