Acts - प्रेरितों के काम 13 | View All

1. अन्ताकिया की कलीसिया में कितने भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात् बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और देश की चौथाई के राजा हेरोदेस का दूधभाई मनाहेम और शाऊल।

1. There were at Antioche, in the congregation, (certain) prophets and doctors,(teachers:) as Barnabas and Simeonb called Nyger; And Lucius of Cerene, and Manahen Herod the tetrarkes nurse-fellow, and Saul.

2. जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे था, तो पवित्रा आत्मा ने कहा; मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिस के लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।

2. As they served God,(ministered to the Lord) and fasted; The holy ghost said: separate me Barnabas and Saul, for the work whereunto I have called them.

3. तब उन्हों ने उपवास और प्रार्थना करके और उन पर हाथ रखकर उन्हें विदा किया।।

3. Then fasted they and prayed, and put their hands on them, and let them go.

4. सो वे पवित्रा आत्मा के भेजे हुए सिलूकिया को गए; और वहां से जहाज पर चढ़कर कुप्रुस को चले।

4. And they after they were(And they being) sent of the holy ghost, came unto Seleutia, and from thence they sailed to Cyprus.

5. और सलमीस में पहुंचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों की अराधनालयों में सुनाया; और यूहन्ना उन का सेवक था।

5. And when they were come to Solamine, they shewed the word of God in the synagogues, unto(of) the jews. And they had John to their minister.

6. और उस सारे टापू में होते हुए, पाफुस तक पहुंचे: वहां उन्हें बार-यीशु नाम एक यहूदी टोन्हा और झूठा भविष्यद्वक्ता मिला।

6. When they had gone over all(thorowout) the Isle unto the city of Paphos, they found a certain sorcerer, a false prophet which was a jew,

7. वह सिरगियुस पौलुस सूबे के साथ था, जो बुद्धिमान पुरूष था: उस ने बरनबास और शाऊल को अपने पास बुलाकर परमेश्वर का वचन सुनना चाहा।

7. named Barjesu,(Bariesu) which was with the ruler of the country one Sergius Paulus a prudent man.(man of understanding) The same ruler called unto him Barnabas and Saul, and desired to hear the word of God.

8. परन्तु इलीमास टोन्हे ने, क्योंकि यही उसके नाम का अर्थ है उन का साम्हना करके, सूबे को विश्वास करने से रोकता चाहा।

8. (But) The sorcerer Elemas (for so was his name by interpretation) withstood(stood) them, and sought to turn away the ruler from the faith.

9. तब शाऊल ने जिस का नाम पौलुस भी है, पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो उस की ओर टकटकी लगाकर कहा।

9. Then Saul which also is called Paul being full of the holy ghost, set his eyes on him, and said:

10. हे सारे कपट और सब चतुराई से भरे हुए शैतान की सन्तान, सकल धर्म के बैरी, क्या तू प्रभु के सीधे मार्गों को टेढ़ा करना न छोड़ेगा?
नीतिवचन 10:9, होशे 14:9

10. O full of all subtlety(futility) and deceitfulness the(,and) child of the devil, and the enemy of all righteousness thou ceasest not to pervert the straight ways of the Lord.

11. अब देख, प्रभु का हाथ तुझ पर लगा है; और तू कुछ समय तक अन्धा रहेगा और सूर्य को न देखेगा: तब तुरन्त धुन्धलाई और अन्धेरा उस पर छा गया, और वह इधर उधर टटोलने लगा, ताकि कोई उसका हाथ पकड़के ले चले।

11. And now behold the hand of the Lord is upon thee, and thou shalt be blind and not see the sun for a season. And immediately (there) fell on him a mist and a darkness; And he went about seeking, them that should lead him by the hand.

