Jude - यहूदा 1 | View All

1. यहूदा की ओर से जो यीशु मसीह का दास और याकूब का भाई है, उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्वर पिता में प्रिय और यीशु मसीह के लिये सुरक्षित हैं।।

1. Jude, the servant of Yahushua the Messiah, and brother of James, to them that are set apart by YHWH the Father, and preserved in Yahushua the Messiah, and called:

2. दया और शान्ति और प्रेम तुम्हें बहुतायत से प्राप्त होता रहे।।

2. Mercy unto you, and peace, and love, be multiplied.

3. हे प्रियो, जब मैं तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखने में अत्यन्त परिश्रम से प्रयत्न कर रहा था, जिस में हम सब सहभागी हैं; तो मैं ने तुम्हें यह समझाना आवश्यक जाना कि उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करो जो पवित्रा लोगों को एक ही बार सौंपा गया था।

3. Beloved, when I gave all diligence to write unto you of the common salvation, it was needful for me to write unto you, and exhort you that ye should earnestly contend for the faith which was once delivered unto the saints.

4. क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिन से इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहिले ही से लिखा गया था: ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते है, और हमारे अद्वैत स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं।।

4. For there are certain men crept in unawares, who were before of old ordained to this condemnation, wicked men, turning the grace of our Elohim into lasciviousness, and denying the only Master Elohim, and our Master Yahushua the Messiah.

5. पर यद्यपि तुम सब बात एक बार जान चुके हो, तौभी मैं तुम्हें इस बात की सुधि दिलाना चाहता हूं, कि प्रभु ने एक कुल को मि देश से छुड़ाने के बाद विश्वास न लानेवालों को नाश कर दिया।
निर्गमन 12:51, गिनती 14:29-30, गिनती 14:35

5. I will therefore put you in remembrance, though ye once knew this, how that YHWH, having saved the people out of the land of Egypt, afterward destroyed them that believed not.

6. फिर जो र्स्वगदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन अपने निज निवास को छोड़ दिया, उस ने उन को भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अन्धकार में जो सदा काल के लिये है बन्धनों में रखा है।

6. And the angels which kept not their first estate, but left their own habitation, he hath reserved in everlasting chains under darkness unto the judgment of the great day.

7. जिस रीति से सदोम और अमोरा और उन के आस पास के नगर, जो इन की नाई व्यभिचारी हो गए थे और पराये शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं।
उत्पत्ति 19:4-25

7. Even as Sodom and Gomorrha, and the cities about them in like manner, giving themselves over to fornication, and going after strange flesh, are set forth for an example, suffering the vengeance of eternal fire.

8. उसी रीति से ये स्वप्नदर्शी भी अपने अपने शरीर को अशुद्ध करते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं; और ऊंचे पदवालों को बुरा भला कहते हैं।

8. Likewise also these filthy dreamers defile the flesh, despise dominion, and speak evil of dignities.

9. परन्तु प्रधान स्वर्गदूत मीकाईल ने, जब शैतान से मूसा की लोथ के विषय में वाद- विवाद करता था, तो उस को बुरा भला कहके दोष लगाने का साहस न किया; पर यह कहा, कि प्रभु तुझे डांटे।
दानिय्येल 10:13, दानिय्येल 10:21, दानिय्येल 12:1, जकर्याह 3:2-3

9. Yet Michael the archangel, when contending with the devil he disputed about the body of Moses, durst not bring against him a railing accusation, but said, YHWH rebuke thee.

10. पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते, उन को बुरा भला कहते हैं; पर जिन बातों को अचेतन पशुओं की नाई स्वभाव ही से जानते हैं, उन में अपने आप को नाश करते हैं।

10. But these speak evil of those things which they know not: but what they know naturally, as brute beasts, in those things they corrupt themselves.

11. उन पर हाय! कि वे कैन की सी चाल चले, और मजदूरी के लिये बिलाम की नाई भ्रष्ट हो गए हैं: और कोरह की नाई विरोध करके नाश हुए हैं।
उत्पत्ति 4:3-8, गिनती 16:19-35, गिनती 22:7, गिनती 31:16

11. Woe unto them! for they have gone in the way of Cain, and ran greedily after the error of Balaam for reward, and perished in the gainsaying of Core.

12. यह तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते- पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरनेवाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं; जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं; और जड़ से उखड़ गए हैं।
यहेजकेल 34:8

12. These are spots in your feasts of charity, when they feast with you, feeding themselves without fear: clouds they are without water, carried about of winds; trees whose fruit withereth, without fruit, twice dead, plucked up by the roots;

13. ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं: ये डांवाडोल तारे हैं, जिन के लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है।
यशायाह 57:20

13. Raging waves of the sea, foaming out their own shame; wandering stars, to whom is reserved the blackness of darkness for ever.

14. और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की, कि देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया।
व्यवस्थाविवरण 33:2, जकर्याह 14:5

14. And Enoch also, the seventh from Adam, prophesied of these, saying, Behold, YHWH cometh with ten thousands of his saints,

15. कि सब का न्याय करे, और सब भक्तिहीनों को उन के अभक्ति के सब कामों के विषय में, जो भक्तिहीन पापियों ने उसके विरोध में कही हैं, दोषी ठहराए।

15. To execute judgment upon all, and to convince all that are wicked among them of all their wicked deeds which they have wicked committed, and of all their hard speeches which wicked sinners have spoken against him.

16. ये तो असंतुष्ट, कुड़कुड़ानेवाले, और अपने अभिलाषाओं के अनुसार चलनेवाले हैं; और अपने मुंह से घमण्ड की बातें बोलते हैं; और वे लाभ के लिये मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं।।

16. These are murmurers, complainers, walking after their own lusts; and their mouth speaketh great swelling words, having mens persons in admiration because of advantage.

17. पर हे प्रियों, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहिले कह चुके हैं।

17. But, beloved, remember ye the words which were spoken before of the apostles of our Master Yahushua the Messiah;

18. वे तुम से कहा करते थे, कि पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करनेवाले होंगे, जो अपनी अभक्ति के अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।

18. How that they told you there should be mockers in the last time, who should walk after their own wicked lusts.

19. ये तो वे है, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं।

19. These be they who separate themselves, sensual, having not the Spirit.

20. पर हे प्रियों तुम अपने अति पवित्रा विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्रा आत्मा में प्रार्थना करते हुए।

20. But ye, beloved, building up yourselves on your most holy faith, praying in the Holy Spirit,

21. अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो।

21. Keep yourselves in the love of Elohim, looking for the mercy of our Master Yahushua the Messiah unto eternal life.

22. और उन पर जो शंका में हैं दया करो।

22. And of some have compassion, making a difference:

23. और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; बरन उस वस्त्रा से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।।
जकर्याह 3:2-3

23. And others save with fear, pulling them out of the fire; hating even the garment spotted by the flesh.

24. अब जो तुम्हें ठोकर खाने से बचा सकता है, और अपनी महिमा की भरपूरी के साम्हने मगन और निर्दोष करके खड़ा कर सकता है।

24. Now unto him that is able to keep you from falling, and to present you faultless before the presence of his glory with exceeding joy,

25. उस अद्वैत परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, और गौरव, और पराक्रम, और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन।।

25. To the only wise Elohim our Saviour, be glory and majesty, dominion and power, both now and ever. amen.



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