33. तब राजा बहुत घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता हुआ चढ़ने लगा; और चलते चलते यों कहता गया, कि हाय मेरे बेटे अबशालोम ! मेरे बेटेे, हाय ! मेरे बेटे अबशालोम ! भला होता कि मैं आप तेरी सन्ती मरता, हाय ! अबशालोम ! मेरे बेटे, मेरे बेटे !!
33. And the king was much moved, and went up to the upper chamber of the gate, and wept; and as he went, he said thus: O my son Absalom, my son, my son Absalom! would God I had died in thy stead, O Absalom, my son, my son!