Judges - न्यायियों 1 | View All

1. यहोशू के मरने के बाद इस्राएलियों ने यहोवा से पूछा, कि कनानियों के विरूद्ध लड़ने को हमारी ओर से पहिले कौन चढ़ाई करेगा?

1. Now after the death of Joshua it came to pass that the children of Israel asked the LORD, saying, 'Who shall be first to go up for us against the Canaanites to fight against them?'

2. यहोवा ने उत्तर दिया, यहूदा चढ़ाई करेगा; सुनो, मैं ने इस देश को उसके हाथ में दे दिया है।

2. And the LORD said, 'Judah shall go up. Indeed I have delivered the land into his hand.'

3. तब यहूदा ने अपने भाई शिमोन से कहा, मेरे संग मेरे भाग में आ, कि हम कनानियों से लड़ें; और मैं भी तेरे भाग में जाऊंगा। सो शिमोन उसके संग चला।

3. So Judah said to Simeon his brother, 'Come up with me to my allotted territory, that we may fight against the Canaanites; and I will likewise go with you to your allotted territory.' And Simeon went with him.

4. और यहूदा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने कनानियों और परिज्जियों को उसके हाथ में कर दिया; तब उन्हों ने बेजेक में उन में से दस हजार पुरूष मार डाले।

4. Then Judah went up, and the LORD delivered the Canaanites and the Perizzites into their hand; and they killed ten thousand men at Bezek.

5. और बेजेक में अदोनीबेजेक को पाकर वे उस से लड़े, और कनानियों और परिज्जियों को मार डाला।

5. And they found Adoni-Bezek in Bezek, and fought against him; and they defeated the Canaanites and the Perizzites.

6. परन्तु अदोनीबेजेक भागा; तब उन्हों ने उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया, और उसके हाथ पांव के अंगूठे काट डाले।

6. Then Adoni-Bezek fled, and they pursued him and caught him and cut off his thumbs and big toes.

7. तब अदोनीबेजेक ने कहा, हाथ पांव के अंगूठे काटे हुए सत्तर राजा मेरी मेज के नीचे टुकड़े बीनते थे; जैसा मैं ने किया था, वैसा ही बदला परमेश्वर ने मुझे दिया है। तब वे उसे यरूशलेम को ले गए और वहां वह मर गया।।

7. And Adoni-Bezek said, 'Seventy kings with their thumbs and big toes cut off used to gather [scraps] under my table; as I have done, so God has repaid me.' Then they brought him to Jerusalem, and there he died.

8. और यहूदियों ने यरूशलेम से लड़कर उसे ले लिया, और तलवार से उसके निवासियों को मार डाला, और नगर को फूंक दिया।

8. Now the children of Judah fought against Jerusalem and took it; they struck it with the edge of the sword and set the city on fire.

9. और तब यहूदी पहाड़ी देश और दक्खिन देश, और नीचे के देश में रहनेवाले कनानियों से लड़ने को गए।

9. And afterward the children of Judah went down to fight against the Canaanites who dwelt in the mountains, in the South, and in the lowland.

10. और यहूदा ने उन कनानियों पर चढ़ाई की जो हेब्रोन में रहते थे (हेब्रोन का नाम तो पूर्वकाल में किर्यतर्बा था); और उन्हों ने शेशै, अहीमन, और तल्मै को मार डाला।

10. Then Judah went against the Canaanites who dwelt in Hebron. (Now the name of Hebron [was] formerly Kirjath Arba.) And they killed Sheshai, Ahiman, and Talmai.

11. वहां से उस ने जाकर दबीर के निवासियों पर चढ़ाई की। (दबीर का नाम तो पूर्वकाल में किर्यत्सेपेर था।)

11. From there they went against the inhabitants of Debir. (The name of Debir [was] formerly Kirjath Sepher.)

12. तब कालेब ने कहा, जो किर्यत्सेपेर को मारके ले ले उसे मैं अपनी बेटी अकसा को ब्याह दूंगा।

12. Then Caleb said, 'Whoever attacks Kirjath Sepher and takes it, to him I will give my daughter Achsah as wife.'

13. इस पर कालेब के छोटे भाई कनजी ओत्नीएल ने उसे ले लिया; और उस ने उसे अपनी बेटी अकसा को ब्याह दिया।

13. And Othniel the son of Kenaz, Caleb's younger brother, took it; so he gave him his daughter Achsah as wife.

14. और जब वह ओत्नीएल के पास आई, तब उस ने उसको अपने पिता से कुछ भूमि मांगने को उभारा; फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उस से पूछा, तू क्या चाहती है?

