14. हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।
14. I haue written vnto you, fathers, because ye haue knowen him, that is from the beginning. I haue written vnto you, yong men, because ye are strong, and the worde of God abideth in you, and ye haue ouercome that wicked one.