Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 14 | View All

1. तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पुत्रा हो; इसलिये मरे हुओं के कारण न तो अपना शरीर चीरना, और न भौहों के बाल मुंडाना।
रोमियों 9:4

1. তোমরা আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সন্তান; তোমরা মৃত লোকদের জন্য আপন আপন শরীর কাটকুট করিবে না, এবং ভ্রূমধ্যস্থল ক্ষৌরি করিবে না।

2. क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये एक पवित्रा समाज है, और यहोवा ने तुझ को पृथ्वी भर के समस्त देशों के लोगों में से अपनी निज सम्पति होने के लिये चुन लिया है।
तीतुस 2:14, 1 पतरस 2:9, रोमियों 9:4

2. কেননা তুমি আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর পবিত্র প্রজা; ভূমণ্ডলস্থ সমস্ত জাতির মধ্য হইতে সদাপ্রভু আপনার নিজস্ব প্রজা করণার্থে তোমাকেই মনোনীত করিয়াছেন।

3. तू कोई घिनौनी वस्तु न खाना।

3. তুমি কোন ঘৃণার্হ দ্রব্য ভোজন করিবে না।

4. जो पशु तुम खा सकते हो वे ये हैं, अर्थात् गाय- बैल, भेड़- बकरी,

4. এই সকল পশু ভোজন করিতে পার; গোরু, মেষ এবং ছাগল, হরিণ,

5. हरिण, चिकारा, यखमूर, बनैली बकरी, साबर, नीलगाय, और बैनेली भेड़।

5. কৃষ্ণসার এবং বনগোরু, বনছাগল, বাতপ্রমী, পৃষত এবং সম্বর।

6. निदान पशुओं में से जितने पशु चिरे वा फटे खुरवाले और पागुर करनेवाले होते हैं उनका मांस तुम खा सकते हो।

6. আর পশুগণের মধ্যে যত পশু সম্পূর্ণ দ্বিখণ্ড খুরবিশিষ্ট ও জাওর কাটে, সেই সকল তোমরা ভোজন করিতে পার।

7. परन्तु पागुर करनेवाले वा चिरे खुरवालों में से इन पशुओं को, अर्थात् ऊंट, खरहा, और शापान को न खाना, क्योंकि ये पागुर तो करते हैं परन्तु चिरे खुर के नही होते, इस कारण वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।

7. কিন্তু যাহারা জাওর কাটে, কিম্বা দ্বিখণ্ড খুরবিশিষ্ট, তাহাদের মধ্যে এইগুলি ভোজন করিবে না; উষ্ট্র, শশক ও শাফন; কেননা তাহারা জাওর কাটে বটে, কিন্তু দ্বিখণ্ড খুরবিশিষ্ট নয়, তাহারা তোমাদের পক্ষে অশুচি;

8. फिर सूअर, जो चिरे खुर का होता है परन्तु पागुर नहीं करता, इस कारण वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है। तुम न तो इनका मांस खाना, और न इनकी लोथ छूना।।

8. আর শূকর দ্বিখণ্ড খুরবিশিষ্ট বটে, কিন্তু জাওর কাটে না, সে তোমাদের পক্ষে অশুচি; তোমরা তাহাদের মাংস ভোজন করিবে না, তাহাদের শব স্পর্শও করিবে না।

9. फिर जितने जलजन्तु हैं उन में से तुम इन्हें खा सकते हो, अर्थात् जितनों के पंख और छिलके होते हैं।

9. জলচর সকলের মধ্যে এই সকল তোমাদের খাদ্য; যাহাদের ডেনা ও আঁইস আছে, তাহাদিগকে ভোজন করিতে পার।

10. परन्तु जितने बिना पंख और छिलके के होते हैं उन्हें तुम न खाना; क्योंकि वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।।

10. কিন্তু যাহাদের ডেনা ও আঁইস নাই, তাহাদিগকে ভোজন করিবে না, তাহারা তোমাদের পক্ষে অশুচি।

11. सब शुद्ध पक्षियों का मांस तो तुम खा सकते हो।

11. তোমরা সকল প্রকার শুচি পক্ষী ভোজন করিতে পার।

12. परन्तु इनका मांस न खाना, अर्थात् उकाब, हड़फोड़, कुरर;

12. কিন্তু এইগুলি ভোজন করিবে না; ঈগল, হাড়গিলা ও কূরল, গৃধ্র,

13. गरूड़, चील और भांति भांति के शाही;

13. চিল ও আপন আপন জাতি অনুসারে শঙ্করচিল,

14. और भांति भांति के सब काग;

14. আর আপন আপন জাতি অনুসারে সকল প্রকার কাক,

15. शुतर्मुर्ग, तहमास, जलकुक्कट, और भांति भांति के बाज;

15. আর উষ্ট্রপক্ষী, রাত্রিশ্যেন, গাংচিল ও আপন আপন জাতি অনুসারে শ্যেন,

16. छोटा और बड़ा दोनों जाति का उल्लू, और घुग्घू;

16. এবং পেচক মহাপেচক ও দীর্ঘগল হংস;

17. धनेश, गिद्ध, हाड़गील;

17. ক্ষুদ্র পানিভেলা, শকুনী ও মাছরাঙ্গা,

18. सारस, भांति भांति के बगुले, नौवा, और चमगीदड़।

18. এবং সারস ও আপন আপন জাতি অনুসারে বক, টিট্টিভ ও বাদুড়।

19. और जितने रेंगनेवाले पखेरू हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; वे खाए न जाएं।

19. আর পক্ষবিশিষ্ট যাবতীয় পোকাও তোমাদের পক্ষে অশুচি;

