Revelation - प्रकाशितवाक्य 21 | View All

1. फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा।
यशायाह 65:17, यशायाह 66:22

1. Then I saw a new heaven and a new earth. The first heaven and the first earth had passed away. There was no more sea.

2. फिर मैं ने पवित्रा नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
यशायाह 52:1, यशायाह 61:10

2. I saw the Holy City, the new Jerusalem. It was coming down out of heaven from God. It was made ready like a bride is made ready for her husband.

3. फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा।
लैव्यव्यवस्था 26:11-12, 2 इतिहास 6:18, यहेजकेल 37:27, जकर्याह 2:10

3. I heard a loud voice coming from heaven. It said, 'See! God's home is with men. He will live with them. They will be His people. God Himself will be with them. He will be their God.

4. और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
यशायाह 25:8, यशायाह 35:10, यशायाह 65:19, यिर्मयाह 31:16, यशायाह 65:17

4. God will take away all their tears. There will be no more death or sorrow or crying or pain. All the old things have passed away.'

5. और जो सिंहासन पर बैठा था, उस ने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उस ने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।
1 राजाओं 22:19, 2 इतिहास 18:18, भजन संहिता 47:8, यशायाह 6:1, यशायाह 43:19, यहेजकेल 1:26-27

5. Then the One sitting on the throne said, 'See! I am making all things new. Write, for these words are true and faithful.'

6. फिर उस ने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा।
भजन संहिता 36:9, यशायाह 44:6, यशायाह 48:12, यशायाह 55:1, यिर्मयाह 2:13, जकर्याह 14:8

6. Then He said to me, 'These things have happened! I am the First and the Last. I am the beginning and the end. To anyone who is thirsty, I will give the water of life. It is a free gift.

7. जो जय पाए, वही उन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्रा होगा।
2 शमूएल 7:14, भजन संहिता 89:26

7. He who has power and wins will receive these things. I will be his God and he will be My son.

8. पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।।
उत्पत्ति 19:24, भजन संहिता 11:6, यशायाह 30:33, यहेजकेल 38:22

8. But those who are afraid and those who do not have faith and the sinful-minded people and those who kill other people and those who do sex sins and those who follow witchcraft and those who worship false gods and all those who tell lies will be put into the lake of fire and sulphur. This is the second death.'

9. फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात पिछली विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उन में से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा; इधर आ: मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।
लैव्यव्यवस्था 26:21

9. Then one of the seven angels who had the seven jars full of the seven last troubles came to me and said, 'Come! I will show you the bride, the wife of the Lamb.'

10. और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्रा नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया।
यहेजकेल 40:2, यशायाह 52:1

10. I was carried away in the Spirit by the angel to a very high mountain. He showed me the Holy City of Jerusalem. It was coming out of heaven from God.

11. परमेश्वर की महिमा उस में थी, ओर उस की ज्योति बहुत की बहुमोल पत्थर, अर्थात् बिल्लौर के समान यशब की नाई स्वच्छ थी।
यशायाह 58:8, यशायाह 60:1-2, यशायाह 60:19

11. It was filled with the shining-greatness of God. It shone like a stone worth much money, like a jasper stone. It was clear like glass.

12. और उस की शहरपनाह बड़ी ऊंची थी, और उसके बारह फाटक और फाटकों पर बारह स्वर्गदूत थे; और उन पर इस्त्राएलियों के बारह गोत्रों के नाम लिखे थे।
निर्गमन 28:21, यहेजकेल 48:31-34

12. It had a very high wall, and there were twelve gates. Twelve angels stood by the gates. The names of the twelve family groups of the Jewish nation were written on the gates.

13. पूर्व की ओर तीन फाटक, उत्तर की ओर तीन फाटक, दक्खिन की ओर तीन फाटक, और पश्चिम की ओर तीन फाटक थे।
निर्गमन 28:21, यहेजकेल 48:31-34

13. There were three gates on each side. There were three on the east side and three on the north side and three on the south side and three on the west side.

