Genesis - उत्पत्ति 21 | View All

1. सो यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही सारा की सुधि लेके उसके साथ अपने वचन के अनुसार किया।

1. পরে সদাপ্রভু আপন বাক্যানুসারে সারার তত্ত্বাবধান করিলেন; সদাপ্রভু যাহা বলিয়াছিলেন, সারার প্রতি তাহা করিলেন।

2. सो सारा को इब्राहीम से गर्भवती होकर उसके बुढ़ापे में उसी नियुक्त समय पर जो परमेश्वर ने उस से ठहराया था एक पुत्रा उत्पन्न हुआ।
गलातियों 4:22, इब्रानियों 11:11

2. আর সারা গর্ভবতী হইয়া ঈশ্বরের উক্ত নিরূপিত সময়ে অব্রাহামের বৃদ্ধকালে তাঁহার নিমিত্ত পুত্র প্রসব করিলেন।

3. और इब्राहीम ने अपने पुत्रा का नाम जो सारा से उत्पन्न हुआ था इसहाक रखा।
मत्ती 1:2, लूका 3:34

3. তখন অব্রাহাম সারার গর্ভজাত নিজ পুত্রের নাম ইস্‌হাক, হাস্য, রাখিলেন।

4. और जब उसका पुत्रा इसहाक आठ दिन का हुआ, तब उस ने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार उसक खतना किया।
प्रेरितों के काम 7:8

4. পরে ঐ পুত্র ইস্‌হাকের আট দিন বয়সে অব্রাহাম ঈশ্বরের আজ্ঞানুসারে তাহার ত্বক্‌ছেদ করিলেন।

5. और जब इब्राहीम का पुत्रा इसहाक उत्पन्न हुआ तब वह एक सौ वर्ष का था।

5. অব্রাহামের এক শত বৎসর বয়সে তাঁহার পুত্র ইস্‌হাকের জন্ম হয়।

6. और सारा ने कहा, परमेश्वर ने मुझे प्रफुल्लित कर दिया है; इसलिये सब सुननेवाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे।

6. আর সারা কহিলেন, ঈশ্বর আমাকে হাস্য করাইলেন; যে কেহ ইহা শুনিবে, সে আমার সহিত হাস্য করিবে।

7. फिर उस ने यह भी कहा, कि क्या कोई कभी इब्राहीम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी ? पर देखो, मुझ से उसके बुढ़ापे में एक पुत्रा उत्पन्न हुआ।

7. তিনি আরও কহিলেন, সারা বালকদিগকে স্তন পান করাইবে, এমন কথা অব্রাহামকে কে বলিতে পারিত? কেননা আমি তাঁহার বৃদ্ধকালে তাঁহার নিমিত্ত পুত্র প্রসব করিলাম।

8. और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया : और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन इब्राहीम ने बड़ी जेवनार की।

8. পরে বালকটী বড় হইয়া স্তন পান ত্যাগ করিল; এবং যে দিন ইস্‌হাক স্তন পান ত্যাগ করিল, সেই দিন অব্রাহাম মহাভোজ প্রস্তুত করিলেন।

9. तब सारा को मिद्दी हाजिरा का पुत्रा, जो इब्राहीम से उत्पन्न हुआ था, हंसी करता हुआ देख पड़ा।
गलातियों 4:29

9. আর মিস্রীয়া হাগার অব্রাহামের নিমিত্ত যে পুত্র প্রসব করিয়াছিল, সারা তাহাকে পরিহাস করিতে দেখিলেন।

10. सो इस कारण उस ने इब्राहीम से कहा, इस दासी को पुत्रा सहित बरबस निकाल दे : क्योंकि इस दासी का पुत्रा मेरे पुत्रा इसहाक के साथ भागी न होगा।
गलातियों 4:30

10. তাহাতে তিনি অব্রাহামকে কহিলেন, তুমি ঐ দাসীকে ও উহার পুত্রকে দূর করিয়া দেও; কেননা আমার পুত্র ইস্‌হাকের সহিত ঐ দাসীপুত্র উত্তরাধিকারী হইবে না।

11. यह बात इब्राहीम को अपने पुत्रा के कारण बुरी लगी।

11. এই কথায় অব্রাহাম আপন পুত্রের বিষয়ে অতি অসন্তুষ্ট হইলেন।

12. तब परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा।
इब्रानियों 11:18, मत्ती 1:2, रोमियों 9:7

12. আর ঈশ্বর অব্রাহামকে কহিলেন, ঐ বালকের বিষয়ে ও তোমার ঐ দাসীর বিষয়ে অসন্তুষ্ট হইও না; সারা তোমাকে যাহা বলিতেছে, তাহার সেই কথা শুন; কেননা ইস্‌হাকেই তোমার বংশ আখ্যাত হইবে।

