2 Kings - 2 राजाओं 4 | View All

1. भविष्यद्वक्ताओं के चेलों की पत्नियों में से एक स्त्री ने एलीशा की दोहाई देकर कहा, तेरा दास मेरा पति मर गया, और तू जानता है कि वह यहोवा का भय पाननेवाला था, और जिसका वह कर्जदार था वह आया है कि मेरे दोनों पुत्रों को अपने दाय बनाने के लिये ले जाए।

1. একদা শিষ্য-ভাববাদিগণের মধ্যে এক জনের স্ত্রী ইলীশায়ের কাছে কাঁদিয়া কহিল, আপনার দাস আমার স্বামী মরিয়াছেন; আপনি জানেন, আপনার দাস সদাপ্রভুকে ভয় করিতেন; এখন মহাজন আমার দুইটী সন্তানকে দাস করিবার জন্য লইয়া যাইতে আসিয়াছে।

2. एलीशा ने उस से पूछा, मैं तेरे लिये क्या करूं? मुझ से कह, कि तेरे घर में क्या है? उस ने कहा, तेरी दासी के घर में एक हांड़ी तेल को छोड़ और कुछ तहीं है।

2. ইলীশায় তাহাকে বলিলেন, আমি তোমার নিমিত্ত কি করিতে পারি? বল দেখি, ঘরে তোমার কি আছে? সে কহিল, এক বাটী তৈল ব্যতিরেকে আপনার দাসীর আর কিছু নাই।

3. उस ने कहा, तू बाहर जाकर अपनी सब पड़ोसिनों से खाली बरतन मांग ले आ, और थोड़े बरतन न लाना।

3. তখন তিনি কহিলেন, যাও, বাহির হইতে তোমার সমস্ত প্রতিবাসীর কাছে শূন্য পাত্র চাহিয়া আন, অল্প আনিও না।

4. फिर तू अपने बेटों समेत अपने घर में जा, और द्वार बन्द करकें उन सब बरतनों में तेल उणडेल देना, और जो भर जाए उन्हें अलग रखना।

4. পরে ভিতরে গিয়া তুমি ও তোমার পুত্রেরা ঘরে থাকিয়া দ্বার রুদ্ধ কর, এবং সেই সকল পাত্রে তৈল ঢাল; এক এক পাত্র পূর্ণ হইলে তাহা এক দিকে রাখ।

5. तब वह उसके पास से चली गई, और अपने बेटों समेत अपने घर जाकर द्वार बन्द किया; तब वे तो उसके पास बरतन लाते गए और वह उणडेलती गई।

5. পরে সে স্ত্রীলোক তাঁহার নিকট হইতে প্রস্থান করিল, আর সে ও তাহার পুত্রেরা ঘরে থাকিয়া দ্বার রুদ্ধ করিল; তাহারা পুনঃপুনঃ তাহাকে পাত্র আনিয়া দিল, এবং সে তৈল ঢালিল।

6. जब बरतन भर गए, तब उस ने अपने बेटे से कहा, मेरे पास एक और भी ले आ, उस ने उस से कहा, और बरतन तो नहीं रहा। तब तेल थम गया।

6. সমস্ত পাত্র পূর্ণ হইলে পর সে আপন পুত্রকে কহিল, আর পাত্র আন। পুত্র কহিল, আর পাত্র নাই। তখন তৈলের স্রোত বদ্ধ হইল।

7. तब उस ने जाकर परमेश्वर के भक्त को यह बता दिया। ओर उस ने कहा, जा तेल बेचकर ऋण भर दे; और जो रह जाए, उस से तू अपने पुत्रों सहित अपना निर्वाह करना।

7. পরে সে গিয়া ঈশ্বরের লোককে সংবাদ দিল। তিনি কহিলেন, যাও, সেই তৈল বিক্রয় করিয়া তোমার ঋণ পরিশোধ কর, এবং যাহা অবশিষ্ট থাকিবে, তদ্দ্বারা তুমি ও তোমার পুত্রেরা দিনপাত কর।

8. फिर एक दिन की बात है कि एलीशा शूनेम को गया, जहां एक कुलीन स्त्री थी, और उस ने उसे रोटी खाने के लिये बिनती करके विवश किया। और जब जब वह उधर से जाता, तब तब वह वहां रोटी खाने को उतरता था।
मत्ती 10:41

8. এক দিন ইলীশায় শূনেমে যান। তথায় এক ধনবতী মহিলা ছিলেন; তিনি আগ্রহ সহকারে তাঁহাকে ভোজনের নিমন্ত্রণ করিলেন। পরে যত বার তিনি ঐ পথ দিয়া যাইতেন, তত বার আহার করণার্থে সেই স্থানে যাইতেন।

9. और उस स्त्री ने अपने पति से कहा, सुन यह जो बार बार हमारे यहां से होकर जाया करता है वह मुझे परमेश्वर का कोई पवित्रा भक्त जान पड़ता है।

9. আর সেই মহিলা আপন স্বামীকে কহিলেন, দেখ, আমি বুঝিতে পারিয়াছি, এই যে ব্যক্তি আমাদের নিকট দিয়া যখন তখন যাতায়াত করেন, ইনি ঈশ্বরের এক জন পবিত্র লোক।

10. तो हम भीत पर एक छोटी उपरौठी कोठरी बनाएं, और उस में उसके लिये एक खाट, एक मेज, एक कुस और एक दीवट रखें, कि जब जब वह हमारे यहां आए, तब तब उसी में टिका करे।

10. বিনয় করি, আইস, আমরা প্রাচীরের উপরে একটী ক্ষুদ্র কুঠরী নির্ম্মাণ করি, এবং তাহার মধ্যে তাঁহার নিমিত্ত একখানি খাট, একখানি মেজ, একখানি আসন ও একটী পিলসুজ রাখি; তিনি আমাদের এখানে আসিলে সেই স্থানে থাকিবেন।

11. एक दिन की बात है, कि वह वहां जाकर उस उपरौठी कोठरी में टिका और उसी में लेट गया।

11. এক দিন ইলীশায় সেখানে আসিলেন; আর সেই কুঠরীতে প্রবেশ করিয়া শয়ন করিলেন।

12. और उस ने अपने सेवक गेहजी से कहा, उस शुनेमिन को बुला ले। उसके बुलाने से वह उसके साम्हने खड़ी हुई।

12. পরে তিনি আপন চাকর গেহসিকে কহিলেন, তুমি ঐ শূনেমীয়াকে ডাক। তাহাতে সে তাঁহাকে ডাকিলে সেই স্ত্রীলোকটী তাঁহার সম্মুখে দাঁড়াইলেন।

13. तब उस ने गेहजी से कहा, इस से कह, कि तू ने हमारे लिये ऐसी बड़ी चिन्ता की है, तो तेरे लिये क्या किया जाए? क्या तेरी चर्चा राजा, वा प्रधान सेनापति से की जाए? उस ने उत्तर दिया मैं तो अपने ही लोगों में रहती हूँ।

13. তখন ইলীশায় গেহসিকে কহিলেন, উহাঁকে বল, দেখুন, আমাদের নিমিত্ত আপনি এই সকল চিন্তা করিলেন, এখন আপনার নিমিত্ত কি করিতে হইবে? রাজার কিম্বা সেনাপতির নিকটে আপনার কি কোন নিবেদন আছে? তিনি উত্তর করিলেন, আমি আপন লোকদের মধ্যে বাস করিতেছি।

14. फिर उस ने कहा, तो इसके लिये क्या किया जाए? गेहजी ने उत्तर दिया, निश्चय उसके कोई लड़का नहीं, और उसका पति बूढ़ा है।

14. পরে ইলীশায় কহিলেন, তবে উহাঁর জন্য কি করিতে হইবে? গেহসি কহিল, নিশ্চয়ই উহাঁর পুত্র নাই, স্বামীও বৃদ্ধ।

