28. और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, बरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए।
28. And base things of the world, and things which are despised, hath God chosen, yea, and things which are not, to bring to nought things that are: