31. और वह उन्हें सिखाने लगा, कि मनुष्य के पुत्रा के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरनिए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें और वह तीन दिन के बाद जी उठे।
31. He then began explaining things to them: 'It is necessary that the Son of Man proceed to an ordeal of suffering, be tried and found guilty by the elders, high priests, and religion scholars, be killed, and after three days rise up alive.'