Acts - प्रेरितों के काम 22 | View All

1. हे भाइयों, और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे साम्हने कहता हूं।।

1. Ye men, brethren and Fathers, heare my defence nowe towards you.

2. वे यह सुनकर कि वह हम से इब्रानी भाषा में बोलता है, और भी चुप रहे। तब उस ने कहा;

2. (And when they heard that he spake in the Hebrewe tongue to them, they kept the more silence, and he sayd)

3. मैं तो यहूदी मनुष्य हूं, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पांवों के पास बैठकर पढ़ाया गया, और बापदादों की व्यवस्था की ठीक रीति पर सिखाया गया; और परमेश्वर के लिये ऐसी धुन लगाए था, जैसे तुम सब आज लगाए हो।

3. I am verely a man, which am a Iew, borne in Tarsus in Cilicia, but brought vp in this citie at the feete of Gamaliel, and instructed according to the perfect maner of the Lawe of the Fathers, and was zealous toward God, as ye all are this day.

4. और मैं ने पुरूष और स्त्री दोनों को बान्ध बान्धकर, और बन्दीगृह में डाल डालकर, इस पंथ को यहां तक सताया, कि उन्हें मरवा भी डाला।

4. And I persecuted this way vnto the death, binding and deliuering into prison both men and women.

5. इस बात के लिये महायाजक और सब पुरनिये गवाह हैं; कि उन में से मैं भाइयों के नाम पर चिटि्ठयां लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहां हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये बान्धकर यरूशलेम में लाऊं।

5. As also ye chiefe Priest doeth beare me witnes, and al the company of the Elders: of whom also I receiued letters vnto the brethren, and went to Damascus to bring them which were there, bound vnto Hierusalem, that they might be punished.

6. जब मैं चलते चलते दमिश्क के निकट पहुंचा, तो ऐसा हुआ कि दो पहर के लगभग एकाएक एक बड़ी ज्योति आकाश से मेरे चारों ओर चमकी।

6. And so it was, as I iourneyed and was come neere vnto Damascus about noone, that suddenly there shone from heauen a great light round about me.

7. और मैं भूमि पर गिर पड़ा: और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? मैं ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, तू कौन है?

7. So I fell vnto the earth, and heard a voyce, saying vnto me, Saul, Saul, why persecutest thou mee?

8. उस ने मुझ से कहा; मैं यीशु नासरी हूं, जिस तू सताता है?

8. Then I answered, Who art thou, Lord? And he said to me, I am Iesus of Nazareth, whom thou persecutest.

9. और मेरे साथियों ने ज्योति तो देखी, परन्तु जो मुझ से बोलता था उसका शब्द न सुना।

9. Moreouer they that were with me, sawe in deede a light and were afraide: but they heard not the voyce of him that spake vnto me.

10. तब मै। ने कहा; हे प्रभु मैं क्या करूं? प्रभु ने मुझ से कहा; उठकर दमिश्क में जा, और जो कुद तेरे करने के लिये ठहराया गया है वहां तुझ से सब कह दिया जाएगा।

10. Then I sayd, What shall I doe, Lord? And the Lord sayde vnto me, Arise, and goe into Damascus: and there it shall be tolde thee of all things, which are appointed for thee to doe.

11. जब उस ज्योति के तेज के मारे मुझे कुछ दिखाई न दिया, तो मैं अपने साथियों के हाथ पकड़े हुए दमिश्क में आया।

11. So when I could not see for the glory of that light, I was led by the hand of them that were with me, and came into Damascus.

12. और हनन्याह नाम का व्यवस्था के अनुसार एक भक्त मनुष्य, जो वहां के रहनेवाले सब यहूदियों में सुनाम था, मेरे पास आया।

12. And one Ananias a godly man, as perteining to the Lawe, hauing good report of all the Iewes which dwelt there,

13. और खड़ा होकर मुझ से कहा; हे भाई शाऊल फिर देखने लग: उसी घड़ी मेरे नेत्रा खुल गए और मैं ने उसे देखा।

13. Came vnto me, and stoode, and sayd vnto me, Brother Saul, receiue thy sight: and that same houre I looked vpon him.

14. तब उस ने कहा; हमारे बापदादों के परमेश्वर ने तुझे इसलिये ठहराया है, कि तू उस की इच्छा को जाने, और उस धर्मी को देखे, और उसके मुंह से बातें सुने।

14. And he sayd, The God of our fathers hath appointed thee, that thou shouldest knowe his wil, and shouldest see that Iust one, and shouldest heare the voyce of his mouth.

15. क्योंकि तू उस की ओर से सब मनुष्यों के साम्हने उन बातों का गवाह होगा, जो तू ने देखी और सुनी हैं।

15. For thou shalt be his witnes vnto all men, of the things which thou hast seene and heard.

16. अब क्यों देर करता है? उठ, बपतिस्मा ले, और उसका नाम लेकर अपने पापों को धो डाल।
योएल 2:32

16. Now therefore why tariest thou? Arise, and be baptized, and wash away thy sinnes, in calling on the Name of the Lord.

17. जब मैं फिर यरूशलेम में आकर मन्दिर में प्रार्थना कर रहा था, तो बेसुध हो गया।

17. And it came to passe, that when I was come againe to Hierusalem, and prayed in the Temple, I was in a traunce,

18. और उस ने देखा कि मुझ से कहता है; जल्दी करके यरूशलेम से झट निकल जा: क्योंकि वे मेरे विषय में तेरी गवाही न मानेंगे।

18. And saw him saying vnto me, Make haste, and get thee quickly out of Hierusalem: for they will not receiue thy witnes concerning me.

19. मैं ने कहा; हे प्रभु वे तो आप जानते हैं, कि मैं तुझ पर विश्वास करनेवालों को बन्दीगृह में डालता और जगह जगह आराधनालय में पिटवाता था।

19. Then I sayd, Lord, they know that I prisoned, and beat in euery Synagogue them that beleeued in thee.

20. और जब तेरे गवाह स्तिफनुस का लोहू बहाया जा रहा था तब मैं भी वहां खड़ा था, और इस बात में सहमत था, और उसके घातकों के कपड़ों की रखवाली करता था।

20. And when the blood of thy martyr Steuen was shed, I also stood by, and consented vnto his death, and kept the clothes of them that slew him.

21. और उस ने मुझ से कहा, चला जा: क्योंकि मैं तुझे अन्यजातियों के पास दूर दूर भेजूंगा।।

21. Then he sayd vnto me, Depart: for I will send thee farre hence vnto the Gentiles.

22. वे इस बात तक उस की सुनते रहे; तब ऊंचे शब्द से चिल्लाए, कि ऐसे मनुष्य का अन्त करो; उसका जीवित रहता उचित नहीं।

22. And they heard him vnto this worde, but then they lift vp their voyces, and sayd, Away with such a fellow from the earth: for it is not meete that he should liue.

23. जब वे चिल्लाते और कपड़े फेंकते और आकाश में धूल उड़ाते थे;

23. And as they cried and cast off their clothes, and threw dust into the aire,

24. तो पलटन के सूबेदार ने कहा; कि इसे गढ़ में ले जाओ; और कोड़े मारकर जांचो, कि मैं जानूं कि लोग किस कारण उसके विरोध में ऐसा चिल्ला रहे हैं।

24. The chiefe captaine commanded him to be led into the castle, and bade that he should be scourged, and examined, that he might knowe wherefore they cryed so on him.

25. जब उन्हों ने उसे तसमों से बान्धा तो पौलुस ने उस सूबेदार से जो पास खड़ा था कहा, क्या यह उचित है, कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए कोड़े मारो?

25. And as they bound him with thongs, Paul sayd vnto the Centurion that stood by, Is it lawfull for you to scourge one that is a Romane, and not condemned?

26. सूबेदार ने यह सुनकर पलटन के सरदार के पास जाकर कहा; तू यह क्या करता है? यह तो रामी है।

26. Nowe when the Centurion heard it, hee went, and tolde the chiefe captaine, saying, Take heede what thou doest: for this man is a Romane.

27. तब पलटन के सरदार ने उसके पास आकर कहा; मुझे बता, क्या तू रोमी है? उस ने कहा, हां।

27. Then the chiefe captaine came, and sayd to him, Tel me, art thou a Romane? And he said, Yea.

28. यह सुनकर पलटन के सरदार ने कहा; कि मैं ने रोमी होने का पद बहुत रूपये देकर पाया है: पौलुस ने कहा, मैं तो जन्म से रोमी हूं।

28. And the chiefe captaine answered, With a great summe obtained I this freedome. Then Paul sayd, But I was so borne.

29. तब जो लोग उसे जांचने पर थे, वे तुरन्त उसके पास से हट गए; और पलटन का सरदार भी यह जानकर कि यह रोमी है, और मैं ने उसे बान्धा है, डर गया।।

29. Then straightway they departed from him, which should haue examined him: and the chiefe captaine also was afrayd, after he knewe that hee was a Romane, and that he had bound him.

30. दूसरे दिन वह ठीक ठीक जानने की इच्छा से कि यहूदी उस पर क्यों दोष लगाते हैं, उसके बन्धन खोल दिए; और महायाजकों और सारी महासभा को इकट्ठे होने की आज्ञा दी, और पौलुस को नीचे ले जाकर उन के साम्हने खड़ा कर दिया।।

30. On the next day, because hee would haue knowen the certaintie wherefore he was accused of the Iewes, he loosed him from his bonds, and commanded the hie Priests and all their Councill to come together: and he brought Paul, and set him before them.



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