20. परन्तु सब शुद्ध पंखवालों का मांस तुम खा सकते हो।।

20. এ সকল অখাদ্য। তোমরা সমস্ত শুচি পক্ষী ভোজন করিতে পার।

21. जो अपनी मृत्यु से मर जाए उसे तुम न खाना; उसे अपने फाटकों के भीतर किसी परेदशी को खाने के लिये दे सकते हो, वा किसी पराए के हाथ बेच सकते हो; परन्तु तू तो अपने परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्रा समाज है। बकरी का बच्चा उसकी माता के दूध में न पकाना।।

21. তোমরা স্বয়ংমৃত কোন প্রাণীর মাংস ভোজন করিবে না; তোমার নগর-দ্বারের মধ্যবর্ত্তী কোন বিদেশীকে ভোজনার্থে তাহা দিতে পার, কিম্বা বিজাতীয় লোকের কাছে বিক্রয় করিতে পার; কেননা তুমি আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর পবিত্র প্রজা। তুমি ছাগবৎসকে তাহার মাতার দুগ্ধে পাক করিবে না।

22. बीज की सारी उपज में से जो प्रतिवर्ष खेत में उपजे उसका दंशमांश अवश्य अलग करके रखना।

22. তুমি তোমার বীজ হইতে উৎপন্ন যাবতীয় শস্যের, বৎসর বৎসর যাহা ক্ষেত্রে উৎপন্ন হয়, তাহার দশমাংশ পৃথক্‌ করিবে।

23. और जिस स्थान को तेरा परमेश्वर यहोवा अपने नाम का निवास ठहराने के लिये चुन ले उस में अपने अन्न, और नये दाखमधु, और टटके तेल का दशमांश, और अपने गाय- बैलों और भेड़- बकरियों के पहिलौठे अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खाया करना; जिस से तुम उसका भय नित्य मानना सीखोगे।

23. আর তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু আপন নামের বাসার্থে যে স্থান মনোনীত করিবেন, সে স্থানে তুমি আপন শস্যের, দ্রাক্ষারসের, ও তৈলের দশমাংশ, এবং গোমেষাদি পালের প্রথমজাতদিগকে তাঁহার সম্মুখে ভোজন করিবে; এইরূপে আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুকে সর্ব্বদা ভয় করিতে শিক্ষা করিবে।

24. परन्तु यदि वह स्थान जिस को तेरा परमेश्वर यहोवा अपना नाम बानाए रखने के लिये चुन लेगा बहुत दूर हो, और इस कारण वहां की यात्रा तेरे लिये इतनी लम्बी हो कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आशीष से मिली हुई वस्तुएं वहां न ले जा सके,

24. সেই যাত্রা যদি তোমার পক্ষে বড় দীর্ঘ হয় তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু আপন নাম স্থাপনার্থে যে স্থান মনোনীত করিবেন, তাহার দূরত্ব প্রযুক্ত যদি তুমি আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর আশীর্ব্বাদে প্রাপ্ত দ্রব্য তথায় লইয়া যাইতে না পার,

25. तो उसे बेचके, रूपये को बान्ध, हाथ में लिये हुए उस स्थान पर जाना जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा,

25. তবে সেই দ্রব্যে টাকা করিয়া সেই টাকা বাঁধিয়া হস্তে লইয়া আপন ঈশ্বর সদাপ্রভুর মনোনীত স্থানে যাইবে।

26. और वहां गाय- बैल, वा भेड़- बकरी, वा दाखमधु, वा मदिरा, वा किसी भांति की वस्तु क्यों न हो, जो तेरा जी चाहे, उसे उसी रूपये से मोल लेकर अपने घराने समेत अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खाकर आनन्द करना।

26. পরে সেই টাকা দিয়া তোমার প্রাণের অভিলষিত গোরু কি মেষ কি দ্রাক্ষারস কি মদ্য, বা যে কোন দ্রব্যে তোমার প্রাণের বাঞ্ছা হয়, তাহা ক্রয় করিয়া সেই স্থানে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর সম্মুখে ভোজন করিয়া সপরিবারে আনন্দ করিবে।

27. और अपने फाटकों के भीतर के लेवीय को न छोड़ना, क्योंकि तेरे साथ उसका कोई भाग वा अंश न होगा।।

27. আর তোমার নগরদ্বারের মধ্যবর্ত্তী লেবীয়কে ত্যাগ করিবে না, কেননা তোমার সহিত তাহার কোন অংশ কি অধিকার নাই।

28. तीन तीन वर्ष के बीतने पर तीसरे वर्ष की उपज का सारा दशंमांश निकालकर अपने फाटकों के भीतर इकट्ठा कर रखना;

28. তৃতীয় বৎসরের শেষে তুমি সেই বৎসরে উৎপন্ন আপন শস্যাদির যাবতীয় দশমাংশ বাহির করিয়া আনিয়া আপন নগর-দ্বারের ভিতরে সঞ্চয় করিয়া রাখিবে;

29. तब लेवीय जिसका तेरे संग कोई निज भाग वा अंश न होगा वह, और जो परदेशी, और अनाथ, और विधवांए तेरे फाटकों के भीतर हों, वे भी आकर पेट भर खाएं; जिस से तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझे आशीष दे।।

29. তাহাতে তোমার সহিত যাহার কোন অংশ কি অধিকার নাই, সেই লেবীয় এবং বিদেশী, পিতৃহীন ও বিধবা, তোমার নগর-দ্বারের মধ্যবর্ত্তী এই সকল লোক আসিয়া ভোজন করিয়া তৃপ্ত হইবে; এইরূপে যেন তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার হস্তকৃত সমস্ত কর্ম্মে তোমাকে আশীর্ব্বাদ করেন।



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