John - यूहन्ना 7 | View All

1. इन बातों के बाद यीशु गलील में फिरता रहा, क्योंकि यहूदी उसे मार डालने का यत्न कर रहे थे, इसलिये वह यहूदिया में फिरना न चाहता था।

1. After this, Jesus went from place to place in Galilee. He did not go about in Judaea, because the Jews were looking for a chance to put him to death.

2. और यहूदियों का मण्डपों का पर्ब्ब निकट था।
लैव्यव्यवस्था 23:34

2. But the feast of the Jews, the feast of tents, was near.

3. इसलिये उसके भाइयों ने उस से कहा, यहां से कूच करके यहूदिया में चला जा, कि जो काम तू करता है, उन्हें तेरे चेले भी देखें।

3. So his brothers said to him, Go away from here into Judaea so that your disciples may see the works which you do.

4. क्योंकि ऐसा कोई न होगा जो प्रसिद्ध होना चाहे, और छिपकर काम करे: यदि तू यह काम करता है, तो अपने तई जगत पर प्रगट कर।

4. Because no man does things secretly if he has a desire that men may have knowledge of him. If you do these things, let yourself be seen by all men.

5. क्योंकि उसके भाई भी उस पर विश्वास नहीं करते थे।

5. For even his brothers had no belief in him.

6. तब यीशु ने उन से कहा, मेरा समय अभी नहीं आया; परन्तु तुम्हारे लिये सब समय है।

6. Jesus said to them, My time is still to come, but any time is good for you.

7. जगत तुम से बैर नहीं कर सकता, परन्तु वह मुझ से बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विरोध में यह गवाही देता हूं, कि उसके काम बुरे हैं।

7. It is not possible for you to be hated by the world; but I am hated by it, because I give witness that what it does is evil.

8. तुम पर्ब्ब में जाओ: मैं अभी इस पर्ब्ब में नहीं जाता; क्योंकि अभी तक मेरा समय पूरा नहीं हुआ।

8. Go you up to the feast: I am not going up now to the feast because my time has not fully come.

9. वह उन से ये बातें कहकर गलील ही में रह गया।।

9. Having said these things to them, he still kept in Galilee.

10. परन्तु जब उसके भाई पर्ब्ब में चले गए, तो वह आप ही प्रगट में नहीं, परन्तु मानों गुप्त होकर गया।

10. But after his brothers had gone up to the feast, then he went up, not publicly, but in secret.

11. तो यहूदी पर्ब्ब में उसे यह कहकर ढूंढ़ने लगे कि वह कहां है?

11. At the feast the Jews were looking for him and saying, Where is he?

12. और लोगों में उसके विषय चुपके चुपके बहुत सी बातें हुईं: कितने कहते थे; वह भला मनुष्य है: और कितने कहते थे; नहीं, वह लोगों को भरमाता है।

12. And there was much discussion about him among the mass of the people. Some said, He is a good man; but others said, No, he is giving people false ideas.

13. तौभी यहूदियों के भय के मारे कोई व्यक्ति उसके विषय में खुलकर नहीं बोलता था।

13. But no man said anything about him openly for fear of the Jews.

14. और जब पर्ब्ब के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा।

14. Now in the middle of the feast Jesus went up to the Temple and was teaching.

15. तब यहूदियों ने अचम्भा करके कहा, कि इसे बिन पढ़े विद्या कैसे आ गई?

15. Then the Jews were surprised and said, How has this man got knowledge of books? He has never been to school.

16. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजनेवाले का है।

16. Jesus gave them this answer: It is not my teaching, but his who sent me.

17. यदि कोई उस की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूं।

17. If any man is ready to do God's pleasure he will have knowledge of the teaching and of where it comes from -- from God or from myself.

18. जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बढ़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उस में अधर्म नहीं।

18. The man whose words come from himself is looking for glory for himself, but he who is looking for the glory of him who sent him -- that man is true and there is no evil in him.

19. क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? तौभी तुम में से काई व्यवस्था पर नहीं चलता। तुम क्यों मुझे मार डालना चाहते हो?

19. Did not Moses give you the law? Even so, not one of you keeps the law. Why have you a desire to put me to death?

20. लोगों ने उत्तर दिया; कि तुझ में दुष्टात्मा है; कौन तुझे मार डालना चाहता है?