13. दासी के पुत्रा से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूंगा इसलिये कि वह तेरा वंश है।

13. আর ঐ দাসীপুত্র হইতেও আমি এক জাতি উৎপন্ন করিব, কারণ সে তোমার বংশীয়।

14. सो इब्राहीम ने बिहान को तड़के उठकर रोटी और पानी से भरी चमड़े की थैली भी हाजिरा को दी, और उसके कन्धे पर रखी, और उसके लड़के को भी उसे देकर उसको विदा किया : सो वह चली गई, और बेर्शेबा के जंगल में भ्रमण करने लगी।

14. পরে অব্রাহাম প্রত্যূষে উঠিয়া রুটী ও জলপূর্ণ কুপা লইয়া হাগারের স্কন্ধে দিয়া বালকটীকে সমর্পণ করিয়া তাহাকে বিদায় করিলেন। তাহাতে সে প্রস্থান করিয়া বের্‌-শেবা প্রান্তরে ঘূরিয়া বেড়াইল।

15. जब थैली का जल चुक गया, तब उस ने लड़के को एक झाड़ी के नीचे छोड़ दिया।

15. পরে কুপার জল শেষ হইল, তাহাতে সে এক ঝোপের নীচে বালকটীকে ফেলিয়া রাখিল;

16. और आप उस से तीर भर के टप्पे पर दूर जाकर उसके साम्हने यह सोचकर बैठ गई, कि मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े। तब वह उसके साम्हने बैठी हुई चिल्ला चिल्ला के रोने लगी।

16. আর আপনি তাহার সম্মুখ হইতে অনেকটা দূরে, অনুমান এক তীর দূরে গিয়া বসিল, কারণ সে কহিল, বালকটীর মৃত্যু আমি দেখিব না। আর সে তাহার সম্মুখ হইতে দূরে বসিয়া উচ্চৈঃস্বরে রোদন করিতে লাগিল।

17. और परमेश्वर ने उस लड़के की सुनी; और उसके दूत ने स्वर्ग से हाजिरा को पुकार के कहा, हे हाजिरा तुझे क्या हुआ ? मत डर; क्योंकि जहां तेरा लड़का है वहां से उसकी आवाज परमेश्वर को सुन पड़ी है।

17. তখন ঈশ্বর বালকটীর রব শুনিলেন; আর ঈশ্বরের দূত আকাশ হইতে ডাকিয়া হাগারকে কহিলেন, হাগার, তোমার কি হইল? ভয় করিও না, বালকটী যেখানে আছে, ঈশ্বর তথা হইতে উহার রব শুনিলেন;

18. उठ, अपने लड़के को उठा और अपने हाथ से सम्भाल क्योंकि मैं उसके द्वारा एक बड़ी जाति बनाऊंगा।

18. তুমি উঠিয়া বালকটীকে তুলিয়া তোমার হাতে ধর; কারণ আমি উহাকে এক মহাজাতি করিব।

19. परमेश्वर ने उसकी आंखे खोल दी, और उसको एक कुंआ दिखाई पड़ा; सो उस ने जाकर थैली को जल से भरकर लड़के को पिलाया।

19. তখন ঈশ্বর তাহার চক্ষু খুলিয়া দিলেন, তাহাতে সে এক সজল কূপ দেখিতে পাইল, আর তথায় গিয়া কুপাতে জল পূরিয়া বালকটীকে পান করাইল।

20. और परमेश्वर उस लड़के के साथ रहा; और जब वह बड़ा हुआ, तब जंगल में रहते रहते धनुर्धारी बन गया।

20. পরে ঈশ্বর বালকটীর সহবর্ত্তী হইলেন, আর সে বড় হইয়া উঠিল, এবং প্রান্তরে থাকিয়া ধনুর্দ্ধর হইল।

21. वह तो पारान नाम जंगल में रहा करता था : और उसकी माता ने उसके लिये मि देश से एक स्त्री मंगवाई।।

21. সে পারণ প্রান্তরে বসতি করিল। আর তাহার মাতা তাহার বিবাহার্থে মিসর দেশ হইতে এক কন্যা আনিল।

22. उन दिनों में ऐसा हुआ कि अबीमेलेक अपने सेनापति पीकोल को संग लेकर इब्राहीम से कहने लगा, जो कुछ तू करता है उस में परमेश्वर तेरे संग रहता है :

22. ঐ সময়ে অবীমেলক এবং তাঁহার সেনাপতি ফীখোল অব্রাহামকে কহিলেন, আপনি যে কিছু করেন, সে সকলেতেই ঈশ্বর আপনার সহবর্ত্তী।

