15. भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकलकर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय ! मेरे स्वामी, हम क्या करें?
15. And the servant of the man of God rising early, went out, and saw an army round about the city, and horses and chariots: and he told him, saying: Alas, alas, alas, my lord, what shall we do?