12. इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है।
12. That is why I am experiencing my present sufferings; but I am not ashamed, because I know in whom I have put my trust, and I have no doubt at all that he is able to safeguard until that Day what I have entrusted to him.