23. सो अब मुझ से यहां इस विषय में परमेश्वर की किरिया खा, कि तू न तो मुझ से छल करेगा, और न कभी मेरे वंश से करेगा, परन्तु जैसी करूणा मैं ने तुझ पर की है, वैसी ही तू मुझ पर और इस देश पर भी जिस में तू रहता है करेगा

23. অতএব আপনি এখন এই স্থানে ঈশ্বরের দিব্য করিয়া আমাকে বলুন যে, আমার প্রতি ও আমার পুত্র পৌত্রের প্রতি বিশ্বাসঘাতকতা করিবেন না; এবং আমি আপনার প্রতি যেরূপ দয়া করিয়াছি, আপনিও আমার প্রতি ও আপনার প্রবাসস্থান এই দেশের প্রতি তদ্রূপ দয়া করিবেন।

24. इब्राहीम ने कहा, मैं किरिया खाऊंगा।

24. তখন অব্রাহাম কহিলেন, দিব্য করিব।

25. और इब्राहीम ने अबीमेलेक को एक कुएं के विषय में, जो अबीमेलेक के दासों ने बरीयाई से ले लिया था, उलाहना दिया।

25. কিন্তু অবীমেলকের দাসগণ এক সজল কূপ সবলে অধিকার করিয়াছিল, এই জন্য অব্রাহাম অবীমেলককে অনুযোগ করিলেন।

26. तब अबीमेलेक ने कहा, मै नहीं जानता कि किस ने यह काम किया : और तू ने भी मुझे नहीं बताया, और न मै ने आज से पहिले इसके विषय में कुछ सुना।

26. তাহাতে অবীমেলক কহিলেন, এই কর্ম্ম কে করিয়াছে, তাহা আমি জানি না; আপনিও আমাকে জানান নাই, এবং অামিও কেবল অদ্য এ কথা শুনিলাম।

27. तक इब्राहीम ने भेड़- बकरी, और गाय- बैल लेकर अबीमेलेक को दिए; और उन दोनों ने आपस में वाचा बान्धी।

27. পরে অব্রাহাম মেষ ও গোরু লইয়া অবীমেলককে দিলেন, এবং উভয়ে এক নিয়ম স্থির করিলেন।

28. और इब्राहीम ने भेड़ की सात बच्ची अलग कर रखीं।

28. আর অব্রাহাম পাল হইতে সাতটা মেষবৎসা পৃথক্‌ করিয়া রাখিলেন।

29. तब अबीमेलेक ने इब्राहीम से पूछा, इन सात बच्चियों का, जो तू ने अलग कर रखी हैं, क्या प्रयोजन है ?

29. অবীমেলক তাঁহাকে জিজ্ঞাসা করিলেন, আপনি কি অভিপ্রায়ে এই সাত মেষবৎসা পৃথক্‌ করিয়া রাখিলেন?

30. उस ने कहा, तू इन सात बच्चियों को इस बात की साक्षी जानकर मेरे हाथ से ले, कि मै ने कुंआ खोदा है।

30. তিনি কহিলেন, আমি যে এই কূপ খনন করিয়াছি, তাহার প্রমাণার্থে আমা হইতে এই সাত মেষবৎসা আপনাকে গ্রহণ করিতে হইবে।

31. उन दोनों ने जो उस स्थान में आपस में किरिया खाई, इसी कारण उसका नाम बेर्शेबा पड़ा।

31. এজন্য তিনি সেই স্থানের নাম বের‌্-শেবা [দিব্যের কূপ] রাখিলেন, কেননা সেই স্থানে তাঁহারা উভয়ে দিব্য করিলেন।

32. जब उन्हों ने बेर्शेबा में परस्पर वाचा बान्धी, तब अबीमेलेक, और उसका सेनापति पीकोल उठकर पलिश्तियों के देश में लौट गए।

32. এইরূপে তাঁহারা বের্‌-শেবাতে নিয়ম স্থির করিলেন; পরে অবীমেলক ও তাঁহার সেনাপতি ফীখোল উঠিয়া পলেষ্টীয়দের দেশে ফিরিয়া গেলেন।

33. और इब्राहीम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहां यहोवा, जो सनातन ईश्वर है, उस से प्रार्थना की।

33. পরে অব্রাহাম বের্-শেবায় ঝাউ গাছ রোপন করিয়া সেই স্থানে অনাদি অনন্ত ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে ডাকিলেন।

34. और इब्राहीम पलिश्तियों के देश में बहुत दिनों तक परदेशी होकर रहा।।

34. আর অব্রাহাম পলেষ্টীয়দের দেশে অনেক দিন প্রবাস করিলেন।



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