20. The people said in answer, You have an evil spirit: who has any desire to put you to death?

21. यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं ने एक काम किया, और तुम सब अचम्भा करते हो।

21. This was the answer of Jesus: I have done one work and you are all surprised at it.

22. इसी कारण मूसा ने तुम्हें खतने की आज्ञा दी है (यह नहीं कि वह मूसा की ओर से है परन्तु बाप- दादों से चली आई है), और तुम सब्त के दिन को मनुष्य का खतना करते हो।
उत्पत्ति 17:10-13, लैव्यव्यवस्था 12:3

22. Moses gave you circumcision -- not that it comes from Moses, but from the fathers -- and even on the Sabbath you give a child circumcision.

23. जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिये क्रोध करते हो, कि मैं ने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया।

23. If a child is given circumcision on the Sabbath so that the law of Moses may not be broken, why are you angry with me because I made a man completely well on the Sabbath?

24. मुंह देखकर न्याय न चुकाओ, परन्तु ठीक ठीक न्याय चुकाओ।।
लैव्यव्यवस्था 19:15, यशायाह 11:3, यशायाह 11:4

24. Let not your decisions be based on what you see, but on righteousness.

25. तब कितने यरूशलेमी कहने लगे; क्या यह वह नहीं, जिस के मार डालने का प्रयत्न किया जा रहा है।

25. Then some of the people of Jerusalem said, Is not this the man whose death is desired?

26. परन्तु देखो, वह तो खुल्लमखुल्ला बातें करता है और कोई उस से कुछ नहीं कहता; क्या सम्भव है कि सरदारों ने सच सच जान लिया है; कि यही मसीह है।

26. And here he is talking openly and they say nothing to him! Is it possible that the rulers have knowledge that this is truly the Christ?

27. इस को तो हम जानते हैं, कि यह कहां का है; परन्तु मसीह जब आएगा, तो कोई न जानेगा कि वह कहां का है।

27. However, it is clear to us where this man comes from: but when the Christ comes no one will have knowledge where he comes from.

28. तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकार के कहा, तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां का हूं: मैं तो आप से नहीं आया परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है, उस को तुम नहीं जानते।

28. Then, when he was teaching in the Temple, Jesus said with a loud voice, You have knowledge of me and you have knowledge of where I come from; and I have not come of myself; but there is One who has sent me; he is true, but you have no knowledge of him.

29. मैं उसे जानता हूं; क्योंकि मैं उस की ओर से हूं और उसी ने मुझे भेजा है।

29. I have knowledge of him because I came from him and he sent me.

30. इस पर उन्हों ने उसे पकड़ना चाहा तौभी किसी ने उस पर हाथ न डाला, क्योंकि उसका समय अब तक न आया था।

30. Then they had a desire to take him: but no man put hands on him because his hour was still to come.

31. और भीड़ में से बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया, और कहने लगे, कि मसीह जब आएगा, तो क्या इस से अधिक आश्चर्यकर्म दिखाएगा जो इस ने दिखाए?

31. And numbers of the people had belief in him, and they said, When the Christ comes will he do more signs than this man has done?

32. फरीसियों ने लोगों को उसके विषय में ये बातें चुपके चुपके करते सुना; और महायाजकों और फरीसियों ने उसके पकड़ने को सिपाही भेजे।

32. This discussion of the people came to the ears of the Pharisees; and the chief priests and the Pharisees sent servants to take him.

33. इस पर यीशु ने कहा, मैं थोड़ी देर तक और तुम्हारे साथ हूं; तब अपने भेजनेवाले के पास चला जाऊंगा।

33. Then Jesus said, I will be with you a little longer and then I go to him who sent me.

34. तुम मुझे ढूंढ़ोगे, परन्तु नहीं पाओगे और जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं आ सकते।

34. You will be looking for me, and you will not see me: and where I am you may not come.

35. यहूदियों ने आपस में कहा, यह कहां जाएगा, कि हम इसे न पाएंगे: क्या वह उन के पास जाएगा, जो यूनानियों में तित्तर बित्तर होकर रहते हैं, और यूनानियों को भी उपदेश देगा?