14. Now it happened, when she came [to him,] that she urged him to ask her father for a field. And she dismounted from [her] donkey, and Caleb said to her, 'What do you wish?'

15. वह उस से बोली मुझे आशीर्वाद दे; तू ने मुझे दक्खिन देश तो दिया है, तो जल के सोते भी दे। इस प्रकार कालेब ने उसको ऊपर और नीचे के दोनों सोते दे दिए।।

15. So she said to him, 'Give me a blessing; since you have given me land in the South, give me also springs of water.' And Caleb gave her the upper springs and the lower springs.

16. और मूसा के साले, एक केनी मनुष्य के सन्तान, यहूदी के संग खजूर वाले नगर से यहूदा के जंगल में गए जो अराद के दक्खिन की ओर है, और जाकर इस्राएल लोगों के साथ रहने लगे।

16. Now the children of the Kenite, Moses' father-in-law, went up from the City of Palms with the children of Judah into the Wilderness of Judah, which [lies] in the South [near] Arad; and they went and dwelt among the people.

17. फिर यहूदा ने अपने भाई शिमोन के संग जाकर सपत में रहनेवाले कनानियों को मार लिया, और उस नगर को सत्यानाश कर डाला। इसलिये उस नगर का नाम होर्मा पड़ा।

17. And Judah went with his brother Simeon, and they attacked the Canaanites who inhabited Zephath, and utterly destroyed it. So the name of the city was called Hormah.

18. और यहूदा ने चारों ओर की भूमि समेत अज्जा, अशकलोन, और एक्रोन को ले लिया।

18. Also Judah took Gaza with its territory, Ashkelon with its territory, and Ekron with its territory.

19. और यहोवा यहूदा के साथ रहा, इसलिये उस ने पहाड़ी देश के निवासियों को निकाल दिया; परन्तु तराई के निवासियों के पास लोहे के रथ थे, इसलिये वह उन्हें न निकाल सका।

19. So the LORD was with Judah. And they drove out the mountaineers, but they could not drive out the inhabitants of the lowland, because they had chariots of iron.

20. और उन्हों ने मूसा के कहने के अनुसार हेब्रोन कालेब को दे दिया: और उस ने वहां से अनाक के तीनों पुत्रों को निकाल दिया।

20. And they gave Hebron to Caleb, as Moses had said. Then he expelled from there the three sons of Anak.

21. और यरूशलेम में रहनेवाले यबूसियों को बिन्यामीनियों ने न निकाला; इसलिये यबूसी आज के दिन तक यरूशलेम में बिन्यामीनियों के संग रहते हैं।।

21. But the children of Benjamin did not drive out the Jebusites who inhabited Jerusalem; so the Jebusites dwell with the children of Benjamin in Jerusalem to this day.

22. फिर यूसुफ के घराने ने बेतेल पर चढ़ाई की; और यहोवा उनके संग था।

22. And the house of Joseph also went up against Bethel, and the LORD [was] with them.

23. और यूसुफ के घराने ने बेतेल का भेद लेने को लोग भेजे। (और उस नगर का नाम पूर्वकाल में लूज था।)

23. So the house of Joseph sent men to spy out Bethel. (The name of the city [was] formerly Luz.)

24. और पहरूओं ने एक मनुष्य को उस नगर से निकलते हुए देखा, और उस से कहा, नगर में जाने का मार्ग हमें दिखा, और हम तुझ पर दया करेंगे।

24. And when the spies saw a man coming out of the city, they said to him, 'Please show us the entrance to the city, and we will show you mercy.'