15. उस ने कहा, उसको बुला ले। और जब उस ने उसे बुलाया, तब वह द्वार में खड़ी हुई।

15. ইলীশায় কহিলেন, উহাঁকে ডাক; পরে তাঁহাকে ডাকিলে তিনি দ্বারে দাঁড়াইলেন।

16. तब उस ने कहा, बसन्त ऋतु में दिन पूरे होने पर तू एक बेटा छाती से लगाएगी। स्त्री ने कहा, हे मेरे प्रभु ! हे परमेश्वर के भक्त ऐसा नहीं, अपनी दासी को धोखा न दे।

16. তখন ইলীশায় কহিলেন, এই ঋতুতে এই সময় পুনরায় উপস্থিত হইলে আপনি পুত্র ক্রোড়ে করিবেন। কিন্তু তিনি কহিলেন, না; হে প্রভু, হে ঈশ্বরের লোক, আপনার দাসীকে মিথ্যা কথা কহিবেন না।

17. और स्त्री को गर्भ रहा, और वसन्त ऋतु का जो समय एलीशा ने उस से कहा था, उसी समय जब दिन पूरे हुए, तब उसके पुत्रा उत्पन्न हुआ।

17. পরে ইলীশায়ের বাক্যানুসারে সেই স্ত্রী গর্ভধারণ করিয়া সেই সময় পুনরায় উপস্থিত হইলে, পুত্র প্রসব করিলেন।

18. और जब लड़का बड़ा हो गया, तब एक दिन वह अपने पिता के पास लवनेवालों के निकट निकल गया।

18. বালকটী বড় হইলে পর সে এক দিন ছেদকদের কাছে আপন পিতার নিকটে গেল।

19. और उस ने अपने पिता से कहा, आह ! मेरा सिर, आह ! मेरा सिर। तब पिता ने अपने सेवक से कहा, इसको इसकी माता के पास ले जा।

19. পরে সে পিতাকে কহিল, আমার মাথা! আমার মাথা! তখন পিতা চাকরকে কহিলেন, তুমি ইহাকে তুলিয়া ইহার মাতার কাছে লইয়া যাও।

20. वह उसे उठाकर उसकी माता के पास ले गया, फिर वह दोपहर तक उसके घुटनों पर बैठा रहा, तब मर गया।

20. পরে সে তাহাকে তুলিয়া মাতার কাছে আনিলে বালকটী মধ্যাহ্নকাল পর্য্যন্ত তাঁহার ক্রোড়ে বসিয়া থাকিল, পরে মরিয়া গেল।

21. तब उस ने चढ़कर उसको परमेश्वर के भक्त की खाट पर लिटा दिया, और निकलकर किवाड़ बन्द किया, तब उतर गई।

21. তখন মাতা উপরে গিয়া ঈশ্বরের লোকের খাটে তাহাকে শয়ন করাইলেন, পরে দ্বার রুদ্ধ করিয়া বাহিরে আসিলেন,

22. और उस ने अपने पति से पुकारकर कहा, मेरे पास एक सेवक और एक गदही तुरन्त भेज दे कि मैं परमेश्वर के भक्त के यहां झट पट हो आऊं।

22. আর আপন স্বামীকে ডাকিয়া বলিলেন, বিনয় করি, তুমি চাকরদের এক জনকে ও একটী গর্দ্দভী আমার কাছে পাঠাইয়া দেও, আমি ঈশ্বরের লোকের কাছে তাড়াতাড়ি গিয়া ফিরিয়া আসিব।

23. उस ने कहा, आज तू उसके यहां क्यों जाएगी? आज न तो नये चांद का, और न विश्राम का दिन है; उस ने कहा, कल्याण होगा।

23. তিনি কহিলেন, অদ্য তাঁহার নিকটে কেন যাইবে? অদ্য অমাবস্যাও নয়, বিশ্রামবারও নয়। নারী কহিলেন, মঙ্গল হইবে।

24. तब उस स्त्री ने गदही पर काठी बान्ध कर अपने सेवक से कहा, हांके चल; और मेरे कहे बिना हांकने में ढिलाई न करना।

24. আর তিনি গর্দ্দভী সাজাইয়া আপন চাকরকে কহিলেন, গর্দ্দভী চালাইয়া চল, আজ্ঞা না পাইলে আমার গতি শিথিল করিও না।