14. और नगर की शहरपनाह की बारह नेवें थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे।

14. The walls were on twelve stones. The names of the twelve missionaries of the Lamb were written on the stones.

15. और जो मेरे साथ बातें कर रहा था, उसके पास नगर, और उसके फाटकों और उस की शहरपनाह को नापने के लिये एक सोने का गज था।
यहेजकेल 40:3, यहेजकेल 40:5

15. The angel had a stick in his hand. It was used to find out how big the city and its gates and the walls were.

16. और वह नगर चौकोर बसा हुआ था और उस की लम्बाई चौड़ाई के बराबर थी, और उस ने उस गज से नगर को नापा, तो साढ़े सात सौ कोस का निकला: उस की लम्बाई, और चौड़ाई, और ऊंचाई बराबर थी।
यहेजकेल 43:16, यहेजकेल 48:16-17

16. He found out that the city was as wide as it was long and it was as high as it was wide. It was as long as a man could walk in fifty days. It was the same each way.

17. और उस ने उस की शहरपनाह को मनुष्य के, अर्थात् स्वर्गदूत के नाम से नापा, तो एक सौ चौआलीस हाथ निकली।
यहेजकेल 41:5, यहेजकेल 48:16-17

17. The angel found out that the walls were the same as a man taking seventy-two long steps. The angel used the same way to find out about the city as a man would have used.

18. और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्वच्छ कांच के समान हो।
यशायाह 54:11-12

18. The wall was made of jasper. The city was made of pure gold. This gold was as clear as glass.

19. और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमोल पत्थरों से संवारी हुई थी, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की।
यशायाह 54:11-12

19. The city was built on every kind of stone that was worth much money. The first stone was jasper. The second was sapphire. The third was chalcedony. The fourth was emerald.

20. पांचवी गोमेदक की, छठवीं माणिक्य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्त की, बारहवीं याकूत की।

20. The fifth was sardonyx. The sixth was sardius. The seventh was chrysolite. The eighth was beryl. The ninth was topaz. The tenth was chrysoprase. The eleventh was jacinth and the twelfth was amethyst.

21. और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्वच्छ कांच के समान चोखे सोने की थी।

21. The twelve gates were twelve pearls. Each gate was made from one pearl. The street of the city was pure gold. It was clear as glass.

22. और मैं ने उस में कोई मंदिर न देखा, क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, और मेम्ना उसका मंदिर हैं।
आमोस 4:13

22. I did not see a house of God in the city. The All-powerful Lord god and the Lamb are the house of God in this city.

23. और उस नगर में सूर्य और चान्द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है।
यशायाह 60:1-2, यशायाह 60:19

23. There is no need for the sun and moon to shine in the city. The shining-greatness of God makes it full of light. The Lamb is its light.

24. और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे।
यशायाह 60:2, यशायाह 60:3, यशायाह 60:5, यशायाह 60:10-11

24. The nations will walk by its light. The kings of the earth will bring their greatness into it.

25. और उसके फाटक दिन को कभी बन्द न होंगे, और रात वहां न होगी।
जकर्याह 14:7, यशायाह 60:10-11

25. The gates are open all day. They will never be shut. There will be no night there.

26. और लोग जाति जाति के तेज और विभव का सामान उस में लाएंगे।
भजन संहिता 72:10-11

26. The greatness and honor of all the nations will be brought into it.

27. और उस में कोई अपवित्रा वस्तु या घृणित काम करनेवाला, या झूठ का गढ़नेवाला, किसी रीति से प्रवेश न करेगा; पर केवल वे लोग जिन के नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।।
भजन संहिता 69:28, दानिय्येल 12:1, यशायाह 52:1

27. Nothing sinful will go into the city. No one who is sinful-minded or tells lies can go in. Only those whose names are written in the Lamb's book of life can go in.



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