12. तब सूबे ने जो कुछ हुआ था, देखकर और प्रभु के उपदेश से चकित होकर विश्वास किया।।

12. Then the ruler when he saw what had happened, believed, and wondered at the doctrine of the Lord.

13. पौलुस और उसके साथी पाफुस से जहाज खोलकर पंफूलिया के पिरगा में आए: और यूहन्ना उन्हें छोड़कर यरूशलेम को लौट गया।

13. When Paul and they that were with him, had shipped(departed by ship) from Paphus, they came to Perga a city of Pamphilia. (And) There departed John from them, and returned to Jerusalem.

14. और पिरगा से आगे बढ़कर के पिसिदिया के अन्ताकिया में पहुंचे; और सब्त के दिन अराधनालय में जाकर बैठ गए।

14. But they wandered thorow the countries, from Perga to Antioche a city of the country of Pisidia, and went into the synagogue on the Sabbath day, and sat down.

15. और व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक के पढ़ने के बाद सभा के सरदारों ने उन के पास कहला भेजा, कि हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।

15. (And) After the lecture of the law and the prophets,(were read) the rulers of the synagogue sent unto them saying: Ye men and brethren, if ye have any sermon to exhort the people, say on.

16. तब पौलुस ने खड़े होकर और हाथ से सैन करके कहा; हे इस्त्राएलियों, और परमेश्वर से डरनेवालों, सुनो।

16. (Then) Paul stood up and beckoned with his(the) hand(that they should hold their peace) and said: Men of Israel, and ye that fear God, give audience.(hearken to:)

17. इन इस्त्राएली लोगों के परमेश्वर ने हमारे बापदादों को चुन लिया, और जब ये मिसर देश में परदेशी होकर रहते थे, तो उन की उन्नति की; और बलवन्त भुजा से निकाल लाया।
निर्गमन 6:1, निर्गमन 6:6, निर्गमन 12:51

17. The God of this people chose our fathers, and exalted the people when they dwelt as strangers in the land of Egypt, and with a mighty arm brought them out of it,

18. और वह कोई चालीस वर्ष तक जंगल में उन की सहता रहा।
निर्गमन 16:35, गिनती 14:34, व्यवस्थाविवरण 1:31

18. and about the time of forty years, suffered he their manners in the wilderness.

19. और कनान देश में सात जातियों का नाश करके उन का देश कोई साढ़े चार सौ वर्ष में इन की मीरास में कर दिया।
व्यवस्थाविवरण 7:1, यहोशू 14:1

19. And he destroyed seven nations in the land of Canaan, and divided(parted) their land to them by Lott.

20. इस के बाद उस ने सामुएल भविष्यद्वक्ता तक उन में न्यायी ठहराए।
न्यायियों 2:16, 1 शमूएल 3:20

20. And afterward he gave unto them judges about the space of four hundred and fifty years unto the time of Samuel the prophet.

21. उसके बाद उन्हों ने एक राजा मांगा: तब परमेश्वर ने चालीस वषै के लिये बिन्यामीन के गोत्रा में से एक मनुष्य अर्थात् कीश के पुत्रा शाऊल को उन पर राजा ठहराया।
1 शमूएल 8:5, 1 शमूएल 8:19, 1 शमूएल 10:20-21, 1 शमूएल 10:24, 1 शमूएल 11:15

21. And after that they desired a king, and God gave unto them Saul the son of Cis, a man of the tribe of Benjamin, by the space of forty years.

22. फिर उसे अलग करके दाऊद को उन का राजा बनाया; जिस के विषय में उस ने गवाही दी, कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्रा दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा।
1 शमूएल 13:14, 1 शमूएल 16:12-13, भजन संहिता 89:20, यशायाह 44:28

22. And after he had put him down, he set up David to be their king, to(of) whom he gave witness,(reported) saying: I have found David the son of Jesse, a man after mine own heart, he shall fulfil all my will.

23. इसी के वंश में से परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार इस्त्राएल के पास एक उद्धारकर्ता, अर्थात् यीशु को भेजा।
2 शमूएल 7:12-13, यशायाह 11:1

23. Of this man's seed hath God (according to his promise) brought forth to the people of Israel a saviour, one Jesus,

24. जिस के आने से पहिले यूहन्ना ने सब इस्त्राएलियों को मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार किया।

24. when John had first preached before his coming the baptism of repentance to Israel.

25. और जब यूहन्ना अपना दौर पूरा करने पर था, तो उस ने कहा, तुम मुझे क्या समझते हो? मैं वह नहीं! बरन देखो, मेरे बाद एक आनेवाला है, जिस के पांवों की जूती मैं खोलने के योग्य नहीं।

25. (And) When John had fulfilled his course, he said: Whom ye think that I am? the same am I not, but behold there cometh one after me, whose shoes of his feet I am not worthy to loose.(lowse)

26. हे भाइयो, तुम जो इब्राहीम की सन्तान हो; और तुम जो परमेश्वर से डरते हो, तुम्हारे पास इस उद्धार का वचन भेजा गया है।
भजन संहिता 107:20

26. Ye men and brethren, children of the generation off Abraham, and whosoever among you feareth God, to you is this word of health(salvation) sent.

27. क्योंकि यरूशलेम के रहनेवालों और उनके सरदारों ने, न उसे पहचाना, और न भविष्यद्वक्ताओं की बातें समझी; जो हर सब्त के दिन पढ़ी जाती हैं, इसलिये उसे दोषी ठहराकर उन को पूरा किया।

27. The inhabiters of Jerusalem, and their rulers because they knew him not, nor yet the voices of the prophets which are read every Sabbath day, (they) have fulfilled them in condemning him.

28. उन्हों ने मार डालने के योग्य कोई दोष उस में ने पाया, तौभी पीलातुस से बिनती की, कि वह मार डाला जाए।

28. And when they found no cause of death in him, yet desired they Pilate to kill him.

29. और जब उन्हों ने उसके विषय में लिखी हुई सब बातें पूरी की, तो उसे क्रूस पर से उतार कर कब्र में रखा।

29. And when they had fulfilled all that were written of him, they took him down from the tree and put(laid) him in a sepulchre:

30. परन्तु परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया।

30. But God raised him again from death, (the third day)

31. और वह उन्हें जो उसके साथ गलील से यरूशलेम आए थे, बहुत दिनों तक दिखाई देता रहा; लोगों के साम्हने अब वे भी उसके गवाह हैं।

31. and he was seen(appeared) many days of them, which came with him from Galilee to Jerusalem which are his witnesses unto the people.

32. और हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में, जो बापदादों से की गई थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं।

32. And we declare unto you, how that the promise made unto the fathers;

33. कि परमेश्वर ने यीशु को जिलाकर, वही प्रतिज्ञा हमारी सन्तान के लिये पूरी की, जैसा दूसरे भजन में भी लिखा है, कि तू मेरा पुत्रा है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।
भजन संहिता 2:7

33. God hath now fulfilled unto us the(their) children, in that he raised up Jesus again, even as it is written in the * first psalm: Thou art my son, this same day begat I thee. *(other: second psalm:)

34. और उसके इस रीति से मरे हुओं में से जिलाने के विषय में भी, कि वह कभी न सड़े, उस ने यों कहा है; कि मैं दाऊद पर की पवित्रा और अचल कृपा तुम पर करूंगा।
यशायाह 55:3

34. As concerning that he so raised him up from death, now no more to return to corruption, he said on this wise: The holy promises made(grace promised) to David I will keep faithfully.(give them faithfully to you.)

35. इसलिये उस ने एक और भजन में भी कहा है; कि तू अपने पवित्रा जन को सड़ने न देगा।
भजन संहिता 16:10

35. Wherefore he saith also in another place: Thou shalt not suffer thy Saincte(thine Holy) to see corruption.

36. क्योंकि दाऊद तो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने समय में सेवा करके सो गया; और अपने बापदादों में जा मिला; और सड़ भी गया।
न्यायियों 2:10, 1 राजाओं 2:10

36. For(Howbeit) David after he had in his time fulfilled(had served) the will of God, he slept, and was laid with his fathers, and saw corruption.

37. परन्तु जिस को परमेश्वर ने जिलाया, वह सड़ने नहीं पाया।

37. But he whom God raised again, saw no corruption.

38. इसलिये, हे भाइयो; तुम जान लो कि इसी के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है।

38. Be it known unto you therefore ye men and brethren, that thorow this man is preached unto you the forgiveness of sins;

39. और जिन बातों से तुम मूसा की व्यवस्था के द्वारा निर्दोष नहीं ठहर सकते थे, उन्हीं सब से हर एक विश्वास करनेवाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है।

39. And (that) by him are all that believe (,are) justified from all things from the which ye could not be justified by the law of Moses.

40. इसलिये चौकस रहो, ऐसा न हो, कि जो भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में आया है,

40. Beware therefore lest that fall on you, which is spoken of in the prophets:

41. तुम प्र भी आ पड़े कि हे निन्दा करनेवालो, देखो, और चकित हो, और मिट जाओ; क्योंकि मैं तुम्हारे दिनों में एक काम करता हूं; ऐसा काम, कि यदि कोई तुम से उसकी चर्चा करे, तो तुम कभी प्रतीति न करोगे।।
हबक्कूक 1:5

41. Behold ye despisers, and wonder, and perish ye: for I do a work in your days, which ye shall not believe, if a man would declare it you.

42. उन के बाहर निकलते समय लोग उन से बिनती करने लगे, कि अगले सब्त के दिन हमें ये बातें फिर सुनाई जाएं।

42. When the jews(they) were gone(come) out of the Synagogue,(Synagogue of the Iews) the gentiles besought them that they would preach the word of god to them between the Sabbath days.

43. और जब सभा उठ गई तो यहूदियों और यहूदी मत में आए हुए भक्तों में से बहुतेरे पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिए; और उन्हों ने उन से बातें करके समझाया, कि परमेश्वर के अनुग्रह में बने रहो।।

43. When the congregation was broken up, many of the jews and virtuous proselytes(converts) followed Paul and Barnabas, which spake to them and exhorted them to continue in the grace of God.

44. अगले सब्त के दिन नगर के प्राय: सब लोग परमेश्वर का वचन सुनने को इकट्ठे हो गए।

44. And the next Sabbath day came Almost the whole city together(to gether) to hear the word of God.

45. परन्तु यहूदी भीड़ को देखकर डाह से भर गए, और निन्दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे।

45. When the jews saw the people, they were full of indignation and spake against those things which were spoken of Paul; They spake(,speaking) against it, and dispraised it, railing on it.

46. तब पोलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहिले तुम्हें सुनाया जाता: परन्तु जब कि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो देखो, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं।

46. Then Paul and Barnabas waxed bold, and said: it was meet that the word of God should first have been preached to you. But seeing ye put it from you, and think yourselves unworthy of everlasting life, lo, we turn to the gentiles.

47. क्योंकि प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है; कि मै। ने तुझे अन्याजातियों के लिये ज्योति ठहराया है; ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो।
यशायाह 49:6

47. For so hath the Lord commanded us: I have made thee a light to the gentiles, that thou be health(salvation) unto the end of the world.

48. यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे: और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्हों ने विश्वास किया।

48. The gentiles heard, and were glad and glorified(praised) the word of the Lord, and believed even as many as were ordained unto eternal(everlasting) life.

49. तब प्रभु का वचन उस सारे देश में फैलने लगा।

49. And the word of the Lord was published(spread abroad) thorowout all the region.

50. परन्तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों को और नगर के बड़े लोगों को उसकाया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवाकर उन्हें अपने सिवानों से निकाल दिया।

50. But the jews moved the worshipful and honorable women, and the chief men of the city. And raised persecution against Paul and Barnabas, and expelled them out of their coasts.

51. तब वे उन के साम्हने अपने पांवों की धूल झाड़कर इकुनियुम को गए।

51. But(And) they shook off the dust off their feet against them, and came unto Iconium.

52. और चेले आनन्द से और पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण होते रहे।।

52. And the disciples were filled with joy and with the holy ghost.



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