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1. इस्राएल का जेठा तो रूबेन था, परन्तु उस ने जो अपने पिता के बिछौने को अशुद्व किया, इस कारण जेठे का अधिकार इस्राएल के पुत्रा यूसुफ के पुत्रों को दिया गया। वंशावली जेठे के अधिकार के अनुसार नहीं ठहरी।
2. क्योकि यहूदा अपने भइयों पर प्रबल हो गया, और प्रधान उसके वंश से हुआ परन्तु जेठे का अधिकार यूसुफ का था।इब्रानियों 7:14 तो प्रगट है, कि हमारा प्रभु यहूदा के गोत्रा में से उदय हुआ है और इस गोत्रा के विषय में मूसा ने याजक पद की कुछ चर्चा नहीं की।
3. इस्राएल के जेठे पुत्रा रूबेन के पुत्रा ये हुए, अर्थात् हनोक, पल्लू, हेस्रोन और कम ।
4. और योएल के पुत्रा शमायाह, शमायाह का गोग, गोग का शिमी।
5. शिमी का मीका, मीका का रायाह, रायाह का बाल।
6. और बाल का पुत्रा बेरा, इसको अश्शूर का राजा तिलगतपिलनेसेर बन्धुआई में ले गया; और वह रूबेनियो का प्रधान था।
7. और उसके भाइयों की चंशवली के लिखते यमय वे अपने अपने कुल के अनुसार ये ठहरे, अर्थात् मुख्य तो यीएल, फिर जकर्याह।
8. और अजाज का पुत्रा बेला जो शेमा का पोता और योएल का परपोता था, वह अरोएर में और नबो और बाल्मोन तक रहता था।
9. और पूर्व ओर वह उस जंगल के सिवाने तक रहा जो परात महानद तक महुंचाता है, क्योंकि उनके पशु गिलाद देश में बढ़ गए थे।
10. और शऊल के दिनों में उन्हों ने हग्रियों से युठ्ठ किया, और हग्री उनके हाथ से मारे गए; तब वे गिलाद की सारी पूरबी अलंग में अपने डेरों में रहने लगे।
11. गादी उनके साम्हने सल्का तक बाशान देश में रहते थे।
12. अर्थात् मुख्य तो योएल और दूसरा शापाम फिर यानै और शापात, ये बाशान में रहते थे।
13. और उनके भाई अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार मीकाएल, मशुल्लाम, शेबा, योरै, याकान, जी और एबेर, सात थे।
14. ये अबीहैल के पुत्रा थे, जो हूरी का पुत्रा था, यह योराह का पुत्रा, यह गिलाद का पुत्रा, यह मिकाएल का पुत्रा, यह यशीशै का पुत्रा, यह यहदो का पुत्रा, यह बूज का पुत्रा था।
15. इनके पितरों के घरानों का मुख्य पूरूष अब्दीएल का पुत्रा, और गूनी का पोता अही था।
16. ये लोग बाशान में, गिलाद और उसके गांवों में, और शारोन की सब चराइयों में उसकी परली ओर तक रहते थे।
17. इन सभों की वंशावली यहूदा के राजा योनातन के दिनों और इस्राएल के राजा यारोबाम के दिनों में लिखी गई।
18. रूबेनियों, गादियों और मनश्शें के आधे गोत्रा के योठ्ठा जो ढाल बान्धने, तलवार चलाने, और धनुष के तीर छोड़ने के योग्य और युठ्ठ करना सीखे हुए थे, वे चौवालीस हजार सात सौ साठ थे, जो युठ्ठ में जाने के योग्य थे।
19. इन्हों ने हग्रियों और यतूर नापीश और नोदाब से युठ्ठ किया था।
20. उनके विरूद्ध इनको सहायता मिली, और अग्री उन सब समेत जो उनके साथ थे उनके हाथ में कर दिए गए, क्योंकि युठ्ठ में इन्हों ने परमेश्वर की दोहाई दी थी और उस ने उनकी बिनती इस कारण सुनी, कि इन्हों ने उस पर भरोसा रखा था।
21. और इन्हों ने उनके पशु हर लिए, अर्थात् ऊंट तो पचास हजार, भेड़- बकरी अढ़ाई लाख, गदहे दो हजार, और मनुष्य एक लाख बन्धुए करके ले गए।
22. और बहुत से मरे पड़े थे क्योंकि वह लड़ाई परमेश्वर की ओर से हुई। और ये उनके स्थान में बन्शुआई के समय तक बसे रहे।
23. फिर मनश्शे के आधे गोत्रा की सन्तान उस देश में बसे, और वे बाशान से ले बाल्हेम न, और सनीर और हेम न पर्वत तक फैल गए।
24. और उनके पितरों के घरानों के मुख्य पुरूष ये थे, अर्थात् एपेर, यिशी, एलीएल, अज्रीएल, यिर्मयाह, होदरयाह और यहदीएल, ये बड़े वीर और नामी और अपने पितरों के घरानों के मुख्य पुरूष थे।
25. और उन्हों ने अपने पितरों के परमेश्वर से विश्वासघात किया, और उस देश के लोग जिनको परमेश्वर ने उनके साम्हने से विनाश किया था, उनके देवताओं के पीछे रयभिचारिन की नाई हो लिए।
26. इसलिये इस्राएल के परमेश्वर ने अश्शूर के राजा पूल और अश्शूर के राजा तिलगत्पिलनेसेर का मन उभारा, और इन्हों ने उन्हें अर्थात् रूबेनियों, गादियों और मनश्शे के आधे गोत्रा के लोगों को बन्धुआ करके हलह, हाबोर और हारा और गोजान नदी के पास पहुंचा दिया; और वे आज के दिन तक वहीं रहते हैं।