10. सो वह वहां से चल दिया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास पहुंचकर उस ने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उस ने कहा, किसी पात्रा में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।
10. তখন তিনি উঠিয়া সারিফতে যাত্রা করিলেন; আর যখন সেই নগরের দ্বারে উপস্থিত হইলেন, দেখ, সেই স্থানে এক বিধবা কাষ্ঠ কুড়াইতেছে। তিনি তাহাকে ডাকিয়া কহিলেন, বিনয় করি, তুমি একটী পাত্রে করিয়া কিঞ্চিৎ জল আন, আমি পান করিব।