17. और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं : और सब जो पृथ्वी पर है मर जाएंगे।
17. And, behold, I, even I, do bring a flood of waters upon the earth, to destroy all flesh, in which [is] the breath of life, from under heaven; [and] every thing that [is] on the earth shall die.