21. इत्तै ने राजा को उत्तर देकर कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, और मेरे प्रभु राजा के जीवन की शपथ, जिस किसी स्थान में मेरा प्रभु राजा रहेगा, चाहे मरने के लिये हो चाहे जीवित रहने के लिये, उसी स्थान में तेरा दास भी रहेगा।
21. And Ethai answered the king, saying: As the Lord liveth, and as my lord the king liveth: in what place soever thou shalt be, my lord, O king, either in death, or in life, there will thy servant be.