25. तो वह चलते चलते कर्मेल पर्वत को परमेश्वर के भक्त के निकट पहुंची। उसे दूर से देखकर परमेश्वर के भक्त ने अपने सेवक गेहजी से कहा, देख, उधर तो वह शूनेमिन है।
इब्रानियों 11:35

25. পরে তিনি কর্মিল পর্ব্বতে ঈশ্বরের লোকের নিকটে চলিলেন। তখন ঈশ্বরের লোক তাঁহাকে দূর হইতে দেখিয়া আপন চাকর গেহসিকে কহিলেন, দেখ, ঐ সেই শূনেমীয়া;

26. अब उस से मिलने को दौड़ जा, और उस से पूछ, कि तू कुशल से है? तेरा पति भी कुशल से है? और लड़का भी कुशल से है? पूछने पर स्त्री ने उत्तर दिया, हां, कुशल से हैं।

26. এক বার দৌড়িয়া গিয়া উহাঁর সহিত সাক্ষাৎ কর, আর জিজ্ঞাসা কর, আপনার মঙ্গল? আপনার স্বামীর মঙ্গল? বালকটীর মঙ্গল? তিনি উত্তর করিলেন, মঙ্গল।

27. वह पहाड़ पर परमेश्वर के भक्त के पास पहुंची, और उसके पांव पकड़ने लगी, तब गेहजी उसके पास गया, कि उसे धक्का देकर हटाए, परन्तु परमेश्वर के भक्त ने कहा, उसे छोड़ दे, उसका मन रयाकुल है; परन्तु यहोवा ने मुझ को नहीं बताया, छिपा ही रखा है।

27. পরে পর্ব্বতে ঈশ্বরের লোকের কাছে উপস্থিত হইয়া তিনি তাঁহার চরণ ধরিলেন; তাহাতে গেহসি তাঁহাকে ঠেলিয়া দিবার জন্য নিকটে আসিল, কিন্তু ঈশ্বরের লোক কহিলেন, উহাঁকে থাকিতে দেও, উহাঁর প্রাণ শোকাকুল হইয়াছে, আর সদাপ্রভু আমাহইতে তাহা গোপন করিয়াছেন, আমাকে জানান নাই।

28. तब वह कहने लगी, क्या मैं ने अपने प्रभु से पुत्रा का वर मांगा था? क्या मैं ने न कहा था मुझे धोखा न दे?

28. তখন স্ত্রীলোকটী কহিলেন, আমার প্রভুর কাছে আমি কি পুত্র চাহিয়াছিলাম? আমাকে প্রতারণা করিবেন না, এ কথা কি বলি নাই?

29. तब एलीशा ने गेहजी से कहा, अपनी कमर बान्ध, और मेरी छड़ी हाथ में लेकर चला जा, मार्ग में यदि कोई तुझे मिले तो उसका कुशल न पूछना, और कोई तेरा कुशल पूछे, तो उसको उत्तर न देना, और मेरी यह छड़ी उस लड़के के मुंह पर धर देना।
लूका 10:4, लूका 12:35

29. তখন ইলীশায় গেহসিকে কহিলেন, কটিবন্ধন কর, আমার এই যষ্টি হস্তে লইয়া প্রস্থান কর; কাহারও সহিত সাক্ষাৎ হইলে তাহাকে মঙ্গলবাদ করিও না, এবং কেহ মঙ্গলবাদ করিলে তাহাকে উত্তর দিও না; পরে বালকটীর মুখের উপরে আমার এই যষ্টি রাখিও।

30. तब लड़के की मां ने एलीशा से कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे न छोड़ूंगी। तो वह उठकर उसके पीछे पीछे चला।

30. তখন বালকের মাতা কহিলেন, জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্য, এবং আপনার জীবিত প্রাণের দিব্য, আমি আপনাকে ছাড়িব না। তখন ইলীশায় উঠিয়া তাঁহার পশ্চাতে পশ্চাতে চলিলেন।