25. जब उस ने उन्हें नगर में जाने का मार्ग दिखाया, तब उन्हों ने नगर को तो तलवार से मारा, परन्तु उस मनुष्य को सारे घराने समेत छोड़ दिया।

25. So he showed them the entrance to the city, and they struck the city with the edge of the sword; but they let the man and all his family go.

26. उस मनुष्य ने हित्तियों के देश में जाकर एक नगर बसाया, और उसका नाम लूज रखा; और आज के दिन तक उसका नाम वही है।।

26. And the man went to the land of the Hittites, built a city, and called its name Luz, which [is] its name to this day.

27. मनश्शे ने अपने अपने गांवों समेत बेतशान, तानाक, दोर, यिबलाम, और मगिद्दॊं के निवासियों को न निकाला; इस प्रकार कनानी उस देश में बसे ही रहे।

27. However, Manasseh did not drive out [the inhabitants of] Beth Shean and its villages, or Taanach and its villages, or the inhabitants of Dor and its villages, or the inhabitants of Ibleam and its villages, or the inhabitants of Megiddo and its villages; for the Canaanites were determined to dwell in that land.

28. परन्तु जब इस्राएली सामर्थी हुए, तब उन्हों ने कनानियों से बेगारी ली, परन्तु उन्हें पूरी रीति से न निकाला।।

28. And it came to pass, when Israel was strong, that they put the Canaanites under tribute, but did not completely drive them out.

29. और एप्रैम ने गेजेर में रहनेवाले कनानियों को न निकाला; इसलिये कनानी गेजेर में उनके बीच में बसे रहे।।

29. Nor did Ephraim drive out the Canaanites who dwelt in Gezer; so the Canaanites dwelt in Gezer among them.

30. जबलून ने कित्रोन और नहलोल के निवासियों को न निकाला; इसलिये कनानी उनके बीच में बसे रहे, और उनके वश में हो गए।।

30. Nor did Zebulun drive out the inhabitants of Kitron or the inhabitants of Nahalol; so the Canaanites dwelt among them, and were put under tribute.

31. आशेर ने अक्को, सीदोन, अहलाब, अकजीब, हेलवा, अपीक, और रहोब के निवासियों के बीच में बस गए; क्योंकि उन्हों ने उनको न निकाला था।।

31. Nor did Asher drive out the inhabitants of Acco or the inhabitants of Sidon, or of Ahlab, Achzib, Helbah, Aphik, or Rehob.

32. इसलिये आशेरी लोग देश के निवासी कनानियों के बीच में बस गए; क्योंकि उन्हों ने उनको न निकाला था।।

32. So the Asherites dwelt among the Canaanites, the inhabitants of the land; for they did not drive them out.

33. नप्ताली ने बेतशेमेश और बेतनात के निवासियों को न निकाला, परन्तु देश के निवासी कनानियों के बीच में बस गए; तौभी बेतशेमेश और बेतनात के लोग उनके वश में हो गए।।

33. Nor did Naphtali drive out the inhabitants of Beth Shemesh or the inhabitants of Beth Anath; but they dwelt among the Canaanites, the inhabitants of the land. Nevertheless the inhabitants of Beth Shemesh and Beth Anath were put under tribute to them.

34. और एमोरियों ने दानियों को पहाड़ी देश में भगा दिया, और तराई में आने न दिया;

34. And the Amorites forced the children of Dan into the mountains, for they would not allow them to come down to the valley;

35. इसलिये एमोरी हेरेस नाम पहाड़, अरयलोन और शालबीम में बसे ही रहे, तौभी यूसुफ का घराना यहां तक प्रबल हो गया कि वे उनके वश में हो गए।

35. and the Amorites were determined to dwell in Mount Heres, in Aijalon, and in Shaalbim; yet when the strength of the house of Joseph became greater, they were put under tribute.

36. और एमोरियों के देश का सिवाना अक्रब्बीम नाम पर्वत की चढ़ाई से आरम्भ करके ऊपर की ओर था।।

36. Now the boundary of the Amorites [was] from the Ascent of Akrabbim, from Sela, and upward.



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