1 Kings - 1 राजाओं 17 | View All

1. और तिशबी एलिरयाह जो गिलाद के पर :सियों में से था उस ने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वा यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थ्ति रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वष में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।
लूका 4:25, याकूब 5:17, प्रकाशितवाक्य 11:6

1. Now Elijah, who was from Tishbe in Gilead, told King Ahab, 'As surely as the LORD, the God of Israel, lives-- the God I serve-- there will be no dew or rain during the next few years until I give the word!'

2. तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,

2. Then the LORD said to Elijah,

3. कि यहां से चलकर पूरब ओर मुख करके करीत नाम नाले पें जो यरदन के साम्हने है छिप जा।

3. 'Go to the east and hide by Kerith Brook, near where it enters the Jordan River.

4. उसी नाले का पानी तू पिया कर, और मैं ने कौवों को आज्ञा दी है कि वे तूझे वहां खिलाएं।

4. Drink from the brook and eat what the ravens bring you, for I have commanded them to bring you food.'

5. यहोवा का यह वचन मानकर वह यरदन के साम्हने के करीत नाम नाले में जाकर छिपा रहा।

5. So Elijah did as the LORD told him and camped beside Kerith Brook, east of the Jordan.

6. और सबेरे और सांझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे और वह नाले का पानी पिया करता था।

6. The ravens brought him bread and meat each morning and evening, and he drank from the brook.

7. कुछ दिनों के बाद उस देश में वर्षा न होने के कारण नाला सूख गया।

7. But after a while the brook dried up, for there was no rainfall anywhere in the land.

8. तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,

8. Then the LORD said to Elijah,

9. कि चलकर सीदोन के सारपत नगर में जाकर वहीं रह : सुन, मैं ने वहां की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है।
लूका 4:26, मत्ती 10:41

9. 'Go and live in the village of Zarephath, near the city of Sidon. I have instructed a widow there to feed you.'

10. सो वह वहां से चल दिया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास पहुंचकर उस ने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उस ने कहा, किसी पात्रा में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।

10. So he went to Zarephath. As he arrived at the gates of the village, he saw a widow gathering sticks, and he asked her, 'Would you please bring me a little water in a cup?'

11. जब वह लेने जा रही थी, तो उस ने उसे पुकार के कहा अपने हाथ में एक टुकड़ा रोटी भी मेरे पास लेती आ।

11. As she was going to get it, he called to her, 'Bring me a bite of bread, too.'

12. उस ने कहा, तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ मेरे पास एक भी रोटी नहीं है केवल घड़े में मुट्ठी भर मैदा और कुप्पी में थोड़ा सा तेल है, और मैं दो एक लकड़ी बीनकर लिए जाती हूँ कि अपने और अपने बेटे के लिये उसे पकाऊं, और हम उसे खाएं, फिर मर जाएं।

12. But she said, 'I swear by the LORD your God that I don't have a single piece of bread in the house. And I have only a handful of flour left in the jar and a little cooking oil in the bottom of the jug. I was just gathering a few sticks to cook this last meal, and then my son and I will die.'

13. एलिरयाह ने उस से कहा, मत डर; जाकर अपनी बात के अनुसार कर, परन्तु पहिले मेरे लिये एक छोटी सी रोटी बनाकर मेरे पास ले आ, फिर इसके बाद अपने और अपने बेटे के लिये बनाना।

13. But Elijah said to her, 'Don't be afraid! Go ahead and do just what you've said, but make a little bread for me first. Then use what's left to prepare a meal for yourself and your son.

14. क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जब तक यहोवा भूमि पर मेंह न बरसाएगा तब तक न तो उस घड़े का मैदा चुकेगा, और न उस कुप्पी का तेल घटेगा।

14. For this is what the LORD, the God of Israel, says: There will always be flour and olive oil left in your containers until the time when the LORD sends rain and the crops grow again!'

15. तब वह चली गई, और एलिरयाह के वचन के अनुसार किया, तब से वह और स्त्री और उसका घराना बहुत दिन तक खाते रहे।

15. So she did as Elijah said, and she and Elijah and her son continued to eat for many days.

16. यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उस ने एलिरयाह के द्वारा कहा था, न तो उस घड़े का मैदा चुका, और न उस कुप्पी का तेल घट गया।

16. There was always enough flour and olive oil left in the containers, just as the LORD had promised through Elijah.

17. इन बातों के बाद उस स्त्री का बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहां तक बढ़ा कि उसका सांस लेना बन्द हो गया।
लूका 7:12, इब्रानियों 11:35

17. Some time later the woman's son became sick. He grew worse and worse, and finally he died.

18. तब वह एलिरयाह से कहने लगी, हे परमेश्वर के जन ! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए ?
मत्ती 8:29, मरकुस 5:7

18. Then she said to Elijah, 'O man of God, what have you done to me? Have you come here to point out my sins and kill my son?'

19. उस ने उस से कहा अपना बेटा मुझे दे; तब वह उसे उसकी गोद से लेकर उस अटारी पर ले गया जहां वह स्वयं रहता था, और अपनी खाट पर लिटा दिया।

19. But Elijah replied, 'Give me your son.' And he took the child's body from her arms, carried him up the stairs to the room where he was staying, and laid the body on his bed.

20. तब उस ने यहोवा को पुकारकर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! क्या तू इस विधवा का बेटा मार डालकर जिसके यहां मैं टिका हूं, इस पर भी विपत्ति ले आया है?

20. Then Elijah cried out to the LORD, 'O LORD my God, why have you brought tragedy to this widow who has opened her home to me, causing her son to die?'

21. तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पुकारकर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! इस बालक का प्राण इस में फिर डाल दे।
प्रेरितों के काम 20:10

21. And he stretched himself out over the child three times and cried out to the LORD, 'O LORD my God, please let this child's life return to him.'

22. एलिरयाह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का प्राण उस में फिर आ गया और वह जी उठा।

22. The LORD heard Elijah's prayer, and the life of the child returned, and he revived!

23. तब एलिरयाह बालक को अटारी पर से नीचे घर में ले गया, और एलिरयाह ने यह कहकर उसकी माता के हाथ में सौंप दिया, कि देख तेरा बेटा जीवित है।
लूका 7:15

23. Then Elijah brought him down from the upper room and gave him to his mother. 'Look!' he said. 'Your son is alive!'

24. स्त्री ने एलिरयाह से कहा, अब मुझे निश्चय हो गया है कि तू परमेश्वर का जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुंह से निकलता है, वह सच होता है।

24. Then the woman told Elijah, 'Now I know for sure that you are a man of God, and that the LORD truly speaks through you.'



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