31. उन से पहिले पहुंचकर गेहजी ने छड़ी को उस लड़के के मुंह पर रखा, परन्तु कोई शब्द न सुन पड़ा, और न उस ने कान लगाया, तब वह एलीशा से मिलने को लौट आया, और उसको बतलादिया दिया, कि लड़का नहीं जागा।

31. ইতিমধ্যে গেহসি তাঁহাদের অগ্রে গিয়া বালকটীর মুখে ঐ যষ্টি রাখিল, তথাপি কোন শব্দ হইল না, অবধানের কোন লক্ষণও পাওয়া গেল না। অতএব গেহসি তাঁহার সহিত সাক্ষাৎ করিতে ফিরিয়া গিয়া তাঁহাকে কহিল, বালকটী জাগে নাই।

32. जब एलीशा घर में आया, तब क्या देखा, कि लड़का मरा हुआ उसकी खाट पर पड़ा है।

32. পরে ইলীশায় সেই গৃহে আসিলেন, আর দেখ, বালকটী মৃত, ও তাঁহার শয্যায় শায়িত।

33. तब उस ने अकेला भीतर जाकर किवाड़ बन्द किया, और यहोवा से प्रार्थना की।
मत्ती 6:6

33. তখন তিনি প্রবেশ করিলেন, এবং তাঁহাদের দুই জনকে বাহিরে রাখিয়া দ্বার রুদ্ধ করিয়া সদাপ্রভুর কাছে প্রার্থনা করিলেন।

34. तब वह चढ़कर लड़के पर इस रीति से लेट गया कि अपना मुंह उसके मुंह से और अपनी आंखें उसकी आंखों से और अपने हाथ उसके हाथों से मिला दिये और वह लड़के पर पसर गया, तब लड़के की देह गर्म होने लगी।

34. আর [খাটে] উঠিয়া বালকটীর উপরে শয়ন করিলেন; তিনি তাহার মুখের উপরে আপন মুখ, চক্ষুর উপরে চক্ষু ও করতলের উপরে করতল দিয়া তাহার উপরে আপনি লম্বমান হইলেন; তাহাতে বালকটীর গাত্র উত্তাপযুক্ত হইতে লাগিল।

35. और वह उसे छोड़कर घर में इधर उधर टहलने लगा, और फिर चढ़कर लड़के पर पसर गया; तब लड़के ने सात बार छींका, और अपनी आंखें खोलीं।

35. পরে তিনি ফিরিয়া আসিয়া গৃহমধ্যে একবার এদিক্‌ একবার ওদিক্‌ করিলেন, আবার উঠিয়া তাহার উপরে লম্বমান হইলেন; তাহাতে বালকটী সাত বার হাঁচিল, ও বালকটী চক্ষু মেলিল।

36. तब एलीशा ने गेहजी को बुलाकर कहा, शूनेमिन को बुला ले। जब उसके बुलाने से वह उसके पास आई, तब उस ने कहा, अपने बेटे को उठा ले।
लूका 7:15

36. তখন তিনি গেহসিকে ডাকিয়া কহিলেন, ঐ শূনেমীয়াকে ডাক। সে তাঁহাকে ডাকিলে স্ত্রীলোকটী তাঁহার নিকটে আসিলেন। ইলীশায় কহিলেন, আপনার পুত্রকে তুলিয়া লউন।

37. वह भीतर बई, और उसके पावों पर गिर भूमि तक झुककर दणडवत किया; फिर अपने बेटे को उठाकर निकल गई।

37. তখন সে স্ত্রীলোক নিকটে গিয়া তাঁহার পদতলে পড়িয়া ভূমিতে প্রণিপাত করিলেন, এবং আপন পুত্রকে তুলিয়া লইয়া বাহিরে গেলেন।

38. तब एलीशा गिलगाल को लौट गया। उस समय देश में अकाल था, और भविष्यद्वक्ताओं के चेले उसके साम्हने बैटे हुए थे, और उस ने अपने सेवक से कहा, हण्डा चढ़ाकर भविष्यद्वक्ताओं के चेलों के लिये कुछ पका।