35. So the Jews said among themselves, To what place is he going where we will not see him? will he go to the Jews living among the Greeks and become the teacher of the Greeks?

36. यह क्या बात है जो उस ने कही, कि तुम मुझे ढूंढ़ोगे, परन्तु न पाओगे: और जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं आ सकते?

36. What is this saying of his, You will be looking for me and will not see me, and where I am you may not come?

37. फिर पर्ब्ब के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई पियासा हो तो मेरे पास आकर पीए।
लैव्यव्यवस्था 23:36, यशायाह 55:1

37. On the last day, the great day of the feast, Jesus got up and said in a loud voice, If any man is in need of drink let him come to me and I will give it to him.

38. जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रा शास्त्रा में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेगी।
नीतिवचन 18:4, यशायाह 58:11, जकर्याह 14:8

38. He who has faith in me, out of his body, as the Writings have said, will come rivers of living water.

39. उस ने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने पर थे; क्योंकि आत्मा अब तक न उतरा था; क्योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।
यशायाह 44:3

39. This he said of the Spirit which would be given to those who had faith in him: the Spirit had not been given then, because the glory of Jesus was still to come.

40. तब भीड़ में से किसी किसी ने ये बातें सुन कर कहा, सचमुच यही वह भविष्यद्वक्ता है।
व्यवस्थाविवरण 18:15

40. When these words came to their ears, some of the people said, This is certainly the prophet.

41. औरों ने कहा; यह मसीह है, परन्तु किसी ने कहा; क्यों? क्या मसीह गलील से आएगा?

41. Others said, This is the Christ. But others said, Not so; will the Christ come from Galilee?

42. क्या पवित्रा शास्त्रा में नहीं आया, कि मसीह दाऊद के वंश से और बैतलहम गांव से आएगा जहां दाऊद रहता था?
2 शमूएल 7:12-13, भजन संहिता 89:3-4, यशायाह 11:1, यिर्मयाह 23:5-6, यिर्मयाह 33:15, मीका 5:2

42. Do not the Writings say that the Christ comes of the seed of David and from Beth-lehem, the little town where David was?

43. सो उसके कारण लोगों में फूट पड़ी।

43. So there was a division among the people because of him.

44. उन में से कितने उसे पकड़ना चाहते थे, परन्तु किसी ने उस पर हाथ न डाला।।

44. And some of them had a desire to take him; but no man put hands on him.

45. तब सिपाही महायाजकों और फरीसियों के पास आए, और उन्हों ने उन से कहा, तुम उसे क्यों नहीं लाए?

45. Then the servants went back to the chief priests and Pharisees, who said to them, Why have you not got him with you?

46. सिपाहियों ने उत्तर दिया, कि किसी मनुष्य ने कभी ऐसी बातें न की।
भजन संहिता 45:2

46. The servants made answer, No man ever said things like this man.

47. फरीसियों ने उन को उत्तर दिया, क्या तुम भी भरमाए गए हो?

47. Then the Pharisees said to them, Have you, like the others, been given false ideas?

48. क्या सरदारों या फरीसियों में से किसी ने भी उस पर विश्वास किया है?

48. Have any of the rulers belief in him, or any one of the Pharisees?

49. परन्तु ये लोग जो व्यवस्था नहीं जानते, स्त्रापित हैं।

49. But these people who have no knowledge of the law are cursed.

50. नीकुदेमुस ने, (जो पहिले उसके पास आया था और उन में से एक था), उन से कहा।

50. Nicodemus -- he who had come to Jesus before, being himself one of them -- said to them,

51. क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति को जब तक पहिले उस की सुनकर जान न ले, कि वह क्या करता है; दोषी ठहराती है?
व्यवस्थाविवरण 1:16

51. Is a man judged by our law before it has given him a hearing and has knowledge of what he has done?

52. उन्हों ने उसे उत्तर दिया; क्या तू भी गलील का है ढूंढ़ और देख, कि गलील से कोई भविष्यद्वक्ता प्रगट नहीं होने का।

52. This was their answer: And do you come from Galilee? Make search and you will see that no prophet comes out of Galilee.

53. तब सब कोई अपने अपने घर को गए।।

53. [And every man went to his house;



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