27. और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, बरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
यिर्मयाह 31:34
27. আর তোমরা তাঁহা হইতে যে অভিষেক পাইয়াছ, তাহা তোমাদের অন্তরে রহিয়াছে, এবং কেহ যে তোমাদিগকে শিক্ষা দেয়, ইহাতে তোমাদের প্রয়োজন নাই; কিন্তু তাঁহার সেই অভিষেক যেমন সকল বিষয়ে তোমাদিগকে শিক্ষা দিতেছে, এবং তাহা যেমন সত্য, মিথ্যা নয়, এমন কি, তাহা যেমন তোমাদিগকে শিক্ষা দিয়াছে, তেমনি তোমরা তাঁহাতে থাক ।