38. ইলীশায় পুনর্ব্বার গিল্‌গলে উপস্থিত হইলেন; সেই সময়ে দেশে দুর্ভিক্ষ ছিল। তখন শিষ্য-ভাববাদিগণ তাঁহার সম্মুখে বসিয়াছিল; তিনি আপন চাকরকে আজ্ঞা দিলেন, বড় হাঁড়ী চড়াইয়া এই শিষ্য-ভাববাদিগণের জন্য ব্যঞ্জন পাক কর।

39. तब कोई मैदान में साग तोड़ने गया, और कोई जंगली लता पाकर अपनी अंकवार भर इन्द्रायण तोड़ ले आया, और फांक फांक करके पकने के लिये हण्डे में डाल दिया, और वे उसको न पहिचानते थे।

39. তখন তাহাদের এক জন তরকারি সংগ্রহ করিতে মাঠে গেল, এবং বনশসার লতা দেখিতে পাইয়া তাহার বুনো ফলে বস্ত্র পূর্ণ করিয়া আনিল, পরে তাহা কুটিয়া পাকের হাঁড়ীতে দিল; কিন্তু সেগুলি কি, তাহা তাহারা জানিল না।

40. तब उन्हों ने उन मनुष्यों के खाने के लिये हण्डे में से परोसा। खाते समय वे चिल्लाकर बोल उठे, हे परमेश्वर के भक्त हण्डे में माहुर है, और वे उस में से खा न सके।

40. পরে লোকদের ভোজনার্থে তাহা ঢালিলে তাহারা সেই ব্যঞ্জন খাইতে গিয়া চীৎকার করিয়া কহিল, হে ঈশ্বরের লোক, হাঁড়ীর মধ্যে মৃত্যু; আর তাহারা তাহা খাইতে পারিল না।

41. तब एलीशा ने कहा, अच्छा, कुछ मैदा ले आओ, तब उस ने उसे हण्डे में डाल कर कहा, उन लोगों के खाने के लिये परोस दे, फिर हण्डे में कुछ हानि की वस्तु न रही।

41. তখন তিনি কহিলেন, তবে কিছু ময়দা আন। পরে তিনি হাঁড়ীতে তাহা ফেলিয়া কহিলেন, লোকদের জন্য ঢালিয়া দেও, তাহারা ভোজন করুক। তাহাতে হাঁড়ীতে কিছুই মন্দ থাকিল না।

42. और कोई पतुष्य बालशालीशा से , पहिले उपजे हुए जव की बीस रोटियां, और अपनी बोरी में हरी बालें परमेश्वर के भक्त के पास ले आया; तो एलीशा ने कहा, उन लोगों को खाने के लिये दे।

42. আর বাল্‌-শালিশা হইতে এক ব্যক্তি আসিল, সে ঈশ্বরের লোকের কাছে আশুপক্ক শস্যের রুটী, যবের কুড়িখানা রুটী ও ছালায় করিয়া শস্যের তাজা শীষ আনিল; আর তিনি কহিলেন, ইহা লোকদিগকে দেও, তাহারা ভোজন করুক।

43. उसके टहलुए ने कहा, क्या मैं सौ मनुष्यों के साम्हने इतना ही रख दूं? उस ने कहा, लोगों को दे दे कि खएं, क्योंकि यहोवा यों कहता है, उनके खाने के बाद कुछ बच भी जाएगा।
मत्ती 14:20

43. তখন তাঁহার পরিচারক কহিল, আমি কি এক শত লোককে ইহা পরিবেষণ করিব? কিন্তু তিনি কহিলেন, ইহা লোকদিগকে দেও তাহারা ভোজন করুক; কেননা সদাপ্রভু এই কথা কহেন, তাহারা ভোজন করিবে, ও উদ্বৃত্ত রাখিবে।

44. तब उस ने उनके आगे धर दिया, और यहोवा के वचन के अनुसार उनके खाने के बाद कुछ बच भी गया।
लूका 9:17, मत्ती 14:20

44. অতএব সে তাহাদের সম্মুখে তাহা স্থাপন করিল, আর সদাপ্রভুর বাক্যানুসারে তাহারা ভোজন করিল, আর উদ্বৃত্তও রাখিল।



Shortcut Links
2 राजाओं - 2 Kings : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |