32. एलीशा अपने घर में बैठा हुआ था, और पुरनिये भी उसके संग बैठे थे। सो जब राजा ने अपने पास से एब जन भेजा, तब उस दूत के पहुंचने से पहिले उस ने पुरनियों से कहा, देखो, इस खूनी के बेटे ने किसी को मेरा सिर काटते को भेजा है; इसलिये जब वह दूत आए, तब किवाड़ बन्द करके रोके रहना। क्या उसके स्वामी के पांव की आहट उसके पीछे नहीं सुन पड़ती?
32. And as Eliseus sat in his house and the elders with him, the king sent one from him. But yer the messenger came at him, he said to the elders: see you not how the son of this murderer hath sent, to take off mine head? Be circumspect therefore when the messenger cometh, and shut the door, and thrust him back therewith: for the sound of his master's feet followeth him.